सागर। प्रदेश के उर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर अल्प प्रवास पर सागर पहुंचे, जहां उन्होंने मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के कार्यालय का दौरा किया. बिजली कंपनियों के निजीकरण की चल रही चर्चा को लेकर प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से निजीकरण के खिलाफ हूं, लेकिन निजीकरण की जरूरत तब पड़ती है, जब कंपनियां घाटे में चली जाती हैं. इसलिए मेरा बिजली कंपनियों के कर्मचारियों और अधिकारियों से अनुरोध है कि वह बेहतर काम करें और बिजली कंपनियों को घाटे में न जाने दें.
विद्युत वितरण कंपनी का किया दौरा
अल्प प्रवास पर सागर पहुंचे ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के मकरोनिया स्थित श्रम कल्याण केंद्र का दौरा किया. वहां महिलाओं और बच्चों के साथ बातचीत की. इसके अलावा ऊर्जा मंत्री ने सागर क्षेत्र के मुख्य अभियंता कार्यालय का निरीक्षण किया, जहां उन्होंने कार्यालय की साफ-सफाई की तारीफ की. उन्होंने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश के सभी कार्यालयों में ऐसी ही स्वच्छता होनी चाहिए. इसके अलावा मार्च 2021 में सागर क्षेत्र के उपभोक्ताओं से 100 करोड़ रुपये के राजस्व संग्रहण पर भी उन्होंने कर्मचारी और अधिकारियों को बधाई दी.
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कर्मचारी संगठनों ने सौंपा ज्ञापन
इस दौरान बिजली कंपनियों के कर्मचारियों ने ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर से बातचीत की. उन्होंने नौ प्रमुख मांगों का ज्ञापन ऊर्जा मंत्री को सौंपा, जिसमें प्रमुख रूप से बिजली कंपनियों का निजीकरण नहीं किए जाने, संविदा कर्मचारियों को नियमित किए जाने और अनुकंपा प्राप्त संविदा कर्मचारियों को नियमित किए जाने की मांग की.
मैं खुद निजीकरण के खिलाफ
बिजली कंपनी के कर्मचारियों द्वारा निजीकरण नहीं किए जाने का ज्ञापन सौंपे जाने के बाद ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि कांग्रेस का काम सिर्फ आलोचना करने का है. जहां तक निजीकरण की बात है, तो यह बात तब उठती है, जब कोई भी कंपनी घाटे में पहुंच जाती हैं. मेरा कहना है कि कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों और खुद मुझे भी इतना बेहतर काम करना चाहिए कि सभी कंपनियां फायदे में चलें, तो सरकार निजीकरण के बारे में नहीं सोचेगी. उन्होंने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से निजीकरण के खिलाफ हूं, लेकिन मैं यह जानता हूं कि इसके लिए हमें बेहतर काम करना होगा और कंपनियों को फायदे में रखना होगा.