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सागर में बापू ने दिया था ऐतिहासिक भाषण, कहा था "लोकमत मेरे साथ है और मैं सत्य की लड़ाई लड़ रहा हूं." - harijan yatya

महात्मा गांधी सविनय अवज्ञा आंदोलन के दूसरे चरण में मध्य प्रदेश के सागर पहुंचे थे. यहां बापू ने ऐतिहासिक भाषण दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि "लोकमत मेरे साथ है और मैं सत्य की लड़ाई लड़ रहा हूं."

सागर में बापू ने दिया था ऐतिहासिक भाषण
सागर में बापू ने दिया था ऐतिहासिक भाषण
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Published : Oct 1, 2021, 10:06 PM IST

सागर। महात्मा गांधी सविनय अवज्ञा आंदोलन के दूसरे चरण के अंतर्गत हरिजन यात्रा में बुंदेलखंड से गुजरे थे. उन्होंने जिले के गढ़ाकोटा, रेहली, देवरी और अनंतपुरा होते हुए सागर में विशाल जनसभा को संबोधित किया था. महात्मा गांधी ने अनंतपुरा गांव में दलित बस्ती में रात बिताई थी और दलित महिला के हाथ का भोजन किया था. महात्मा गांधी ने सागर की गल्ला मंडी में एक सभा को संबोधित किया था. उस समय आजादी के आंदोलन की मदद के लिए सागर की महिलाओं ने महात्मा गांधी को 4511 रुपए के चंदे की थैली भेंट की थी. यहीं पर महात्मा गांधी ने एक अहम भाषण दिया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि लोकमत मेरे साथ है और मैं सत्य की लड़ाई लड़ रहा हूं.

सागर में बापू ने दिया था ऐतिहासिक भाषण

सविनय अवज्ञा आंदोलन के दूसरे चरण की शुरुआत

इतिहासकार डॉ. भरत शुक्ला बताते हैं कि गांधी-इरविन समझौता के बाद महात्मा गांधी इंग्लैंड में दूसरे गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे थे. लेकिन ब्रिटिश सरकार से भारतीयों का कोई विशेष समझौता नहीं हुआ. महात्मा गांधी के भारत लौटने पर 4 जनवरी 1932 को सरकार ने गिरफ्तार कर लिया और प्रतिक्रिया स्वरूप दूसरा सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हो गया. भविष्य की राजनीति तय करने के लिए सागर में 1932 में एक राजनीतिक सम्मेलन आयोजित किया गया था. सम्मेलन का उद्देश्य सरकार के नए अध्यादेशों का विरोध करना था, जो आंदोलनों को दबाने के लिए दंडात्मक आदेश लाए गए थे. सागर जिले की राजनीतिक संगठनों जैसे हरिजन सेवक संघ, भीम अखाड़ा और गढ़ाकोटा के अछूत उधार संगठन ने इसमें हिस्सा लिया था.

सागर जिले में महात्मा गांधी की हरिजन यात्रा

सविनय अवज्ञा आंदोलन के दूसरे चरण में महात्मा गांधी ने नवंबर 1933 में सेवाग्राम से हरिजन दौरा कार्यक्रम, जिसे हरिजन यात्रा भी की कहा जाता है, प्रारंभ की थी. इस कार्यक्रम के तहत महात्मा गांधी सागर, गढ़ाकोटा, देवरी और अनंतपुरा आए थे. रहली के नजदीक अनंतपुरा गांव में गांधीजी पदयात्रा करते हुए पहुंचे थे और दलित बस्ती में रात्रि विश्राम करने के बाद गांधी जी ने एक चबूतरे पर अहिंसा और स्वदेशी को लेकर प्रसिद्ध भाषण दिया था. गांधीजी ने अपनी यात्रा के दौरान धनवान लोगों के निमंत्रण नकारते हुए दलित मोहल्ले में एक झोपड़ी में रात्रि विश्राम किया और बुजुर्ग महिला के हाथ से मिट्टी के बर्तनों में बनी अचार रोटी खाकर भूख शांत की थी. बुजुर्ग महिला की आंखों में आंसू आ गए तो महात्मा गांधी ने कहा था कि "मां के हाथ का ही भोजन उन्हें अंग्रेजी हुकूमत से लड़ने की शक्ति देगा."

भिंड के एक मात्र मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में 1 माह में 2 बच्चों की मौत, अस्पताल के खिलाफ केस दर्ज, सरकारी हॉस्पिटल से रिटायर्ड डॉक्टर करते हैं संचालित

सागर रेलवे स्टेशन के पास गल्ला मंडी में भी दिया था भाषण

इतिहासकार डॉ. भरत शुक्ला बताते हैं कि हरिजन यात्रा के तहत 2 दिसंबर 1933 को महात्मा गांधी सागर भी पहुंचे थे. सागर रेलवे स्टेशन के नजदीक मौजूदा सब्जी मंडी और तत्कालीन गल्ला मंडी में उन्होंने विशाल जनसभा को संबोधित किया था. 2 दिसंबर 1933 को महात्मा गांधी शाम के वक्त सागर पहुंचे जहां विशेष रूप से महिलाओं की सभा संबोधित की गई और महिलाओं ने उन्हें 4511 रुपए का चंदा करके एक थैली दी थी. उन्होंने अनुसूचित जाति समूह के लिए बनाए गए मंदिर का भी शिलान्यास किया था. गल्ला बाजार में आयोजित आम सभा में उन्होंने कहा था कि "लोकमत मेरे साथ है और मैं सत्य के लिए लड़ रहा हूं. अस्पृश्यता असत्य है, मैंने आजीवन सत्य का अवलंबन करने की अपेक्षा की है. जातिभेद मात्र व्यवसाय पर निर्भर है. जो मनुष्य मात्र समान है. आज सभी के सार्वजनिक अधिकार एक समान होने चाहिए.

