सागर। पूर्व केंद्रीय मंत्री और मध्यप्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर वैसे तो बुंदेलखंड में पिछले कई महीनों से सक्रिय हैं और तमाम 6 जिलों का दौरा कर चुके हैं, लेकिन अब उन्हें पूरे बुंदेलखंड का प्रभारी बनाया गया और जल्द ही वो बुंदेलखंड में चुनावी अभियान की शुरूआत करने वाले हैं. अरूण यादव के जून माह के पहले हफ्ते में होने जा रहे सागर जिले के दौरे की तैयारियों की शुरूआत हो गयी है, आगामी जून माह की शुरूआत में अरूण यादव बीना से परिवर्तन यात्रा की शुरूआत करेंगे और फिर सागर जिले की दूसरी विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करके चुनावी तैयारियों का जायजा लेंगे.
ओबीसी राजनीति के लिए अरूण यादव को कमान: 2018 की तरह कांग्रेस ने बुंदेलखंड में ओबीसी राजनीति पर फोकस करके अरूण यादव को बुंदेलखंड की कमान सौंपी है. बुंदेलखंड में ओबीसी वोट बैंक में लोधी, यादव और कुर्मी वोट बैंक काफी ज्यादा है. बुंदेलखंड में करीब 60 फीसदी ओबीसी मतदाताओं की संख्या है. एक अनुमान के मुताबिक इसमें यादव मतदाताओं की संख्या 22 फीसदी है. 2018 में बुंदेलखंड में कांग्रेस ने लोधी नेताओं पर दाव खेला था, लेकिन राहुल लोधी और प्रद्युम्न सिंह लोधी के धोखे के बाद कांग्रेस अब यादव वोट बैंक पर ज्यादा फोकस कर रही है. साल 2018 में कांग्रेस ने बुंदेलखंड की बंडा, दमोह, जबेरा, बडा मलहरा जैसी सीटों पर लोधी प्रत्याशी उतारे थे और जबेरा छोडकर सभी प्रत्याशी चुनाव जीते थे, लेकिन सिंधिया खेमे की बगावत के बाद दमोह विधायक राहुल लोधी और बड़ा मलहरा विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी ने भी कांग्रेस का दामन छोडकर भाजपा का दामन थाम लिया था. हालांकि राहुल लोधी को तो करारी हार का सामना करना पड़ा. ऐसे में कांग्रेस यादव और कुर्मी वोट बैंक का समीकरण बनाकर बुंदेलखंड फतह करने की तैयारी कर रही है.
प्रभारी बाद में बने सक्रियता पहले ही बढ़ी: जहां तक अरूण यादव को बुंदेलखंड का प्रभारी बनाए जाने की बात है, तो उन्होंने पिछले महीने अधिकारिक तौर पर बुंदेलखंड की कमान सौंपी गयी है, लेकिन अरूण यादव की सक्रियता पिछले एक साल से बुंदेलखंड में बढ़ गयी थी. वो अपने राजनीतिक और व्यक्तिगत कार्यक्रमों के जरिए बुंदेलखंड के तमाम 6 जिलों का दौरा कर चुके हैं. पिछले दिनों सागर में भाजपा नेता द्वारा जीप से कुचलकर मारे गए युवक जग्गू यादव को न्याय दिलाने के लिए उन्होंने बड़ा धरना सागर में दिया था और दूसरे दिन आरोपी भाजपा नेता के होटल को सरकार को ढहाना पड़ा था. इसके अलावा राजनीतिक कार्यक्रमों के जरिए अरूण यादव बुंदेलखंड के सभी जिलों टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह, छतरपुर, पन्ना और सागर का कई बार दौरा कर चुके हैं. बुंदेलखंड प्रभारी के तौर पर अपने अगले दौरे में अरूण यादव विधानसभा स्तर पर पार्टी की तैयारियों की नब्ज टटोलने के साथ परिवर्तन का आगाज करेंगे.
क्या है अरूण यादव का कार्यक्रम: बुंदेलखंड प्रभारी बनने के बाद अरुण यादव का पहला अधिकारिक दौरा 2 जून से शुरू होगा. 2 जून को दौरे की शुरूआत बीना से करेंगे. जहां अरुण यादव परिवर्तन रैली में शामिल होंगे और परिवर्तन सभा को संबोधित करेंगे. इसके बाद 3 जून को अरुण यादव सागर और नरयावली विधानसभा के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ बैठक करके चुनावी तैयारियों की समीक्षा करेंगे. इसके बाद 4 जून को अरुण यादव रहली विधानसभा का दौरा करेंगे और चुनावी तैयारियों का जायजा लेंगे.
क्या कहना है कांग्रेस का: अरुण यादव के दौरे की तैयारियों की कमान संभाल रहे वीर सिंह यादव बताते हैं कि बुंदेलखंड पिछले काफी दिनों से प्रभाव की स्थिति में है. बुंदेलखंड का जो वैभव है, इतिहास और गौरव है. भाजपा के कार्यकाल में बुंदेलखंड पराभाव की स्थिति में पहुंच गया है. अरुण यादव प्रदेश में परिवर्तन के वाहक हैं. मध्यप्रदेश में आस्था यात्रा, जनविश्वास यात्रा जैसे कार्यक्रमों से जननेता के रूप में उभरे हैं. एमपी प्रभारी जेपी अग्रवाल और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने अरुण यादव को बुंदेलखंड का सम्मान लौटाने की जिम्मेदारी है. हम सब कांग्रेस जन इसी मुहिम में लगे हैं कि अरुण यादव के नेतृत्व में कांग्रेस बुंदेलखंड में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीते और कांग्रेस की सरकार में बुंदेलखंड का ज्यादा से ज्यादा प्रतिनिधित्व हो.