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Mayor Election sagar MP : Congress और BJP के बीच सीधा मुकाबला, बुंदेलखंड की एकमात्र नगर निगम को 1983 में मिला था पहला महापौर

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Published : Jul 5, 2022, 7:21 PM IST

सागर जिले में सागर नगर निगम सहित छह नगरीय निकायों में प्रथम चरण में मतदान होना है. प्रदेश की 16 नगर निगमों सागर का मुकाबला सत्ताधारी दल भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है. यहां बीजेपी को कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिल रही है. प्रशासन द्वारा मतदान की तैयारियां पूरी कर ली गई है. मतदान कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है और आज मतदान दल मतदान केंद्र के लिए रवाना हो गए. सागर में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला है. (Direct contest between Congress and BJP) (Sagar Mayor election in interesting mode)

Direct contest between Congress and BJP
सागर में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला

सागर। मध्यप्रदेश में चल रहे नगरीय निकाय चुनाव में पहले चरण का मतदान 6 जुलाई को होना है. 4 जुलाई शाम 5 बजे से शोरगुल वाला प्रचार प्रसार बंद हो गया है और मतदान के पहले इन चुनावों में अपनी किस्मत आजमा रहे सभी प्रत्याशी घर-घर दस्तक दे रहे हैं. बुंदेलखंड में एक समय ऐसा था कि सागर नगर एकमात्र नगर पालिका परिषद थी, जिसे 1980 के दशक में नगर निगम का दर्जा दिया गया. नगर निगम का दर्जा मिलने के बाद 1983 में हुए नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस के नवीन जैन पहले महापौर निर्वाचित हुए थे. तब नगर निगम के महापौर का कार्यकाल 1 वर्ष का होता था. नवीन जैन का कार्यकाल पूरा होने के बाद 1984 में कांग्रेश के हुकुमचंद चौधरी नगर निगम के महापौर बने थे. इसके बाद 1985 में कांग्रेस के उत्तमचंद खटीक महापौर बने थे.

Direct contest between Congress and BJP
सागर में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला

प्रथम चरण में सागर नगर निगम और अन्य नगरीय निकाय के चुनाव : नगरीय निकाय चुनाव के तहत सागर जिले में दो चरण में चुनाव संपन्न होगा. प्रथम चरण में आगामी 6 जुलाई को मतदान होगा, जिसमें सागर नगर निगम सहित 6 नगरीय निकाय के 120 वार्डो के जनप्रतिनिधियों का निर्वाचन होगा. इन 120 वार्डों में मतदान के लिए 394 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं. इनमें 118 मतदान केंद्र संवेदनशील घोषित किए गए हैं. साथ ही 276 मतदान केंद्र सामान्य श्रेणी के रहेंगे. नगरीय निकाय चुनाव के प्रथम चरण में नगर निगम सागर के 48 वार्डों में 251 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. जिनमें 2 लाख 22 हजार 584 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे. इनमें 1 लाख 13 हजार 894 पुरुष, एक लाख 8 हजार 679 महिला एवं 11 अन्य मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर 248 प्रत्याशियों में से 48 वार्ड पार्षद सहित नगर निगम महापौर का चुनाव करेंगे. सागर नगर निगम के चुनाव के लिए 251 मतदान केन्द्रों में 251 मतदान दल गठित किए गए हैं. इन मतदान दलों में 1004 मतदान कर्मियों को तैनात किया गया है, जबकि 100 मतदान कर्मी रिजर्व में रखे गये हैं. सागर नगर निगम में महापौर पद के लिए 8 प्रत्याशी मैदान में हैं जिनमें प्रमुख मुकाबला कांग्रेस की निधि जैन और भाजपा के संगीता तिवारी के बीच हो रहा है.

Direct contest between Congress and BJP
सागर में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला

कम रोचक नहीं है इतिहास : सागर नगर निगम के पिछले 42 साल के इतिहास को उठाकर देखें तो दो महापौरों को कानूनी लड़ाई और दांवपेच के चलते के चलते पद से हटना पड़ा और निर्वाचित महापौर की जगह शासन से मनोनीत पार्षदों ने महापौर की कुर्सी संभाली. 1994 में हुए नगरीय निकाय चुनाव में प्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर का चयन किया गया था. कांग्रेस के पार्षद लोकमन खटीक को तत्कालीन पार्षदों द्वारा चुना गया था. लेकिन 1997 में तत्कालीन सेवा दल के अध्यक्ष नवल पुरोहित की हत्या के मामले में आरोपी बनाए जाने के बाद शासन द्वारा लोकमत खटीक को हटाकर वल्लभ नगर वार्ड के पार्षद राजाराम अहिरवार को 25 जुलाई 1997 को महापौर मनोनीत किया गया था, जो करीब 8 माह तक इस पद पर रहे. अदालत से जमानत मिलने के बाद लोकमन खटीक को फिर महापौर बनने का मौका मिला था.

