सागर। केसली मंडी में संचालित धान खरीदी केंद्र पर धान में भूसा मिलाकर भुगतान लेने के मामले का खुलासा स्थानीय युवकों द्वारा सोशल मीडिया के जरिए किया गया था. मामले के उजागर होने के बाद कलेक्टर के निर्देश पर थाना प्रभारी केसली एवं तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक एवं हल्का पटवारी के द्वारा समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन केन्द्र दिगम्बर स्व सहायता समूह की जांच की गई. मौके पर केन्द्र के आपरेटर विवेक जैन, केन्द्र प्रभारी मीना जैन पति नरेन्द्र जैन, केन्द्र द्वारा नियुक्त सर्वेयर प्रशांत सेन अनुपस्थित थे. मौके पर उपस्थित कर्मचारी भी जांच दल को देखकर मौके से फरार हो गये थे.
खरीद केंद्र की जांच में मिला घपला : 7 जनवरी को जांच के दौरान पाया गया कि दिगम्बर स्व. सहायता समूह में लगभग सभी बोरी में धान की जगह पर धान भूसा से भरा पाया गया. जिसमें लगभग 35 हजार बोरी में लाल धागे से मशीन सिलाई वाली टैग लगा हुआ पाया गया. सभी बोरियों में धान और धान की भूसी भरी हुई पाई गई. कुछ बोरियों को एक हाथ से उठाने पर वे आसानी से उठाई जा रही थीं. बोरियां वजन में बहुत हल्की थीं. भूसी युक्त धान से भरी सभी बोरिया केंद्र में खुले में एवं टीन शेड के नीचे रखी थीं. धान की बोरी की भी गुणवत्ता अत्याधिक खराब पायी गई. 8 जनवरी को केसली तहसीलदार केसली कैलाश कुर्मी, जिला प्रबंधक राजेश शिवा नागरिक आपूर्ति निगम सागर, केसली थाना प्रभारी कृपाल मार्को, नीरज चौरसिया प्रभारी बीएम आजीविका मिशन केसली द्वारा संयुक्त रूप से दिगम्बर स्व. सहायता समूह ग्राम बम्होरी तहसील केसली धान खरीदी केन्द्र की जांच की गई.
ऐसे पकड़ा फर्जीवाड़ा : दिगम्बर स्व सहायता समूह, बम्होरी तहसील, केसली की धान की गुणवत्ता की जांच की गई. जिसमें उनके द्वारा सैंपल का परीक्षण कर बताया गया कि कार्बनिक मात्रा (छिलका, भूसा) 10.5 %, अकार्बनिक पदार्थ 2.70 %, क्षतिग्रस्त, बदरंग दाने 8.5 %, अपरिपक्व, सुकड़े कुम्हलाये दाने 5.2 % और नमी 15 % पाई गई. भूसे की मात्रा बोरियों में बहुत अधिक होना पाया गया. ये सभी मात्रा शासन द्वारा निर्धारित की गई मात्रा से अधिक है. जिससे धान अमानक स्तर की होना सिद्ध होता है. इसके साथ ही मौके पर एक ढेर खुले में रखा हुआ पाया गया, जिसकी गुणवत्ता की जांच भी सुपरवाईजर व सर्वेयर द्वारा करवाई गई. मौके पर रखी हुई समस्त धान अमानक स्तर की पायी गयी. मौके पर रखी बोरियों में से कुछ का वजन करवाया गया, जिसमें उनका वजन 14.250 किलोग्राम, 16.500 किलोग्राम, 15.220 किलोग्राम, 22.560 किलोग्राम, 27.00 किलोग्राम, 21.560 किलोग्राम, 24.00 किलोग्राम, 23.200 किलोग्राम, 25.400 किलोग्राम, 29.500 किलोग्राम पाया गया. जबकि, शासन निर्देशानुसार बारदाने के वजन को छोड़कर 40 किलोग्राम प्रति बोरी धान का वजन की तौल की जाना है. परंतु मौके पर बोरियों का वजन बहुत कम पाया गया.
MP Sagar बोरियों में धान की जगह भूसा मिलाकर भुगतान की तैयारी, छापे के बाद खरीदी केंद्र सील
शासन के नियमों को किनारे रखा : केन्द्र प्रभारी द्वारा सर्वेयर के रूप में प्रशांत सेन का नाम दर्ज कराया है, जब किसान द्वारा स्लाट बुकिंग के पश्चात अपनी धान केन्द्र पर लाई जाती है, तब टोकन जारी करने के समय ही तौल के पूर्व सर्वेयर द्वारा धान का परीक्षण कर अपने मोबाइल एप पर उस धान की गुणवत्ता के बारे में परीक्षण कर इन्द्राज की जाती है. इसके बाद ही धान की तौल की जाती है. इससे यह सिद्ध होता है कि केन्द्र पर बोरियों में तौलकर रखी धान को सर्वेयर द्वारा अमानक होने पर उसे फर्जी तरीके से मानक बताकर शासन के नीति निर्देशों के विरुद्ध कार्य किया गया है.