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लहसुन-प्याज की खेती कर ठगा गया किसान: नहीं मिल रहे वाजिब दाम, वायरल वीडियो में देखें किसान का दर्द

सरकार ने बुंदेलखंड में किसानों को प्याज और लहसुन की खेती करने के लिए काफी प्रचार प्रसार किया. जब किसान परंपरागत खेती छोड़ लहसुन और प्याज की खेती करने लगा, तो उसे उसकी फसल आधी लागत भी हासिल नहीं हो रही है. परेशान किसान अब लहसुन और प्याज की खेती करने से तौबा कर रहा है.

sagar farmer
सागर किसान
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Published : Apr 25, 2022, 5:49 PM IST

सागर। एक तरफ सरकार किसानों को परंपरागत खेती से हटकर आधुनिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित कर रही है. दूसरी तरफ किसानों को उनकी फसल का उचित दाम दिलाने में नाकाम नजर आ रही है. सरकार ने बुंदेलखंड में किसानों को प्याज और लहसुन की खेती करने के लिए काफी प्रचार प्रसार किया. जब किसान परंपरागत खेती छोड़ लहसुन और प्याज की खेती करने लगा, तो उसे उसकी फसल आधी लागत भी हासिल नहीं हो रही है. परेशान किसान अब लहसुन और प्याज की खेती करने से तौबा कर रहा है. रहली विकासखंड के संदई गांव के एक किसान का ऐसा ही वीडियो वायरल हुआ है. जिसमें वह कान पकड़कर उठक-बैठक लगाकर कह रहा है कि अब वह लहसुन और प्याज की खेती नहीं करेगा. (garlic farming in sagar)

दाम न मिलने से किसानों का बुरा हाल

क्या है वायरल वीडियो का सचः प्याज और लहसुन की खेती से तौबा करते हुए कान पकड़ उठक बैठक लगाते हुए जिस किसान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. किसान रहली विकासखंड के संदई गांव के राधेश्याम मुद्गल हैं. राधेश्याम मुद्गल ने करीब 3 एकड़ में लहसुन की खेती की थी. प्रति एकड़ उनकी करीब 20 क्विंटल फसल हुई है, लेकिन जब वह लहसुन बेचने बाजार पहुंचे. उन्हें हजार रुपए भाव भी नहीं मिल रहा है. ऐसी स्थिति में उनकी प्रति एकड़ 50 हजार की लागत भी नहीं निकल रही है. (garlic price in sagar)

onion farming in sagar
सागर में प्याज की खेती

ठगा गया बुंदेलखंड का किसानः दरअसल पहले बुंदेलखंड में कुछ ही किसान लहसुन और प्याज की खेती किया करते थे. सरकार द्वारा परंपरागत खेती छोड़कर उद्यानिकी और नगदी फसलों की तरफ आकर्षित करने के कारण किसानों ने लहसुन और प्याज की खेती बड़े पैमाने पर शुरू कर दी. किसानों का कहना है कि लहसुन और प्याज की खेती में प्रति एकड़ के हिसाब से 50 हजार रुपए तक की लागत आती है. प्रति एकड़ करीब 20 क्विंटल का उत्पादन होता है. मौजूदा स्थिति में लहसुन के भाव हजार रुपए क्विंटल किसान को हासिल हो रहे हैं. ऐसी स्थिति में किसान की लागत आधी भी नहीं निकल रही है. ऐसा ही हाल प्याज का है. बड़े पैमाने पर प्याज का उत्पादन होने के कारण किसानों को प्याज के उचित दाम नहीं मिल रहे हैं. (sagar farmer on garlic)

garlic farming in sagar
सागर में लहसुन की खेती

हजारों एकड़ में लहसुन प्याज का रकबाः उद्यानिकी विभाग सागर से मिली जानकारी के अनुसार जिले में करीब साढ़े 11 हजार हेक्टेयर में प्याज की खेती की गई थी. इसी तरह 6 से 8 हजार हेक्टेयर में लहसुन की खेती की जाती है. पिछले कुछ वर्षों में सागर जिले में लहसुन और प्याज का उत्पादन तेजी से बढ़ा है. पहले किसान सिर्फ प्याज की खेती करते थे, वह भी कम पैमाने पर होती थी. अब किसान बड़े पैमाने पर प्याज और लहसुन की खेती कर रहे हैं.

मंदसौर से अगरतला भेजा गया 40 लाख का लहसुन रास्ते से हुआ गायब

क्या कहना है उद्यानिकी विभाग काः सागर उद्यानिकी विभाग के अधिकारी पीडी चौबे कहते हैं कि कम दाम मिलने का बड़ा कारण ज्यादा उत्पादन और बड़े पैमाने पर लहसुन और प्याज की खेती करना है. वहीं दूसरी तरफ से कोरोना काल में लहसुन और प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी गई थी. इस कारण लहसुन और प्याज बाहर जाना बंद हो गया है. पहले बुंदेलखंड में किसान कम पैमाने पर लहसुन और प्याज की खेती करते थे. पिछले कुछ वर्षों में तेजी से लहसुन और प्याज का रकबा बढ़ा है. जिले में इस साल 6 से 8 हजार हेक्टेयर में लहसुन और साढ़े 11 हजार हेक्टेयर में प्याज की खेती की गई थी. किसानों को हमारी सलाह है कि अभी वह अपनी फसल को न बेंचें. डेढ़ 2 महीने बाद लहसुन और प्याज के दाम बढ़ जाएंगे. प्याज और लहसुन को स्टोर करके रखने में उन्हें फायदा होगा.

