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MP Dalit Politics: 12 अगस्त को MP दौरे पर आएंगे PM, खड़गे 24 घंटे भी नहीं करेंगे इंतजार, मोदी के तुरंत बाद दलितों को रिझाने पहुंचेंगे सागर

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां दलित वोट बैंक को साधने में जुटी हुई है. रविदास मंदिर का भूमिपूजन करने जहां पीएम मोदी 12 अगस्त को सागर पहुंचेंगे, तो वहीं दूसरे ही दिन कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकाअर्जुन खड़गे भी सभा करने सागर आ रहे हैं.

MP Dalit Politics
दलित वोट का दंगल
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Published : Jul 24, 2023, 9:41 PM IST

सागर में होगी मल्लिकाअर्जुन खड़गे की सभा

सागर। आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव में दलित वोट हासिल करने के लिए देश और मध्य प्रदेश के दोनों प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. खासकर मध्य प्रदेश के दलित बाहुल्य इलाके बुंदेलखंड पर दोनों दलों की नजर है. दलित वोट बैंक को रिझाने केंद्र और राज्य की सत्ता में बैठी भाजपा के पास सौगातों का पिटारा है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस के पास दलित अत्याचार और पिछडे़पन के आरोप हैं. दोनों दल अपने-अपने तरीके से दलितों को रिझाने में जुट गए हैं. मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने 100 करोड़ के रविदास मंदिर का दांव खेला है. सागर के बड़तूमा में संत रविदास का 100 करोड़ रुपए का भव्य मंदिर और स्मारक बनाया जा रहा है. खास बात ये है कि इसका सियासी फायदा उठाने के लिए भाजपा 25 जुलाई से संत रविदास मंदिर निर्माण यात्रा प्रदेश के चार जिलों से शुरू कर रही है. जो प्रदेश भर में होते हुए 12 अगस्त को सागर पहुंचेगी और इसी दिन पीएम मोदी सागर पहुंचकर रविदास मंदिर का भूमिपूजन करेंगे. खास बात ये है कि वोटों का ये संघर्ष इतना पेचीदा हो गया है कि मोदी के दौरे के 24 घंटे भी नहीं बीतेंगे और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकाअर्जुन खड़गे सागर पहुंचेंगे. दोनों दिग्गज नेताओं के कार्यक्रम एक ही विधानसभा क्षेत्र नरयावली में आयोजित होंगे, जो विधानसभा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है.

भाजपा का 100 करोड़ का रविदास मंदिर: दलितों को रिझाने भाजपा की सौगात की बात करें तो रविदास जयंती के अवसर पर सागर में 8 फरवरी को मध्यप्रदेश सरकार ने रविदास महाकुंभ का आयोजन किया था. जिसमें सीएम शिवराज सिंह ने दलितों के धर्मगुरु संत रविदास का भव्य स्मारक बनाने का एलान किया था. ये मंदिर करीब 11 एकड़ के परिसर में 100 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा. जिसका स्थान सागर शहर से लगी नरयावली विधानसभा के बड़तूमा में तय किया गया है. अब इस घोषणा का सियासी फायदा चुनाव में लेने के लिए भाजपा 25 जुलाई से संत रविदास मंदिर निर्माण यात्रा प्रदेश के मांडू, नीमच, सिंगरौली, बालाघाट और श्योपुर से प्रदेश के 50 जिलों से होते हुए 12 अगस्त को सागर पहुंचेगी. यात्रा में संत रविदास का चित्र,चरण पादुका और कलश रहेगा. यात्रा के जरिए प्रदेश भर में माहौल बनाने के लिए भाजपा मिट्टी और नदियों का जल एकत्रित करेगी और 12 अगस्त तक सागर पहुंचेगी. 12 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सागर पहुंचेंगे और रविदास मंदिर का भूमिपूजन करेंगे. पीएम के दौरे की तैयारियां लगभग शुरू हो चुकी है.

दूसरे दिन पहुंचेंगे मल्लिकार्जुन खडगे: खास बात ये है कि दलित वोटों के सियासी दंगल में मोदी के दूसरे दिन कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सागर पहुंचेंगे. जो खुद अनुसूचित जाति समुदाय से आते हैं. खास बात ये है कि मल्लिकार्जुन खड़गे भी नरयावली विधानसभा क्षेत्र के कजलीवन मैदान में विशाल सभा को संबोधित करेंगे. यहां पूरे बुंदेलखंड से दलितों को इकट्ठा कर लाया जाएगा. हालांकि कांग्रेस के पास सौगातों की छड़ी नहीं है, लेकिन कांग्रेस के पास दलित अत्याचार और उत्पीड़न के गंभीर आरोप है. जिसका नमूना आज ही मल्लिकाअर्जुन खड़गे ने छतरपुर के महाराजपुर के एक गांव में दलित युवक पर मैला डाले जाने की घटना को लेकर मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार को आडे़ हाथों लिया है और आरोप लगाया है कि दलित अत्याचार में मध्यप्रदेश पूरे देश में अव्वल नंबर पर है.