सागर। महात्मा गांधी सविनय अवज्ञा आंदोलन के दूसरे चरण के अंतर्गत हरिजन यात्रा में बुंदेलखंड से गुजरे थे. उन्होंने जिले के गढ़ाकोटा, रेहली, देवरी और अनंतपुरा होते हुए सागर में विशाल जनसभा को संबोधित किया था. महात्मा गांधी ने अनंतपुरा गांव में दलित बस्ती में रात बिताई थी और दलित महिला के हाथ का भोजन किया था. महात्मा गांधी ने सागर की गल्ला मंडी में एक सभा को संबोधित किया था. उस समय आजादी के आंदोलन की मदद के लिए सागर की महिलाओं ने महात्मा गांधी को 4511 रुपए के चंदे की थैली भेंट की थी. यहीं पर महात्मा गांधी ने एक अहम भाषण दिया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि लोकमत मेरे साथ है और मैं सत्य की लड़ाई लड़ रहा हूं.

सागर में बापू ने दिया था ऐतिहासिक भाषण

सविनय अवज्ञा आंदोलन के दूसरे चरण की शुरुआत

इतिहासकार डॉ. भरत शुक्ला बताते हैं कि गांधी-इरविन समझौता के बाद महात्मा गांधी इंग्लैंड में दूसरे गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे थे. लेकिन ब्रिटिश सरकार से भारतीयों का कोई विशेष समझौता नहीं हुआ. महात्मा गांधी के भारत लौटने पर 4 जनवरी 1932 को सरकार ने गिरफ्तार कर लिया और प्रतिक्रिया स्वरूप दूसरा सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हो गया. भविष्य की राजनीति तय करने के लिए सागर में 1932 में एक राजनीतिक सम्मेलन आयोजित किया गया था. सम्मेलन का उद्देश्य सरकार के नए अध्यादेशों का विरोध करना था, जो आंदोलनों को दबाने के लिए दंडात्मक आदेश लाए गए थे. सागर जिले की राजनीतिक संगठनों जैसे हरिजन सेवक संघ, भीम अखाड़ा और गढ़ाकोटा के अछूत उधार संगठन ने इसमें हिस्सा लिया था.

सागर जिले में महात्मा गांधी की हरिजन यात्रा

सविनय अवज्ञा आंदोलन के दूसरे चरण में महात्मा गांधी ने नवंबर 1933 में सेवाग्राम से हरिजन दौरा कार्यक्रम, जिसे हरिजन यात्रा भी की कहा जाता है, प्रारंभ की थी. इस कार्यक्रम के तहत महात्मा गांधी सागर, गढ़ाकोटा, देवरी और अनंतपुरा आए थे. रहली के नजदीक अनंतपुरा गांव में गांधीजी पदयात्रा करते हुए पहुंचे थे और दलित बस्ती में रात्रि विश्राम करने के बाद गांधी जी ने एक चबूतरे पर अहिंसा और स्वदेशी को लेकर प्रसिद्ध भाषण दिया था. गांधीजी ने अपनी यात्रा के दौरान धनवान लोगों के निमंत्रण नकारते हुए दलित मोहल्ले में एक झोपड़ी में रात्रि विश्राम किया और बुजुर्ग महिला के हाथ से मिट्टी के बर्तनों में बनी अचार रोटी खाकर भूख शांत की थी. बुजुर्ग महिला की आंखों में आंसू आ गए तो महात्मा गांधी ने कहा था कि "मां के हाथ का ही भोजन उन्हें अंग्रेजी हुकूमत से लड़ने की शक्ति देगा."

भिंड के एक मात्र मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में 1 माह में 2 बच्चों की मौत, अस्पताल के खिलाफ केस दर्ज, सरकारी हॉस्पिटल से रिटायर्ड डॉक्टर करते हैं संचालित

सागर रेलवे स्टेशन के पास गल्ला मंडी में भी दिया था भाषण

इतिहासकार डॉ. भरत शुक्ला बताते हैं कि हरिजन यात्रा के तहत 2 दिसंबर 1933 को महात्मा गांधी सागर भी पहुंचे थे. सागर रेलवे स्टेशन के नजदीक मौजूदा सब्जी मंडी और तत्कालीन गल्ला मंडी में उन्होंने विशाल जनसभा को संबोधित किया था. 2 दिसंबर 1933 को महात्मा गांधी शाम के वक्त सागर पहुंचे जहां विशेष रूप से महिलाओं की सभा संबोधित की गई और महिलाओं ने उन्हें 4511 रुपए का चंदा करके एक थैली दी थी. उन्होंने अनुसूचित जाति समूह के लिए बनाए गए मंदिर का भी शिलान्यास किया था. गल्ला बाजार में आयोजित आम सभा में उन्होंने कहा था कि "लोकमत मेरे साथ है और मैं सत्य के लिए लड़ रहा हूं. अस्पृश्यता असत्य है, मैंने आजीवन सत्य का अवलंबन करने की अपेक्षा की है. जातिभेद मात्र व्यवसाय पर निर्भर है. जो मनुष्य मात्र समान है. आज सभी के सार्वजनिक अधिकार एक समान होने चाहिए.

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