सागर। एक तरफ सरकार किसानों को परंपरागत खेती से हटकर आधुनिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित कर रही है. दूसरी तरफ किसानों को उनकी फसल का उचित दाम दिलाने में नाकाम नजर आ रही है. सरकार ने बुंदेलखंड में किसानों को प्याज और लहसुन की खेती करने के लिए काफी प्रचार प्रसार किया. जब किसान परंपरागत खेती छोड़ लहसुन और प्याज की खेती करने लगा, तो उसे उसकी फसल आधी लागत भी हासिल नहीं हो रही है. परेशान किसान अब लहसुन और प्याज की खेती करने से तौबा कर रहा है. रहली विकासखंड के संदई गांव के एक किसान का ऐसा ही वीडियो वायरल हुआ है. जिसमें वह कान पकड़कर उठक-बैठक लगाकर कह रहा है कि अब वह लहसुन और प्याज की खेती नहीं करेगा. (garlic farming in sagar)

दाम न मिलने से किसानों का बुरा हाल

क्या है वायरल वीडियो का सचः प्याज और लहसुन की खेती से तौबा करते हुए कान पकड़ उठक बैठक लगाते हुए जिस किसान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. किसान रहली विकासखंड के संदई गांव के राधेश्याम मुद्गल हैं. राधेश्याम मुद्गल ने करीब 3 एकड़ में लहसुन की खेती की थी. प्रति एकड़ उनकी करीब 20 क्विंटल फसल हुई है, लेकिन जब वह लहसुन बेचने बाजार पहुंचे. उन्हें हजार रुपए भाव भी नहीं मिल रहा है. ऐसी स्थिति में उनकी प्रति एकड़ 50 हजार की लागत भी नहीं निकल रही है. (garlic price in sagar)

onion farming in sagar
सागर में प्याज की खेती

ठगा गया बुंदेलखंड का किसानः दरअसल पहले बुंदेलखंड में कुछ ही किसान लहसुन और प्याज की खेती किया करते थे. सरकार द्वारा परंपरागत खेती छोड़कर उद्यानिकी और नगदी फसलों की तरफ आकर्षित करने के कारण किसानों ने लहसुन और प्याज की खेती बड़े पैमाने पर शुरू कर दी. किसानों का कहना है कि लहसुन और प्याज की खेती में प्रति एकड़ के हिसाब से 50 हजार रुपए तक की लागत आती है. प्रति एकड़ करीब 20 क्विंटल का उत्पादन होता है. मौजूदा स्थिति में लहसुन के भाव हजार रुपए क्विंटल किसान को हासिल हो रहे हैं. ऐसी स्थिति में किसान की लागत आधी भी नहीं निकल रही है. ऐसा ही हाल प्याज का है. बड़े पैमाने पर प्याज का उत्पादन होने के कारण किसानों को प्याज के उचित दाम नहीं मिल रहे हैं. (sagar farmer on garlic)

garlic farming in sagar
सागर में लहसुन की खेती

हजारों एकड़ में लहसुन प्याज का रकबाः उद्यानिकी विभाग सागर से मिली जानकारी के अनुसार जिले में करीब साढ़े 11 हजार हेक्टेयर में प्याज की खेती की गई थी. इसी तरह 6 से 8 हजार हेक्टेयर में लहसुन की खेती की जाती है. पिछले कुछ वर्षों में सागर जिले में लहसुन और प्याज का उत्पादन तेजी से बढ़ा है. पहले किसान सिर्फ प्याज की खेती करते थे, वह भी कम पैमाने पर होती थी. अब किसान बड़े पैमाने पर प्याज और लहसुन की खेती कर रहे हैं.

मंदसौर से अगरतला भेजा गया 40 लाख का लहसुन रास्ते से हुआ गायब

क्या कहना है उद्यानिकी विभाग काः सागर उद्यानिकी विभाग के अधिकारी पीडी चौबे कहते हैं कि कम दाम मिलने का बड़ा कारण ज्यादा उत्पादन और बड़े पैमाने पर लहसुन और प्याज की खेती करना है. वहीं दूसरी तरफ से कोरोना काल में लहसुन और प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी गई थी. इस कारण लहसुन और प्याज बाहर जाना बंद हो गया है. पहले बुंदेलखंड में किसान कम पैमाने पर लहसुन और प्याज की खेती करते थे. पिछले कुछ वर्षों में तेजी से लहसुन और प्याज का रकबा बढ़ा है. जिले में इस साल 6 से 8 हजार हेक्टेयर में लहसुन और साढ़े 11 हजार हेक्टेयर में प्याज की खेती की गई थी. किसानों को हमारी सलाह है कि अभी वह अपनी फसल को न बेंचें. डेढ़ 2 महीने बाद लहसुन और प्याज के दाम बढ़ जाएंगे. प्याज और लहसुन को स्टोर करके रखने में उन्हें फायदा होगा.

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