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Kamalnath On Govind Singh: मंत्री गोविंद राजपूत के गढ़ में गरजे पूर्व CM, बोले- 40 दिन में चलेगी कमलनाथ के न्याय की चक्की

पूर्व सीएम व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ बुधवार को सिंधिया के करीबी गोविंद सिंह राजपूत के गढ़ सुरखी पहुंचे. जहां उन्होंने गोविंद सिंह का नाम लिए बिना जमकर निशाना साधा.

Kamalnath On Govind Singh
कमलनाथ
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 1, 2023, 8:46 PM IST

Updated : Nov 1, 2023, 11:08 PM IST

गोविंद सिंह पर बरसे कमलनाथ

सागर। बुंदेलखंड पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी और 2020 में बगावत के मुख्य सूत्रधार रहे मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के गढ़ में ताल ठोकी है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गोविंद सिंह राजपूत के विधानसभा क्षेत्र सुरखी के जैसीनगर में कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में सभा को संबोधित करते हुए पहले तो गोविंद सिंह राजपूत की प्रताड़ना का शिकार हुए लोगों के नाम गिनाए. साथ ही कहा कि इधर आकर मुझे अत्याचार और भ्रष्टाचार का राज नजर आ रहा है. उन्होंने तीखे तेवर अपनाते हुए कहा कि कमलनाथ 2018 का मॉडल नहीं रहा, अब 2023 का मॉडल है. 40 दिन के बाद मध्य प्रदेश में कमलनाथ के न्याय की शक्ति चलेगी.

40 दिन बाद चलेगी कमलनाथ के न्याय की चक्की: पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सुरखी विधानसभा के जैसीनगर में सभा की शुरुआत में ही अपने तीखे तेवर दिखाये. उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड वीरों की भूमि है, मैं इस भूमि को प्रणाम करता हूं और इधर आकर मुझे शक्ति मिलती है, लेकिन आज जब मैंने यहां आकर यहां के लोगों पर हुए अत्याचारों की बात सुनी, तो मुझे ताज्जुब हुआ कि मैं सुरखी के जैसीनगर आया हूं कि अत्याचार और भ्रष्टाचार के केंद्र आया हूं. यह पूरी सुरखी विधानसभा क्षेत्र भ्रष्टाचार और अत्याचार का केंद्र बन गया है.

कमलनाथ ने कहा कि सब कान खोलकर सुन लें, अब कमलनाथ 2018 का नहीं 2023 का मॉडल है और कैसे न्याय करना है, मुझे कोई पाठ नहीं पढ़ा सकता है. आज जिन्होंने अत्याचार और भ्रष्टाचार किया है. आप सबको गुलाम माना है. आप सब में सहनशक्ति थी कि आप इतने सालों से सब सहते रहे, लेकिन अत्याचार और भ्रष्टाचार करने वाले सब कान खोलकर सुन लें, कि 40 दिन बाद कमलनाथ की न्याय की चक्की चलेगी और जो अत्याचार और भ्रष्टाचार करने वाले थे, वह भी सुनने की क्या होने वाला है और किसके साथ होने वाला है. उन्होंने कहा कि 17 दिसंबर को आप अपने भविष्य के लिए वोट करने वाले हैं.

MP Election 2023
सभा को संबोधित करते कमलनाथ

बगावत के मुख्य सूत्रधार थे गोविंद सिंह राजपूत: मध्य प्रदेश के सियासी गलियारों में यह हमेशा चर्चा का विषय रहता है और कमलनाथ सरकार के तख्ता पलट के जानकारों का मानना है कि जब कमलनाथ सरकार से सिंधिया समर्थकों ने बगावत की थी, तो बेंगलुरु जाने की योजना सभी विधायकों को पता नहीं थी. तब मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिलावट ही ऐसे दो व्यक्ति थे, जिनको सरकार के तख्ता पलट की योजना की पहले से जानकारी थी.

यहां पढ़ें...

ऐसे में गोविंद सिंह राजपूत को घेरने के लिए कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह को सुरखी विधानसभा की कमान सौंपी थी. चुनाव का ऐलान होने के पहले तक दिग्विजय सिंह सुरखी विधानसभा के हर छोटे बड़े मुद्दों को लेकर मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर लगातार हमलावर रहे हैं. वहीं आज जिस तरह से कमलनाथ ने सभा की शुरुआत से ही गोविंद सिंह राजपूत का नाम लिए बिना अपने तीखे तेवर दिखाये हैं. उससे साफ है कि कांग्रेस बगावत के मुख्य सूत्रधारों को अभी भी निशाने पर लिए हुए हैं.

