सागर। याचिकाकर्ता जया ठाकुर ने कहा है कि ईडी के डायरेक्टर के लिए जरूरी योग्यता संजय कुमार मिश्र पूरी नहीं करते और उन्हें सेवा विस्तार भी नहीं दिया जा सकता. जबकि सरकार ने दो बार उनका सेवा विस्तार कर दिया है. गौरतलब है कि ईडी की कार्यप्रणाली को लेकर पूरा विपक्ष विरोध कर रहा है. दरअसल, संजय कुमार मिश्र की नियुक्ति ईडी डायरेक्टर के रूप में नवंबर 2018 में 2 साल के लिए की गई थी. उम्र के अनुसार उन्हें मई 2020 में 60 वर्ष उम्र होने के कारण रिटायर होना था. नियुक्ति दिनांक से उनका कार्यकाल नवंबर 2020 में समाप्त होना था. लेकिन सरकार ने मई 2020 में कार्यकाल पूरा होने के पहले ही एक साल का सेवा विस्तार कर दिया. इसको लेकर कॉमन कॉज सोसाइटी की तरफ से जया ठाकुर ने संजय कुमार मिश्र के सेवा विस्तार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी.
केंद्र सरकार ने नियम ही बदल डाले : याचिका पर सुनवाई करते हुए सितंबर 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने सेवा विस्तार को सही नहीं माना था और कहा था कि सेवा विस्तार विशेष परिस्थितियों में ही कुछ समय के लिए किया जा सकता है. हालांकि संजय कुमार मिश्र का कार्यकाल कुछ दिन बचे होने के कारण कोर्ट ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की थी. कोर्ट ने यह भी कहा था कि उनका अगला सेवा विस्तार नहीं किया जाएगा. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के चलते केंद्र सरकार ने नवंबर 2020 में संजय कुमार मिश्र के कार्यकाल समाप्त होने के पहले ही अध्यादेश लाकर 5 साल के कार्यकाल का नियम बना दिया. इस अध्यादेश के कारण संजय कुमार मिश्र का फिर से सेवा विस्तार कर दिया गया. सरकार के इस कदम को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में 5 लोगों ने कुल 8 याचिकाएं दायर की थीं. कॉमन कॉज सोसाइटी की तरफ से जया ठाकुर, कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, साकेत गोखले और विनीत नारायण में याचिका दाखिल की थी.
तीसरी बार सेवा विस्तार ने चौंकाया : एक तरफ सरकार कानून बदलकर संजय कुमार मिश्र का सेवा विस्तार करती जा रही है. दूसरी तरफ, सुनवाई के दौरान ही नवंबर 2022 में सरकार ने तीसरी बार संजय कुमार मिश्र का फिर सेवा विस्तार कर दिया. तीसरी बार सेवा विस्तार के चलते कामन कॉज सोसाइटी ने फिर याचिका लगाई और संजय कुमार मिश्र को लेकर कहा कि ईडी डायरेक्टर के पद के लिए अयोग्य है, क्योंकि इस पद की योग्यता एडीशनल सेक्रेट्री स्तर के कर्मचारी की है. वहीं जिस तरीके से सेवा विस्तार किया जा रहा है, वह गलत है. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मित्र वकील की नियुक्ति की थी. मित्र वकील के वी विश्वनाथन ने भी सेवा विस्तार को कानून संगत नहीं माना और सरकार के अध्यादेश लाने के कदम को असंवैधानिक ठहराया है.
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सरकार नहीं दे रही सुप्रीम कोर्ट में जवाब : इस मामले में केंद्र सरकार का रुख अलग है. कोर्ट में चल रहे मामले में सरकार अपना पक्ष रखने में लेटलतीफी कर रही है. इसलिए सुनवाई कर रही है तीनों न्यायाधीश ने 20 अप्रैल की तारीख तय कर सरकार को अपना पक्ष रखने का आखिरी मौका दिया है और अगर सरकार पक्ष नहीं रखती है तो सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी. याचिकाकर्ता जया ठाकुर का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में मेरी याचिका पर सुनवाई हुई है. जिसमें वकील मित्र ने भी माना है कि ईडी डायरेक्टर को जो बार-बार सेवा विस्तार मिला है, वह अवैधानिक है और सरकार ने जो संशोधन किया है, वह भी कहीं ना कहीं अवैधानिक है. याचिकाकर्ता के वकील वरुण ठाकुर का कहना है कि ईडी डायरेक्टर संजय कुमार मिश्र की नियुक्ति और सेवा विस्तार को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. इस मामले की अगली सुनवाई 20 अप्रैल को है.