सागर। प्रदेश भर में चल रही जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल तीसरे दिन भी जारी है. सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में तीसरे दिन सभी जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर रहे और कॉलेज परिसर में नारेबाजी करते हुए अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद की. अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश की सभी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर पिछले 3 दिनों से हड़ताल पर हैं. सरकार जहां जूनियर डॉक्टर पर कोरोना काल में ब्लैकमेल करने का आरोप लगा रही है, तो जूनियर डॉक्टर का कहना है कि हम पिछले साल से कोविड-19 वार्ड में लगातार सेवाएं दे रहे हैं. हमारे साथी बार-बार कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं और पिछले साल हमारे एक साथी की मौत भी हो गई थी. फिर भी सरकार हमारी मांगों को लेकर गंभीर नहीं है.
बातचीत में नहीं बनी बात
भोपाल में जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद मीणा और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के बीच हड़ताल के पहले बातचीत हुई थी. इस बातचीत में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे. बातचीत में 24% मानदेय में वृद्धि के अलावा मानदेय में प्रतिवर्ष 6% मानदेय में बढ़ोत्तरी के साथ मांगों पर सहमति बन गई थी. लेकिन जूडा का कहना था कि 30 मई तक आदेश जारी करें. सरकार की तरफ से आदेश नहीं निकलने पर जूडा 31 मई से हड़ताल पर है. जूनियर डॉक्टर्स ने सभी आपात और नियमित सेवाएं बंद कर दी थी और एक जून से कोविड वार्ड में सेवाएं बंद कर दी है.
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BMC के जूनियर डॉक्टर भी हड़ताल पर
सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर भी हड़ताल पर चले गए हैं. पूरे प्रदेश की तरह बीएमसी के डॉक्टरों ने भी सभी तरह की सेवाएं बंद कर दी हैं. बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के जूडा अध्यक्ष रितेश परतेती का कहना है कि हम अपना अधिकार मांग रहे हैं, यह हमारा हक है. हम पिछले एक साल से कोविड-19 वार्ड में सेवाएं दे रहे हैं. एक-एक जूनियर डॉक्टर दो-दो पॉजिटिव हो चुका है. हमारे एक साथी की मौत भी हो चुकी है. फिर भी हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.