सागर। प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए सभी पार्टियों का प्रचार जोर पकड़ता जा रहा है. इन 28 सीटों में सागर की सुरखी विधानसभा सीट भी शामिल है, उपचुनाव के लिए कांग्रेस-बीजेपी दोनों ही पार्टियों के बड़े नेता आम सभा कर रहे हैं. इसी कड़ी में सुरखी से बीजेपी प्रत्याशी गोविंद राजपूत के समर्थन में बीजेपी के स्टार प्रचारक ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को आम सभा को संबोधित किया. सभा को संबोधित करते हुए सिंधिया ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला और कहा कि उपचुनाव धर्म-अधर्म की लड़ाई है. बीजेपी प्रत्याशी गोविंद राजपूत के विरोध में कांग्रेस ने पारूल साहू को सुरखी सीट से प्रत्याशी बनाया है.
जनता की नहीं कुर्सी की चिंता
जनता को संबोधित करते हुए सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि कल डबरा में वहां की महिला जनसेवक इमरती देवी, मेरी बहन जो गांव की धूल खाकर सरपंच बनीं, विधायक बनीं, उसे कमलनाथ कहते हैं कि यह आइटम है. उपचुनाव का माहौल है लेकिन मैं स्पष्ट करने आया हूं कि यह धर्म-अधर्म की लड़ाई है. भारत वर्ष की जनता की निगाह आप पर है. राजनीति कितनी परिवर्तित हो गई, आज राजनीति में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह जैसे लोग, जनता की नहीं, सिर्फ कुर्सी की चिंता करते हैं. अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह कहते है कि इमरती को जलेबी बनाना है.
3 नवंबर को लेना है जवाब
सिंधिया ने कहा कि जहां के पूर्व सीएम नारियों का, अनुसूचित जाति की महिला, जो दलित हैं उसका सम्मान नहीं कर सकते, उन्हें शर्म आनी चाहिए. इस देश में नारियों को देवी के रूप में पूजा जाता है, जहां नारियों का सम्मान होता है वहीं देवता विराजते हैं. जिस पार्टी की अध्यक्षा महिला हो, उस पार्टी के ही नेता महिलाओं के बारे में ऐसी बात कर रहे हैं. इन्होंने माटी को कलंकित किया है. इनसे 3 तारीख (3 नवंबर) को बदला लेना है.
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सिंधिया ने कहा कि कमलनाथ- दिग्विजय की जोड़ी में कमलनाथ मात्र मुखौटा थे. दिग्विजय पर्दे के पीछे थे, प्रदेश को भ्रष्टाचार का केंद्र बना दिया था. मैंने कर्ज माफी का साल भर इंतजार किया, जिसने किसानों से गद्दारी की, उसे ज्योतिरादित्य ने धूल चटाई है. सिंधिया परिवार कभी कुर्सी और लालबत्ती के पीछे नहीं भागता. कमलनाथ उद्योगपति थे, तो सब सोचते थे कि उद्योग आएंगे लेकिन वल्लभ भवन भ्रष्टाचार का केंद्र बना दिया और ट्रांसफर उद्योग चलने लगा. उन्होंने कहा कि वो वादा खिलाफी और गद्दारी की सरकार थी. 1967 में मेरी दादी राजमाता ने कांग्रेस सरकार बनाई थी. जब उस सरकार ने जनविरोधी नीति अपनाई, तो राजमाता ने धूल चटाई थी. कांग्रेस अभी तक नहीं सीखी, सिंधिया परिवार लोक भावना के साथ रहता है.