गोविंद सिंह पर बरसे कमलनाथ

सागर। बुंदेलखंड पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी और 2020 में बगावत के मुख्य सूत्रधार रहे मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के गढ़ में ताल ठोकी है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गोविंद सिंह राजपूत के विधानसभा क्षेत्र सुरखी के जैसीनगर में कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में सभा को संबोधित करते हुए पहले तो गोविंद सिंह राजपूत की प्रताड़ना का शिकार हुए लोगों के नाम गिनाए. साथ ही कहा कि इधर आकर मुझे अत्याचार और भ्रष्टाचार का राज नजर आ रहा है. उन्होंने तीखे तेवर अपनाते हुए कहा कि कमलनाथ 2018 का मॉडल नहीं रहा, अब 2023 का मॉडल है. 40 दिन के बाद मध्य प्रदेश में कमलनाथ के न्याय की शक्ति चलेगी.

40 दिन बाद चलेगी कमलनाथ के न्याय की चक्की: पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सुरखी विधानसभा के जैसीनगर में सभा की शुरुआत में ही अपने तीखे तेवर दिखाये. उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड वीरों की भूमि है, मैं इस भूमि को प्रणाम करता हूं और इधर आकर मुझे शक्ति मिलती है, लेकिन आज जब मैंने यहां आकर यहां के लोगों पर हुए अत्याचारों की बात सुनी, तो मुझे ताज्जुब हुआ कि मैं सुरखी के जैसीनगर आया हूं कि अत्याचार और भ्रष्टाचार के केंद्र आया हूं. यह पूरी सुरखी विधानसभा क्षेत्र भ्रष्टाचार और अत्याचार का केंद्र बन गया है.

कमलनाथ ने कहा कि सब कान खोलकर सुन लें, अब कमलनाथ 2018 का नहीं 2023 का मॉडल है और कैसे न्याय करना है, मुझे कोई पाठ नहीं पढ़ा सकता है. आज जिन्होंने अत्याचार और भ्रष्टाचार किया है. आप सबको गुलाम माना है. आप सब में सहनशक्ति थी कि आप इतने सालों से सब सहते रहे, लेकिन अत्याचार और भ्रष्टाचार करने वाले सब कान खोलकर सुन लें, कि 40 दिन बाद कमलनाथ की न्याय की चक्की चलेगी और जो अत्याचार और भ्रष्टाचार करने वाले थे, वह भी सुनने की क्या होने वाला है और किसके साथ होने वाला है. उन्होंने कहा कि 17 दिसंबर को आप अपने भविष्य के लिए वोट करने वाले हैं.

MP Election 2023
सभा को संबोधित करते कमलनाथ

बगावत के मुख्य सूत्रधार थे गोविंद सिंह राजपूत: मध्य प्रदेश के सियासी गलियारों में यह हमेशा चर्चा का विषय रहता है और कमलनाथ सरकार के तख्ता पलट के जानकारों का मानना है कि जब कमलनाथ सरकार से सिंधिया समर्थकों ने बगावत की थी, तो बेंगलुरु जाने की योजना सभी विधायकों को पता नहीं थी. तब मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिलावट ही ऐसे दो व्यक्ति थे, जिनको सरकार के तख्ता पलट की योजना की पहले से जानकारी थी.

यहां पढ़ें...

ऐसे में गोविंद सिंह राजपूत को घेरने के लिए कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह को सुरखी विधानसभा की कमान सौंपी थी. चुनाव का ऐलान होने के पहले तक दिग्विजय सिंह सुरखी विधानसभा के हर छोटे बड़े मुद्दों को लेकर मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर लगातार हमलावर रहे हैं. वहीं आज जिस तरह से कमलनाथ ने सभा की शुरुआत से ही गोविंद सिंह राजपूत का नाम लिए बिना अपने तीखे तेवर दिखाये हैं. उससे साफ है कि कांग्रेस बगावत के मुख्य सूत्रधारों को अभी भी निशाने पर लिए हुए हैं.

Last Updated : Nov 1, 2023, 11:08 PM IST
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