सागर। कांग्रेस से बीजेपी में जाने वाले गोविंद सिंह राजपूत पर कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी ने कमलनाथ सरकार से दी गए स्वेच्छानुदान की राशि का गलत तरीके से अपने विधानसभा क्षेत्र में दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है. इसे लेकर पूर्व मंत्री सुरेंद्र चौधरी ने सागर संभाग के कमिश्नर आजय सिंह गंगवार के पास आपत्ति दर्ज कराई है.
सुरेंद्र चौधरी ने संभाग कमिश्नर से सख्त आपत्ति दर्ज कराते हुये कहा है विधायक या मंत्री की स्वेच्छानुदान राशि गरीब असहाय जरूरतमंद लोगों के लिए होती है. मध्यप्रदेश की कमलनाथ की सरकार में मंत्री रहे गोविंद सिंह राजपूत द्वारा कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में स्वीकृत स्वेछानुदान राशि का इस्तेमाल सुरखी विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव जीतने के लिए किया जा रहा है.
सुरेंद्र चौधरी ने कहा कि गोविंद सिंह राजपूत 10 मार्च को विधानसभा की सदस्यता मंत्री पद से हटाए जा चुके हैं. इसके बाद उनके पास स्वेच्छानुदान राशि स्वीकृत करने का कोई अधिकार नहीं है. ऐसे में शासन-प्रशासन की सांठगांठ के चलते बैक डेट में करोड़ों रुपए की स्वेच्छानुदान राशि सुरखी विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत की गई और उप-चुनाव जीतने की गरज से उस राशि का इस्तेमाल कर वितरण किया जा रहा है.
'बीजेपी के लोगों को पहुंचाया जा रहा फायदा'
सुरेंद्र चौधरी ने कहा जिला कोषालय अधिकारी सागर के हस्ताक्षर से दो चेक जारी किए गए हैं. एक सुरखी विधानसभा क्षेत्र के निवासी ऋषि चौबे नामक व्यक्ति को दिनांक 28 मार्च 2020 को 5 हजार का चेक जारी किया गया है. वहीं दूसरा चेक रामस्वरूप भार्गव नामक व्यक्ति के नाम से जारी किया गया है. इस तरह करोड़ों रुपए की राशि के चेकों का वितरण सुरखी विधानसभा क्षेत्र में अनाधिकृत बीजेपी के लोगों के लिए किया जा रहा है, जो शासन के जारी दिशा-निर्देशों के खिलाफ होने के साथ आर्थिक अनियमितता में आता है.
'स्वीकृत और वितरण राशि की जांच हो'
सुरेंद्र चौधरी ने कहा है कि शासन के जारी निर्देशानुसार समस्त प्रकार के भुगतान ऑनलाइन किए जाना चाहिए और चेक से भुगतान किए जाने की स्थिति में जवाबदार प्रशासनिक अमले के माध्यम से वितरण किए जाने के निर्देश है, लेकिन शासन के निर्देशों के विपरीत करोड़ों रुपए की राशि का वितरण किया जा रहा है. चौधरी ने संभाग कमिश्नर से मांग करते हुए कहा है कि कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में सुरखी विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत स्वेच्छानुदान राशि की स्वीकृति और वितरण की जांच की जाए.