सागर। बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज (Bundelkhand Medical College) के चिकित्सा शिक्षा संघ (Medical Education Association) का पत्र सागर से लेकर भोपाल तक चर्चा में है. इस पत्र में चिकित्सा शिक्षा संघ (Medical Education Association) ने भोपाल के वल्लभ भवन (Vallabh Bhawan) और सतपुड़ा भवन (Satpura Bhawan) के अफसरों के लिए कुछ ऐसी बाते लिखी है, जिनपर कई लोगों ने आपत्ति जताई है. बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा शिक्षा संघ ने यह पत्र मेडिकल एसोसिएशन (Medical Association) के अध्यक्ष और सचिव को लिखा है.
पत्र में क्या लिखा है?
चिकित्सा शिक्षक संघ (Medical Education Association) ने अपने पत्र में लिखा है कि "वल्लभ भवन (Vallabh Bhawan) और सतपुड़ा भवन (Satpura Bhawan) के अफसर पत्नियों से लड़कर आते हैं और उनको कब्जियत (Constipation) रहती है, इस कारण वो पूरे दिन अतार्किक (Illogical) निर्णय लेते हैं." चिकित्सा शिक्षक संघ का यह गुस्सा उस फैसले के खिलाफ है, जिसमें चिकित्सा शिक्ष विभाग के कर्मचारियों को सातवां वेतनमान (7th Pay Scale) 2018 से देने की बात कही गई है, जबकि प्रदेश सरकार के दूसरे विभागों में सातवां वेतनमान 2016 से दिया जा रहा है.
कब्जियत दूर करने का सीरप भेजें
इस लेटर में आगे लिखा गया है कि जब डॉक्टर्स इस फैसले के खिलाफ अपर मुख्य सचिव से मिलने गए थे, तो उन्होंने बोला था कि "डॉक्टर साहब, सस्पेंड नहीं करूंगा, सीधा मेडिकल रजिस्ट्रेशन कैंसिल करूंगा. प्रैक्टिस करने लायक नहीं छोड़ूंगा." पत्र में आगे लिखा है कि ऐसे अफसरों की मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग करवाएं. जब तक व्यवस्था नहीं होती तब तक सभी चिकित्सा शिक्षक उनके ईमेल और वॉट्सऐप पर मोटिवेशनल वीडियो और ऑफिस के एड्रेस पर Syp Cremaffin Plus भेजें.
वायरल पत्र को लेकर टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सर्वेश जैन का कहना है कि "हमें ऐसा पत्र इसलिए लिखना पड़ा क्योंकि पिछले 2 सालों से हम पत्र के माध्यम से आवेदन और निवेदन करते आ रहे थे. लेकिन महोदय लोगों पर कोई असर नहीं पड़ रहा था. हम यह जानना चाहते हैं कि आखिर हमें सभी विभागों से अलग क्यों रखा गया."