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गोपाल भार्गव ने की पालघर मॉब लिंचिंग की निंदा, पुलिस की भूमिका पर उठाए सवाल

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Published : Apr 20, 2020, 7:27 PM IST

महाराष्ट्र के पालघर में मॉब लिंचिंग के बाद पूरा देश इस घटना की निंदा कर रहा है, पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने तीन लोगों की मौत पर शोक जताते हुए इस घटना को शर्मनाक बताया है.

gopal on palghar
गोपाल भार्गव

सागर। पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा है कि महाराष्ट्र के पालघर में जूना अखाड़े के 2 वृद्ध साधुओं सहित उनके ड्राइवर की पुलिस की मौजूदगी में लाठी, डंडों से पीट-पीटकर की गई निर्मम हत्या, आजादी के बाद देश की सबसे शर्मनाक घटना है. ऐसा अंग्रेजों के शासन में भी कभी नहीं हुआ. गोपाल ने कहा कि घटना का वीडियो देखकर तो यही लगता है कि ये सारा कृत्य पुलिस संरक्षण में हुआ है. 'दृश्य देखकर मैं भी स्तब्ध हूं.'

पालघर मॉब लिंचिंग शर्मनाक

गोपाल ने कहा कि यदि महाराष्ट्र सरकार में थोड़ी भी लाज शर्म बाकी है, तो सरकार को फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामला चलाकर समय सीमा में घटना को अंजाम देने वाले दरिंदों को फांसी दिलाई जानी चाहिए.

मॉब लिंचिंग की घटना पर चीखने चिल्लाने और अवार्ड वापस करने वाले कथित एक्टिविस्टों की इस संबंध में अब तक कोई प्रतिक्रिया न आना और भी शर्मनाक है. उन्होंने कहा कि मेरी मान्यता है कि जाति, धर्म या संप्रदाय कोई भी हो, ऐसी घटनाओं में तय समय सीमा में दोषियों को फांसी होनी चाहिए.

सागर। पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा है कि महाराष्ट्र के पालघर में जूना अखाड़े के 2 वृद्ध साधुओं सहित उनके ड्राइवर की पुलिस की मौजूदगी में लाठी, डंडों से पीट-पीटकर की गई निर्मम हत्या, आजादी के बाद देश की सबसे शर्मनाक घटना है. ऐसा अंग्रेजों के शासन में भी कभी नहीं हुआ. गोपाल ने कहा कि घटना का वीडियो देखकर तो यही लगता है कि ये सारा कृत्य पुलिस संरक्षण में हुआ है. 'दृश्य देखकर मैं भी स्तब्ध हूं.'

पालघर मॉब लिंचिंग शर्मनाक

गोपाल ने कहा कि यदि महाराष्ट्र सरकार में थोड़ी भी लाज शर्म बाकी है, तो सरकार को फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामला चलाकर समय सीमा में घटना को अंजाम देने वाले दरिंदों को फांसी दिलाई जानी चाहिए.

मॉब लिंचिंग की घटना पर चीखने चिल्लाने और अवार्ड वापस करने वाले कथित एक्टिविस्टों की इस संबंध में अब तक कोई प्रतिक्रिया न आना और भी शर्मनाक है. उन्होंने कहा कि मेरी मान्यता है कि जाति, धर्म या संप्रदाय कोई भी हो, ऐसी घटनाओं में तय समय सीमा में दोषियों को फांसी होनी चाहिए.

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