सागर। सागर कलेक्ट्रेट ऑफिस पर मंगलवार को प्रदर्शन के दौरान पूर्व मंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी जिला कलेक्टर दीपक आर्य को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. उन्होंने जिला कलेक्टर को उल्लू का पट्ठा कहते हुए मंत्रियों और मुख्यमंत्री का चापलूस बताया था. उनका बयान सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद भाजपा ने पूर्व मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. भाजपा के वरिष्ठ विधायक प्रदीप लारिया ने उनकी बयानबजी को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है. प्रदीप लारिया ने कहा है कि, लोकतंत्र में विरोध की एक सीमा होती है. पूर्व मंत्री ने उसको पार कर दिया है और अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया है. उनकी इस तरह की बयानबाजी को स्वीकार नहीं किया जाएगा और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
क्या कहा था पूर्व मंत्री ने: सागर कलेक्ट्रेट पर जग्गू हत्याकांड के फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के अलावा नरयावली विधानसभा के किसानों और ग्रामीणों की समस्याओं को लेकर प्रदर्शन के दौरान अपने संबोधन में पूर्व मंत्री एवं मध्य प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी तमाम मर्यादा है भूल गए और उन्होंने अपने संबोधन में कलेक्टर को अपशब्द भी कहे. उन्होंने कहा कि "आज आजीविका मिशन के ठेके हो रहे हैं, आज आगनवाड़ी के ठेके हो रहे हैं. आज हर तरह के छोटे-छोटे ठेके हो रहे हैं. यह कलेक्टर उल्लू का पट्ठा कहता है. यह क्या करता है. इसको ठेका दो, इसको ठेका दो. यह कलेक्टर का काम है क्या? तू मंत्रियों की चापलूसी करने लगेगा, मुख्यमंत्री की चापलूसी करने लगेगा. यह कहां का नियम है. किस नियम में यह लिखा है, किस कानून में लिखा है. विकास यात्रा चलाते हो.विकास यात्रा के नाम पर शासन के स्पष्ट निर्देश है कि शासन का प्रतिनिधि अगुआई करेगा. आपने निकाल दिया कि विधायकों के परामर्श से विकास यात्रा निकाली जाएंगी, तो क्या पिताजी पैसा देंगे".
क्या कहना है भाजपा विधायक: पूर्व मंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी के आपत्तिजनक बयान को लेकर भाजपा के विधायक प्रदीप लारिया ने कहा है कि, कांग्रेस में कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मंत्री सुरेंद्र चौधरी का जो बयान आया है. वह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है. लोकतंत्र में विरोध करने की एक सीमा होती है. जिस तरह से पूर्व मंत्री ने आभार याद भाषा का उपयोग किया है. मुझे लगता है किसी वजह से नरयावली विधानसभा की जनता ने उन्हें एक बार नहीं तीन तीन बार हराकर हैट्रिक बनवाई है. ऐसे बयान मानसिक रूप से विकलांग लोगों के अनर्गल वार्तालाप हैं. मुझे तो उनकी शिक्षा पर भी शंका होती है कि उन्होंने वकालत की है और मैं समझता हूं कि वकालत में भी ऐसे ही शब्दों और भाषा का उपयोग करते होंगे.
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आपस में लड़ाने का आरोप: उन्होंने कलेक्टर को उल्लू का पट्ठा, प्रभारी मंत्री को बाप के पैसे जैसे शब्द और पालक मंत्री को घर में सोता रहता कहा है. एक तो मैं कहना चाहता हूं कि वह विज्ञप्तिवीर और ज्ञापन वीर है. तीन-तीन बार जनता ने उन्हें हराने का काम किया. एक बार जनता ने अवसर दिया, लेकिन विधानसभा क्षेत्र में उन्होंने जो कृत्य किए और पूरे विधानसभा क्षेत्र मे ऐसा वातावरण बनाकर जनता को आपस में लड़ाने का काम किया. आज भी जनता उनकी कृत्यों को याद करती है और चुनाव आते ही उन को हराने के लिए तैयार हो जाती है. इस मामले में हम लोग कानूनी कार्यवाही करेंगे और इस तरह के शब्द बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे.