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सागर में महालक्ष्मी का ऐतिहासिक मंदिर, जहां भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा और बलभद्र के साथ विराजी हैं महालक्ष्मी - जगन्नाथ बलभद्र सुभद्रा के साथ विराजी महालक्ष्मी

सागर में कई ऐतिहासिक मराठा कालीन मंदिर स्थित है. ऐसा ही मंदिर सागर के ऐतिहासिक किले के नजदीक परकोटा इलाके में स्थित है. जहां 300साल पुरानी मूर्ति स्थापित है. इस मंदिर में मां लक्ष्मी भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के साथ विराजी हैं. मंदिर में दशहरा धनतेरस और दीपावली के दिन विशेष पूजा अर्चना का आयोजन किया जाता है, जिसमें काफी संख्या में भक्त पहुंचते हैं. (Diwali 2022) ( mahalaxmi temple in sagar) ( 300 years old idol of mahalakshmi in sagar)

mahalaxmi temple in sagar
भगवान जगन्नाथ सुभद्रा और बलभद्र के साथ विराजी मां लक्ष्मी
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Published : Oct 24, 2022, 9:40 AM IST

Updated : Oct 24, 2022, 2:24 PM IST

सागर। अपनी ऐतिहासिक और प्राचीन धरोहरों के लिए बुंदेलखंड प्रसिद्ध है. बुंदेलखंड के संभागीय मुख्यालय सागर में कई ऐतिहासिक मराठा कालीन मंदिर स्थित है. ऐसा ही मंदिर सागर के ऐतिहासिक किले के नजदीक परकोटा इलाके में स्थित है. जिसमें महालक्ष्मी की करीब 300 साल पुरानी मूर्ति स्थापित है. खास बात ये है कि महालक्ष्मी मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के साथ विराजी हैं. मंदिर में धनतेरस और दीपावली के अवसर पर विशेष पूजा अर्चना की जाती है. जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं.(Diwali 2022) ( mahalaxmi temple in sagar) ( 300 years old idol of mahalakshmi in sagar)

mahalaxmi temple in sagar
महालक्ष्मी

मराठाकालीन मंदिर में विराजी हैं महालक्ष्मी : सागर शहर के प्राचीन किले के नजदीकी पर कोटा में मराठा कालीन ऐतिहासिक मंदिर मौजूद है. जहां महालक्ष्मी की प्राचीन प्रतिमा स्थापित है. खास बात यह है कि इस मंदिर में महालक्ष्मी भगवान जगन्नाथ बलभद्र और सुभद्रा के साथ विराजे हुए हैं. बताया जाता है कि ये मंदिर सागर के शासक और बाजीराव के सामंत गोविंद बल्लाल खेर के शासनकाल में बनाया गया था. यह मंदिर मराठा स्थापत्य कला का शानदार नमूना है. मंदिर में विराजी महालक्ष्मी की मूर्ति मनोहारी है. दीपावली के अवसर पर मंदिर में धनतेरस से लेकर भाईदूज तक भक्तों का तांता लगा रहता है. खासकर सागर के मराठी परिवारों के अलावा अन्य जगह के मराठी धर्मावलंबी महालक्ष्मी के दर्शन करने के लिए परकोटा के महालक्ष्मी मंदिर पहुंचते हैं. यहां धनतेरस और दीपावली के दिन विशेष पूजा की जाती है. इसके अलावा दशहरे के दिन भी इस मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की जाती है. ऐसी मान्यता है कि सागर के ऐतिहासिक किले से सटे मंदिर में महालक्ष्मी का पूजन करने पर मनोकामना पूरी होती है.

सागर में महालक्ष्मी का ऐतिहासिक मंदिर

Diwali 2022: सात चक्रों में विभक्त है महालक्ष्मी का अनूठा मंदिर, भोपाल के करुणाधाम आश्रम में 1100 दीपों से होगी लक्ष्मी पूजा

मनोकमान होती है पूरी: मंदिर के व्यवस्थापक अजय कृष्ण बताते हैं कि मंदिर में महालक्ष्मी जहां भगवान जगन्नाथ बलभद्र और सुभद्रा के साथ निराली है. महालक्ष्मी की प्रतिमा सफेद संगमरमर की बनी हुई है, जो काफी मनमोहक है. खास बात ये है कि मंदिर में भगवान राम लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और सीता के साथ विराजमान हैं. मंदिर में दशहरा धनतेरस और दीपावली के दिन विशेष पूजा अर्चना का आयोजन किया जाता है, जिसमें काफी संख्या में भक्त पहुंचते हैं. कहा जाता है कि मंदिर में दीपावली की पूजन में जो भक्त पूजा अर्चना करते हैं, उनकी मनोकामना पूरी होती है.(Diwali 2022) ( mahalaxmi temple in sagar) ( 300 years old idol of mahalakshmi in sagar)

सागर। अपनी ऐतिहासिक और प्राचीन धरोहरों के लिए बुंदेलखंड प्रसिद्ध है. बुंदेलखंड के संभागीय मुख्यालय सागर में कई ऐतिहासिक मराठा कालीन मंदिर स्थित है. ऐसा ही मंदिर सागर के ऐतिहासिक किले के नजदीक परकोटा इलाके में स्थित है. जिसमें महालक्ष्मी की करीब 300 साल पुरानी मूर्ति स्थापित है. खास बात ये है कि महालक्ष्मी मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के साथ विराजी हैं. मंदिर में धनतेरस और दीपावली के अवसर पर विशेष पूजा अर्चना की जाती है. जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं.(Diwali 2022) ( mahalaxmi temple in sagar) ( 300 years old idol of mahalakshmi in sagar)

mahalaxmi temple in sagar
महालक्ष्मी

मराठाकालीन मंदिर में विराजी हैं महालक्ष्मी : सागर शहर के प्राचीन किले के नजदीकी पर कोटा में मराठा कालीन ऐतिहासिक मंदिर मौजूद है. जहां महालक्ष्मी की प्राचीन प्रतिमा स्थापित है. खास बात यह है कि इस मंदिर में महालक्ष्मी भगवान जगन्नाथ बलभद्र और सुभद्रा के साथ विराजे हुए हैं. बताया जाता है कि ये मंदिर सागर के शासक और बाजीराव के सामंत गोविंद बल्लाल खेर के शासनकाल में बनाया गया था. यह मंदिर मराठा स्थापत्य कला का शानदार नमूना है. मंदिर में विराजी महालक्ष्मी की मूर्ति मनोहारी है. दीपावली के अवसर पर मंदिर में धनतेरस से लेकर भाईदूज तक भक्तों का तांता लगा रहता है. खासकर सागर के मराठी परिवारों के अलावा अन्य जगह के मराठी धर्मावलंबी महालक्ष्मी के दर्शन करने के लिए परकोटा के महालक्ष्मी मंदिर पहुंचते हैं. यहां धनतेरस और दीपावली के दिन विशेष पूजा की जाती है. इसके अलावा दशहरे के दिन भी इस मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की जाती है. ऐसी मान्यता है कि सागर के ऐतिहासिक किले से सटे मंदिर में महालक्ष्मी का पूजन करने पर मनोकामना पूरी होती है.

सागर में महालक्ष्मी का ऐतिहासिक मंदिर

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मनोकमान होती है पूरी: मंदिर के व्यवस्थापक अजय कृष्ण बताते हैं कि मंदिर में महालक्ष्मी जहां भगवान जगन्नाथ बलभद्र और सुभद्रा के साथ निराली है. महालक्ष्मी की प्रतिमा सफेद संगमरमर की बनी हुई है, जो काफी मनमोहक है. खास बात ये है कि मंदिर में भगवान राम लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और सीता के साथ विराजमान हैं. मंदिर में दशहरा धनतेरस और दीपावली के दिन विशेष पूजा अर्चना का आयोजन किया जाता है, जिसमें काफी संख्या में भक्त पहुंचते हैं. कहा जाता है कि मंदिर में दीपावली की पूजन में जो भक्त पूजा अर्चना करते हैं, उनकी मनोकामना पूरी होती है.(Diwali 2022) ( mahalaxmi temple in sagar) ( 300 years old idol of mahalakshmi in sagar)

Last Updated : Oct 24, 2022, 2:24 PM IST
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