सागर। राजा दिग्विजय सिंह और महाराजा ज्योतिरादित्य सिंधिया की अदावत पुरानी नहीं है, लेकिन दिग्विजय सिंह के सागर दौरे पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के सबसे नजदीकी और शिवराज सरकार के राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने दिग्विजय सिंह की जमकर तारीफ की है. उन्होंने कहा है कि, दिग्विजय सिंह समझौता करना जानते हैं और झुकना जानते हैं, लेकिन कमलनाथ झुकना नहीं जानते. अगर दिग्विजय सिंह कांग्रेस की सरकार के मुख्यमंत्री होते, तो शायद यह सरकार नहीं गिरती. अब मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं, कोई कह रहा है कि गोविंद सिंह राजपूत कांग्रेस में भी अपने संपर्क ताजा रखना चाहते हैं और कुछ लोग मान रहे हैं कि समय आने पर वह कांग्रेस में वापसी कर सकते हैं. हालांकि सागर दौरे के दौरान दिग्विजय सिंह, सिंधिया के साथ गए लोगों की कांग्रेस में वापसी पर बयान देते हुए मुस्कुरा कर बात टाल गए.
गोविंद सिंह राजपूत ने की दिग्विजय सिंह की जमकर तारीफ: सागर में दिग्विजय सिंह की प्रेसवार्ता के बाद शिवराज सरकार के राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत (Govind Singh Rajput Praising Digvijay Singh) ने भी तत्काल प्रेस वार्ता बुलाई और उन्होंने दिग्विजय सिंह और कमलनाथ की कार्यशैली की तुलना करते हुए कहा कि, "दिग्विजय सिंह की महत्वपूर्ण बात यह है कि उनकी कार्यशैली बिल्कुल अलग है, दिग्विजय सिंह और कमलनाथ की कार्यशैली में जमीन आसमान का अंतर है. दिग्विजय सिंह उस पौधे की तरह हैं कि जब आंधी आती है, तो वह झुक जाते हैं और कमलनाथ उस वटवृक्ष की तरह हैं, जो आंधी आती है तो खड़े रहते हैं और झुकते नहीं हैं, तो टूट जाते हैं. कमलनाथ की जगह अगर दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री होते, तो शायद सरकार नहीं गिरती, क्योंकि वह झुकना जानते हैं, सुनना जानते हैं. कमलनाथ ने कभी भी समझौता नहीं किया, वह सीधे अकड़े खड़े रहते हैं, इसलिए टूट गए हैं और सरकार गिर गई. दोनों की कार्यशैली में बहुत फर्क है और यही फर्क है कि कमलनाथ गांव और शहरों में ना आज घूम रहे हैं और ना कल घूमते थे, जब वह मुख्यमंत्री थे और आज भी जब पूर्व मुख्यमंत्री हैं, तब भी नहीं घूम रहे हैं. दिग्विजय सिंह का जो स्वभाव है, वह गली-गली और गांव-गांव घूमने का शुरू से रहा है और आज भी वह गांव-गांव गली-गली घूम रहे हैं."
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कांग्रेस में सिर्फ कमलनाथ: दिग्विजय सिंह की तारीफ को लेकर जब गोविंद सिंह राजपूत से पूछा गया कि वह आज भी दिग्विजय सिंह के प्रशंसक हैं तो उन्होंने कहा कि, "मैं दोनों की कार्यशैली की बात कर रहा हूं, एक आदमी समय के साथ समझौता करना जानता है और एक आदमी जिद में रहता है. आजकल कांग्रेस में यह चल रहा है राहुल गांधी ने नारा दिया है कि मैं नहीं हम. उन्होंने दोनों को गले भी लगवा दिया, एक पोस्टर में लिखा है "मैं नहीं हम", लेकिन उस पोस्टर में ना दिग्विजय सिंह दिख रहे हैं ना सुरेश पचौरी, ना अरुण यादव और ना राहुल भैया, सब गायब हैं. सिर्फ कमलनाथ की फोटो दिख रही है, तो यह कैसे हम हुआ."
सिंधिया समर्थकों को दिग्विजय सिंह का संदेश: हालांकि गोविंद सिंह राजपूत के इस बयान के पहले जब दिग्विजय सिंह से उनकी प्रेस वार्ता में सवाल किया गया कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए लोग अगर फिर कांग्रेस में वापस आना चाहे, तो क्या उन्हें वापस लिया जाएगा? इस पर दिग्विजय सिंह ने हंसते हुए जवाब दिया कि "वह जहां गए हैं, वहां ही अच्छे हैं."