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प्रधानमंत्री आवास योजना में घोटाले को लेकर विधायक ने कमिश्नर से की मुलाकात, जांच की उठाई मांग

सागर नगर पालिका निगम के अधिकारियों पर प्रधानमंत्री आवास योजना में घोटाले का आरोप लगा है. मामले की शिकायत विधायक को मिलने पर विधायक ने संभागीय कमिश्नर जेके जैन से मुलाकात की और आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की है.

Commissioner's office
कमिश्नर ऑफिस
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Published : Jun 12, 2020, 10:39 PM IST

Updated : Jun 12, 2020, 11:02 PM IST

सागर । जिले की नगर पालिका निगम में प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर रोज नए घोटाले के आरोप सामने आ रहे हैं. जिसको लेकर सागर विधायक शैलेंद्र जैन ने मोर्चा संभालते हुए घोटाले की जांच कराने की मांग की है. विधायक ने संभागीय कमिश्नर जेके जैन से मुलाकात की और योजना में हुए घोटाले की जानकारी कमिश्नर को देकर आरोपियों पर FIR की मांग की है. दरअसल सागर में प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन कर रही नगर पालिका निगम में लंबे समय से घोटाले की बात सामने आ रही है.

विधायक शैलेंद्र जैन

जिसको लेकर कई बार जांच की मांग उठी, लेकिन मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई. जबकि स्थानीय मीडिया ने कई बार लोगों को गलत तरीके से मिले लाभ की खबरें भी दिखाईं, लेकिन किसी भी तरह की जांच नहीं हुई.

निगम कमिश्नर आरपी अहिरवार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार के आरोपी लगे, जिनमें चिन्हित हितग्राहियों की सूची में फेरबदल करते हुए बीच के पन्नों को गायब कर फर्जी नामों की सूची जोड़ दी गई. जिस पर निगम कमिश्नर आरपी अहिरवार के फर्जी हस्ताक्षर की बात भी सामने आई है. अब तक ना ही मामले की जांच हुई और ना ही किसी आरोपी पर कार्रवाई हुई है.

सागर । जिले की नगर पालिका निगम में प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर रोज नए घोटाले के आरोप सामने आ रहे हैं. जिसको लेकर सागर विधायक शैलेंद्र जैन ने मोर्चा संभालते हुए घोटाले की जांच कराने की मांग की है. विधायक ने संभागीय कमिश्नर जेके जैन से मुलाकात की और योजना में हुए घोटाले की जानकारी कमिश्नर को देकर आरोपियों पर FIR की मांग की है. दरअसल सागर में प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन कर रही नगर पालिका निगम में लंबे समय से घोटाले की बात सामने आ रही है.

विधायक शैलेंद्र जैन

जिसको लेकर कई बार जांच की मांग उठी, लेकिन मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई. जबकि स्थानीय मीडिया ने कई बार लोगों को गलत तरीके से मिले लाभ की खबरें भी दिखाईं, लेकिन किसी भी तरह की जांच नहीं हुई.

निगम कमिश्नर आरपी अहिरवार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार के आरोपी लगे, जिनमें चिन्हित हितग्राहियों की सूची में फेरबदल करते हुए बीच के पन्नों को गायब कर फर्जी नामों की सूची जोड़ दी गई. जिस पर निगम कमिश्नर आरपी अहिरवार के फर्जी हस्ताक्षर की बात भी सामने आई है. अब तक ना ही मामले की जांच हुई और ना ही किसी आरोपी पर कार्रवाई हुई है.

Last Updated : Jun 12, 2020, 11:02 PM IST
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