सागर। जिला पंचायत सदस्य के चुनाव मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के भाई हीरा सिंह राजपूत प्रदेश भर में इकलौते निर्विरोध निर्वाचित हुए थे, लेकिन दूसरी तरफ उनके गृह ग्राम में ही केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के समर्थक ने गोविंद सिंह राजपूत के भतीजे को जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में हरा दिया. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि प्रहलाद पटेल अपने समर्थक को जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने के लिए हरसंभव कोशिश करेंगे. दूसरी तरफ गोविंद सिंह राजपूत के भाई हीरासिंह राजपूत जिला पंचायत अध्यक्ष बनने के लिए जोड़-तोड़ शुरू कर दी है.
भाजपा समर्थित उम्मीदवारों का दबदबा : सागर जिले में 26 जिला पंचायत सदस्यों के 3 चरणों में चुनाव संपन्न हुए थे. चुनाव परिणाम के घोषित होते ही और विजयी उम्मीदवारों के प्रमाण पत्र वितरित होते ही सागर जिला पंचायत की तस्वीर साफ हो गई है। जिला पंचायत की 26 सीटों में 16 पर बीजेपी, 7 सीटों पर कांग्रेस और 3 सीटों पर अन्य उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. एक तरह से तय हो गया है कि सागर जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर बीजेपी का ही कब्जा होगा, लेकिन बीजेपी में जिला पंचायत अध्यक्ष पद को लेकर घमासान देखने मिल सकता है.
मंत्री भूपेंद्र सिंह के भतीजे ने नामांकन वापस लिया था : बाद में दोनों पक्षों में हुई बैठक में मंत्री भूपेंद्र सिंह के भतीजे ने अपने नामांकन वापस ले लिया था. तभी से तय माना जा रहा था कि हीरा सिंह राजपूत जिला पंचायत अध्यक्ष पद के दावेदार होंगे. जिला पंचायत अध्यक्ष पद की राह आसान बनाने के लिए राजपूत परिवार ने अपने परिवार के सदस्यों और समर्थकों को भी जिला पंचायत सदस्य के उम्मीदवार के तौर पर उतारा था. इसके पहले मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की पत्नी सविता सिंह राजपूत जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर रह चुकी हैं. पिछले कार्यकाल में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह राजपूत की बहू दिव्या सिंह जिला पंचायत सागर की अध्यक्ष थी.
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केंद्रीय मंत्री ने बिगाड़ दिए समीकरण : केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल वैसे तो दमोह संसदीय सीट के सांसद हैं, लेकिन उनके संसदीय क्षेत्र में सागर जिले कि 3 विधानसभा आती हैं. जिनमें रेहली, देवरी और बंडा शामिल हैं. ऐसी स्थिति में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल की सक्रियता से मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के भाई की दावेदारी को कड़ी चुनौती मिलती दिख रही है. दरअसल, प्रहलाद पटेल पहले बुंदेलखंड की राजनीति में ज्यादा सक्रियता नहीं दिखाते थे और ना ही हस्तक्षेप करते थे, लेकिन पिछले कुछ दिनों से उनकी सक्रियता और हस्तक्षेप काफी बढ़ गया है. जिन नेताओं से उनके संबंध तल्ख चल रहे थे, उनमें वह सुधार कर रहे हैं और समर्थकों की राजनैतिक जमीन मजबूत करने के लिए पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में भरपूर मदद भी कर रहे हैं. (Sagar District Panchayat President election) (Two senior BJP ministers face to face)