सागर। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही सियासी पारा बढ़ने लगा है. हालात ये है कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जहां पिछले 3 दिनों से बुंदेलखंड में कांग्रेस की हारी हुई सीटों पर संगठन की मजबूती और चुनावी तैयारियों का जायजा लेते हुए पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव के गृह नगर गढ़ाकोटा पहुंचे, तो वहीं गोपाल भार्गव कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में सेंध लगाने पहुंच गए हैं.
विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस-बीजेपी तैयार: गोपाल भार्गव रहली विधानसभा से 1985 से लगातार विधायक हैं, वहीं कमलनाथ ने भी छिंदवाड़ा संसदीय सीट से 9 बार जीत हासिल की है और फिलहाल वहीं के विधायक हैं. दरअसल कांग्रेस ने अपनी जमीनी तैयारियों की जिम्मेदारी दिग्विजय सिंह को सौंपी है, वहीं भाजपा अपने उन अनुभवी उम्र दराज नेताओं की नाराजगी कम करने और अनुभव का लाभ विधानसभा चुनाव में लेना चाह रही है जो विपरीत परिस्थितियों में भी चुनाव जीतते आए हैं. इसी के चलते गोपाल भार्गव को महाकौशल की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
रियासत का गजब संयोग: बुंदेलखंड दौरे के पहले चरण में दिग्विजय सिंह 10 से 13 अप्रैल तक सागर जिले की 6 विधानसभा सीट रहली, नरयावली, सागर, बीना, खुरई और सुरखी में पार्टी की जमीनी हकीकत और चुनावी तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे थे. इसी दौरान 13 अप्रैल को दिग्विजय सिंह दोपहर के बाद रहली विधानसभा के गढ़ाकोटा पहुंचे जो मंत्री गोपाल भार्गव का गृह नगर है, यहां दिग्गी राजा ने कार्यकर्ताओं की बैठक ली और चुनाव तैयारियों का जायजा लिया. जब दिग्विजय सिंह गोपाल भार्गव के गृह नगर गढ़ाकोटा में उनकी घेराबंदी कर रहे थे, तब मंत्री भार्गव महाकौशल के 3 जिलों का दौरा कर कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा पहुंचे थे. सियासत का यह अजीबोगरीब संयोग प्रदेश भर में चर्चा का विषय है.
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दिग्विजय सिंह के जरिए कांग्रेस टटोल रही है नब्ज: कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ये स्वीकार करने में कभी कोताही नहीं करते कि भाजपा के मुकाबले कांग्रेस का संगठन उतना मजबूत नहीं है. इसी वजह से आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर संगठन के लिए समर्पित और कार्यकर्ताओं में जोश भरने वाले नेता की छवि वाले दिग्विजय सिंह को प्रदेश की उन सीटों की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जहां कांग्रेस का विधायक नहीं है. इसी के तहत दिग्विजय सिंह बुंदेलखंड पहुंचे थे और अपने दौरे में उन्होंने सागर और दमोह जिले की उन सीटों की तैयारियों का जायजा लिया, जिन पर कांग्रेस लंबे समय से नहीं जीती है. बुंदेलखंड का एकमात्र संभागीय मुख्यालय सागर कांग्रेस के लिए इस वजह से भी अहम है, क्योंकि यहां 8 विधानसभा है. यह प्रदेश का एकमात्र ऐसा जिला है जिसके 3 कद्दावर मंत्री शिवराज सरकार में शामिल हैं. ये नेता गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह और गोविंद सिंह राजपूत हैं. भूपेंद्र सिंह की विधानसभा खुरई और गोविंद सिंह राजपूत की विधानसभा सुरखी में कांग्रेस कोशिश भी कर सकती है और संभावना भी तलाश सकती है, लेकिन रहली में गोपाल भार्गव के रहते कांग्रेस की जीत की संभावनाएं कम नजर आती है.
कमलनाथ के गढ़ पहुंचे भार्गव: कांग्रेस की चुनावी तैयारियां तेज होने और दिग्विजय सिंह के प्रदेश दौरे के बाद सत्ताधारी दल भाजपा भी सतर्क हो गई है और कांग्रेस की तरह अपने बुजुर्ग नेताओं पर भरोसा जताकर नेताओं की योग्यता के लिहाज से जिम्मेदारी सौंपी. इसी के तहत पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव के लिए महाकौशल की जिम्मेदारी सौंपी गई है और 10 अप्रैल से गोपाल भार्गव भी महाकौशल अंचल के दौरे पर हैं. हालांकि इसे भाजपा के बुजुर्ग नेताओं को जिम्मेदारी देने और नाराजगी कम करने के तौर पर देखा जा रहा है. इस लिस्ट में बीजेपी के कई बड़े नेताओं के नाम शामिल हैं. पार्टी के निर्देश के बाद गोपाल भार्गव ने 10 अप्रैल से दौरा शुरू किया और गुरुवार को सिवनी से होते हुए छिंदवाड़ा पहुंचे, जहां उन्होंने कार्यकर्ताओं की बैठक ली और चुनावी रणनीति पर चर्चा की.