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दलित वोट बैंक पर फोकस क्यों: दरअसल मध्यप्रदेश की बात करें तो पिछले विधानसभा चुनाव में दलित वोट बैंक भाजपा के हाथ से छिटक गया था. भाजपा ने जहां 2013 चुनाव में मध्यप्रदेश की अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित 35 सीटों में से 32 सीटें हासिल की थी, तो 2018 चुनाव में कांग्रेस ने सेंध लगाते हुए 35 में से 18 सीट जीत ली थी. इसका बड़ा कारण ग्वालियर चंबल में आरक्षण को लेकर दलित सवर्ण संघर्ष के दौरान गोली चलना और उसके बाद दलितों पर हजारों की संख्या में केस दर्ज किया जाना था. एमपी के ग्वालियर-चंबल और बुंदेलखंड में दलितों की संख्या काफी ज्यादा है. जिनमें अहिरवार और जाटव जाति का बाहुल्य है, जो संत रविदास के अनुयायी है. दलित बाहुल्य वाले इलाके बुंदेलखंड में अहिरवार और ग्वालियर चंबल में जाटव मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है. पूरे मध्यप्रदेश की बात करें, तो साढे़ सात करोड़ आबादी वाले मध्य प्रदेश में करीब 80 लाख दलित वोटर हैं. जो कुल जनसंख्या का करीब 17 फीसदी हैं. 35 सीटें तो सीधे तौर पर अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित है. इसके अलावा करीब 80 सीटों पर दलित वोटर का रूख हार जीत का कारण बनता है.

क्या कहना है कांग्रेस का: एक तरफ पीएम मोदी के दौरे को लेकर सत्ताधारी दल भाजपा और प्रशासन तैयारियों में जुट गया है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने मल्लिकार्जुन खड़गे के दौरे की तैयारियां तेज कर दी है. पीएम के दौरे के दूसरे दिन ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के दौरे को लेकर कांग्रेस के सागर जिले के प्रभारी अविनाश भार्गव का कहना है कि "हमारा दौरा पहले तय हो चुका था और हमारा कार्यक्रम देखकर भाजपा ने आनन-फानन में रविदास मंदिर का कार्यक्रम बनाया है. दलित आत्मसम्मान के लिए लड़ रहा है और बुंदेलखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश में दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं. दलितों को उनका हक और सम्मान दिलाने की जरूरत है. वहीं संभागीय प्रवक्ता अभिषेक गौर का कहना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे का ये पहला सागर दौरा है. जिसको लेकर कांग्रेस काफी उत्साहित है और उनके दौरे को सफल बनाने में जुट गयी है. पूरे बुंदेलखंड से करीब 40 हजार लोग इस सभा में शामिल होंगे. जहां तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बात है, तो अब बुंदेलखंड और प्रदेश की जनता उनके झांसे में नहीं आने वाली है."

सागर में होगी मल्लिकाअर्जुन खड़गे की सभा

सागर। आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव में दलित वोट हासिल करने के लिए देश और मध्य प्रदेश के दोनों प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. खासकर मध्य प्रदेश के दलित बाहुल्य इलाके बुंदेलखंड पर दोनों दलों की नजर है. दलित वोट बैंक को रिझाने केंद्र और राज्य की सत्ता में बैठी भाजपा के पास सौगातों का पिटारा है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस के पास दलित अत्याचार और पिछडे़पन के आरोप हैं. दोनों दल अपने-अपने तरीके से दलितों को रिझाने में जुट गए हैं. मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने 100 करोड़ के रविदास मंदिर का दांव खेला है. सागर के बड़तूमा में संत रविदास का 100 करोड़ रुपए का भव्य मंदिर और स्मारक बनाया जा रहा है. खास बात ये है कि इसका सियासी फायदा उठाने के लिए भाजपा 25 जुलाई से संत रविदास मंदिर निर्माण यात्रा प्रदेश के चार जिलों से शुरू कर रही है. जो प्रदेश भर में होते हुए 12 अगस्त को सागर पहुंचेगी और इसी दिन पीएम मोदी सागर पहुंचकर रविदास मंदिर का भूमिपूजन करेंगे. खास बात ये है कि वोटों का ये संघर्ष इतना पेचीदा हो गया है कि मोदी के दौरे के 24 घंटे भी नहीं बीतेंगे और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकाअर्जुन खड़गे सागर पहुंचेंगे. दोनों दिग्गज नेताओं के कार्यक्रम एक ही विधानसभा क्षेत्र नरयावली में आयोजित होंगे, जो विधानसभा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है.

