सागर। कोरोना वायरस की जद में पूरी दुनिया आ गई है, प्रदेश के अधिकतम जिलों में कोरोना का कहर साफ देखने को मिल रहा है. सागर के शनिचरी वार्ड में कोरोना संक्रमित मरीज के मिलने के बाद हालात तेजी से बदल गए हैं. जिसके बाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी और बढ़ गई है, जहां एक ओर विभाग के कर्मचारी जोखिम उठाकर अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. वहीं संक्रमित युवक के घर के आस पास स्वास्थ्य विभाग के अमले को जानकारी नहीं देने और उनसे अभद्र व्यवहार करने का मामला सामने आया है.
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ईटीवी भारत से अपनी परेशानी साझा करते हुए बताया कि जिस क्षेत्र में कोरोना संक्रमित पाया गया है. उसके आस पास करीब 3 किलोमीटर के क्षेत्र में विभाग सामान्य जानकारी जुटाने का प्रयास कर रहा है. जिससे संक्रमण के लक्षण वाले लोगों का प्राथमिक उपचार और जांच कराई जा सके, लेकिन बहुत से घरों में न तो उन्हें जानकारी दी गई है, बल्कि उनके साथ अभद्रता करते हुए कहीं दरवाजे बंद किए गए तो कहीं उन्हें वहां से खदेड़ दिया गया है.
अपने साथ हुए अभद्र व्यवहार के बाद जांच दल पुलिस सुरक्षा की मांग कर रहा है. जिससे उनकी सुरक्षा भी पुख्ता हो सके. सागर के शनिचरी वार्ड में जिले का पहला कोरोना संक्रमित पाया गया है, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद युवक के पूरे परिवार को जांच के लिए ले जाया गया, जबकि युवक की ट्रवेल हिस्ट्री भी खंगाली जा रही है.
सीएचएमओ के निर्देश पर एक टीम गठित की गई है, जो पूरे क्षेत्र में कोरोना के लक्षण वाले संदिग्धों की रिपोर्ट तैयार कर सके, लेकिन ये टीम जब क्षेत्र में लोगों के घरों पर पूछताछ करने का प्रयास कर रही है तो कुछ लोग तो जानकारी दे रहे हैं, लेकिन बहुत से लोग टीम से गलत व्यवहार करते हुए जानकारी देने से इनकार कर रहे हैं.
स्वास्थ्य विभाग की टीम में ज्यादातर महिलाएं ही हैं, जिससे वे ऐसे संवेदनशील क्षेत्र में असुरक्षित महसूस कर रही हैं. लिहाजा ईटीवी भारत से बातचीत में महिलाओं ने सुरक्षा के लिए टीम के साथ पुलिस जवान भेजने की मांग भी की है. साथ ही लोगों से सही जानकारी देने की अपील की है. ये टीम केवल सर्दी-बुखार जैसे सामान्य सवाल करके कोरोना के लक्षण वाले लोगों का डाटा तैयार कर रहा है. जिसके अनुरूप ही प्रशासन आगे की रणनीति तैयार करेगा.