Sagar Mayor Election: 'हमारे सपनों का सागर...' विषय पर परिचर्चा आयोजित, एयरपोर्ट और स्टेट यूनिवर्सिटी बने मुद्दा

2010 में किन्नर कमला बुआ बनी महापौर : इसके बाद नगरीय निकाय चुनाव में महापौर और नगर पालिका अध्यक्षों के सीधे निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू हुई. 2010 में हुए महापौर चुनाव में सागर की जनता ने ऐतिहासिक फैसला करते हुए निर्दलीय किन्नर कमला बुआ को महापौर चुना था. कमला बुआ को कानूनी दांवपेच के चलते अपना पद छोड़ना पड़ा था. दरअसल, उनका अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया था और सुप्रीम कोर्ट ने उनका निर्वाचन निरस्त कर दिया था. इसके बाद सरकार द्वारा अंबेडकर वार्ड की पार्षद अनीता अहिरवार को महापौर मनोनीत किया गया था, जो करीब 2 साल तक सागर की महापौर रही थीं. इसके बाद 2015 में हुए नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अभय दरे ने जीत हासिल की थी. (Direct contest between Congress and BJP) ( Sagar Mayor election in interesting mode)

सागर। मध्यप्रदेश में चल रहे नगरीय निकाय चुनाव में पहले चरण का मतदान 6 जुलाई को होना है. 4 जुलाई शाम 5 बजे से शोरगुल वाला प्रचार प्रसार बंद हो गया है और मतदान के पहले इन चुनावों में अपनी किस्मत आजमा रहे सभी प्रत्याशी घर-घर दस्तक दे रहे हैं. बुंदेलखंड में एक समय ऐसा था कि सागर नगर एकमात्र नगर पालिका परिषद थी, जिसे 1980 के दशक में नगर निगम का दर्जा दिया गया. नगर निगम का दर्जा मिलने के बाद 1983 में हुए नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस के नवीन जैन पहले महापौर निर्वाचित हुए थे. तब नगर निगम के महापौर का कार्यकाल 1 वर्ष का होता था. नवीन जैन का कार्यकाल पूरा होने के बाद 1984 में कांग्रेश के हुकुमचंद चौधरी नगर निगम के महापौर बने थे. इसके बाद 1985 में कांग्रेस के उत्तमचंद खटीक महापौर बने थे.

Direct contest between Congress and BJP
सागर में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला

प्रथम चरण में सागर नगर निगम और अन्य नगरीय निकाय के चुनाव : नगरीय निकाय चुनाव के तहत सागर जिले में दो चरण में चुनाव संपन्न होगा. प्रथम चरण में आगामी 6 जुलाई को मतदान होगा, जिसमें सागर नगर निगम सहित 6 नगरीय निकाय के 120 वार्डो के जनप्रतिनिधियों का निर्वाचन होगा. इन 120 वार्डों में मतदान के लिए 394 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं. इनमें 118 मतदान केंद्र संवेदनशील घोषित किए गए हैं. साथ ही 276 मतदान केंद्र सामान्य श्रेणी के रहेंगे. नगरीय निकाय चुनाव के प्रथम चरण में नगर निगम सागर के 48 वार्डों में 251 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. जिनमें 2 लाख 22 हजार 584 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे. इनमें 1 लाख 13 हजार 894 पुरुष, एक लाख 8 हजार 679 महिला एवं 11 अन्य मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर 248 प्रत्याशियों में से 48 वार्ड पार्षद सहित नगर निगम महापौर का चुनाव करेंगे. सागर नगर निगम के चुनाव के लिए 251 मतदान केन्द्रों में 251 मतदान दल गठित किए गए हैं. इन मतदान दलों में 1004 मतदान कर्मियों को तैनात किया गया है, जबकि 100 मतदान कर्मी रिजर्व में रखे गये हैं. सागर नगर निगम में महापौर पद के लिए 8 प्रत्याशी मैदान में हैं जिनमें प्रमुख मुकाबला कांग्रेस की निधि जैन और भाजपा के संगीता तिवारी के बीच हो रहा है.

Direct contest between Congress and BJP
सागर में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला

कम रोचक नहीं है इतिहास : सागर नगर निगम के पिछले 42 साल के इतिहास को उठाकर देखें तो दो महापौरों को कानूनी लड़ाई और दांवपेच के चलते के चलते पद से हटना पड़ा और निर्वाचित महापौर की जगह शासन से मनोनीत पार्षदों ने महापौर की कुर्सी संभाली. 1994 में हुए नगरीय निकाय चुनाव में प्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर का चयन किया गया था. कांग्रेस के पार्षद लोकमन खटीक को तत्कालीन पार्षदों द्वारा चुना गया था. लेकिन 1997 में तत्कालीन सेवा दल के अध्यक्ष नवल पुरोहित की हत्या के मामले में आरोपी बनाए जाने के बाद शासन द्वारा लोकमत खटीक को हटाकर वल्लभ नगर वार्ड के पार्षद राजाराम अहिरवार को 25 जुलाई 1997 को महापौर मनोनीत किया गया था, जो करीब 8 माह तक इस पद पर रहे. अदालत से जमानत मिलने के बाद लोकमन खटीक को फिर महापौर बनने का मौका मिला था.

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2010 में किन्नर कमला बुआ बनी महापौर : इसके बाद नगरीय निकाय चुनाव में महापौर और नगर पालिका अध्यक्षों के सीधे निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू हुई. 2010 में हुए महापौर चुनाव में सागर की जनता ने ऐतिहासिक फैसला करते हुए निर्दलीय किन्नर कमला बुआ को महापौर चुना था. कमला बुआ को कानूनी दांवपेच के चलते अपना पद छोड़ना पड़ा था. दरअसल, उनका अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया था और सुप्रीम कोर्ट ने उनका निर्वाचन निरस्त कर दिया था. इसके बाद सरकार द्वारा अंबेडकर वार्ड की पार्षद अनीता अहिरवार को महापौर मनोनीत किया गया था, जो करीब 2 साल तक सागर की महापौर रही थीं. इसके बाद 2015 में हुए नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अभय दरे ने जीत हासिल की थी. (Direct contest between Congress and BJP) ( Sagar Mayor election in interesting mode)

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