भाजपा का 100 करोड़ का रविदास मंदिर: दलितों को रिझाने भाजपा की सौगात की बात करें तो रविदास जयंती के अवसर पर सागर में 8 फरवरी को मध्यप्रदेश सरकार ने रविदास महाकुंभ का आयोजन किया था. जिसमें सीएम शिवराज सिंह ने दलितों के धर्मगुरु संत रविदास का भव्य स्मारक बनाने का एलान किया था. ये मंदिर करीब 11 एकड़ के परिसर में 100 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा. जिसका स्थान सागर शहर से लगी नरयावली विधानसभा के बड़तूमा में तय किया गया है. अब इस घोषणा का सियासी फायदा चुनाव में लेने के लिए भाजपा 25 जुलाई से संत रविदास मंदिर निर्माण यात्रा प्रदेश के मांडू, नीमच, सिंगरौली, बालाघाट और श्योपुर से प्रदेश के 50 जिलों से होते हुए 12 अगस्त को सागर पहुंचेगी. यात्रा में संत रविदास का चित्र,चरण पादुका और कलश रहेगा. यात्रा के जरिए प्रदेश भर में माहौल बनाने के लिए भाजपा मिट्टी और नदियों का जल एकत्रित करेगी और 12 अगस्त तक सागर पहुंचेगी. 12 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सागर पहुंचेंगे और रविदास मंदिर का भूमिपूजन करेंगे. पीएम के दौरे की तैयारियां लगभग शुरू हो चुकी है.

दूसरे दिन पहुंचेंगे मल्लिकार्जुन खडगे: खास बात ये है कि दलित वोटों के सियासी दंगल में मोदी के दूसरे दिन कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सागर पहुंचेंगे. जो खुद अनुसूचित जाति समुदाय से आते हैं. खास बात ये है कि मल्लिकार्जुन खड़गे भी नरयावली विधानसभा क्षेत्र के कजलीवन मैदान में विशाल सभा को संबोधित करेंगे. यहां पूरे बुंदेलखंड से दलितों को इकट्ठा कर लाया जाएगा. हालांकि कांग्रेस के पास सौगातों की छड़ी नहीं है, लेकिन कांग्रेस के पास दलित अत्याचार और उत्पीड़न के गंभीर आरोप है. जिसका नमूना आज ही मल्लिकाअर्जुन खड़गे ने छतरपुर के महाराजपुर के एक गांव में दलित युवक पर मैला डाले जाने की घटना को लेकर मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार को आडे़ हाथों लिया है और आरोप लगाया है कि दलित अत्याचार में मध्यप्रदेश पूरे देश में अव्वल नंबर पर है.

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दलित वोट बैंक पर फोकस क्यों: दरअसल मध्यप्रदेश की बात करें तो पिछले विधानसभा चुनाव में दलित वोट बैंक भाजपा के हाथ से छिटक गया था. भाजपा ने जहां 2013 चुनाव में मध्यप्रदेश की अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित 35 सीटों में से 32 सीटें हासिल की थी, तो 2018 चुनाव में कांग्रेस ने सेंध लगाते हुए 35 में से 18 सीट जीत ली थी. इसका बड़ा कारण ग्वालियर चंबल में आरक्षण को लेकर दलित सवर्ण संघर्ष के दौरान गोली चलना और उसके बाद दलितों पर हजारों की संख्या में केस दर्ज किया जाना था. एमपी के ग्वालियर-चंबल और बुंदेलखंड में दलितों की संख्या काफी ज्यादा है. जिनमें अहिरवार और जाटव जाति का बाहुल्य है, जो संत रविदास के अनुयायी है. दलित बाहुल्य वाले इलाके बुंदेलखंड में अहिरवार और ग्वालियर चंबल में जाटव मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है. पूरे मध्यप्रदेश की बात करें, तो साढे़ सात करोड़ आबादी वाले मध्य प्रदेश में करीब 80 लाख दलित वोटर हैं. जो कुल जनसंख्या का करीब 17 फीसदी हैं. 35 सीटें तो सीधे तौर पर अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित है. इसके अलावा करीब 80 सीटों पर दलित वोटर का रूख हार जीत का कारण बनता है.

क्या कहना है कांग्रेस का: एक तरफ पीएम मोदी के दौरे को लेकर सत्ताधारी दल भाजपा और प्रशासन तैयारियों में जुट गया है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने मल्लिकार्जुन खड़गे के दौरे की तैयारियां तेज कर दी है. पीएम के दौरे के दूसरे दिन ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के दौरे को लेकर कांग्रेस के सागर जिले के प्रभारी अविनाश भार्गव का कहना है कि "हमारा दौरा पहले तय हो चुका था और हमारा कार्यक्रम देखकर भाजपा ने आनन-फानन में रविदास मंदिर का कार्यक्रम बनाया है. दलित आत्मसम्मान के लिए लड़ रहा है और बुंदेलखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश में दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं. दलितों को उनका हक और सम्मान दिलाने की जरूरत है. वहीं संभागीय प्रवक्ता अभिषेक गौर का कहना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे का ये पहला सागर दौरा है. जिसको लेकर कांग्रेस काफी उत्साहित है और उनके दौरे को सफल बनाने में जुट गयी है. पूरे बुंदेलखंड से करीब 40 हजार लोग इस सभा में शामिल होंगे. जहां तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बात है, तो अब बुंदेलखंड और प्रदेश की जनता उनके झांसे में नहीं आने वाली है."

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