सागर। आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बुंदेलखंड के 3 दिन के दौरे पर आए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बुधवार को राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के विधानसभा क्षेत्र में मंत्री और भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला. मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के विधानसभा क्षेत्र सुरखी के जैसीनगर में दिग्विजय सिंह ने बड़ा हमला बोलते हुए कहा है कि जब से गोविंद सिंह राजपूत भाजपा में आए हैं, उनसे संघ और जनसंघ के लोग काफी दुखी हैं. जिन आदर्श को लेकर लोग संघ से जुड़े थे, आज सिर्फ एक आदर्श वसूली का बचा है. उन्होंने कहा कि अधिकारी कर्मचारी के काम का मूल्यांकन वसूली से हो रहा है. दिग्विजय सिंह ने शिवराज सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा जब सरकार में आती है, तो सेवा कम और व्यवसाय ज्यादा करती है. कांग्रेस के लोग जो भाजपा में जाते हैं, वह भी बिगड़ जाते हैं. उन्होंने गोविंद सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि जाने कितने पैसे लेकर भाजपा में चले गए और अब वहां भी जनसेवा नहीं व्यवसाय कर रहे हैं.
सुरखी में संघ के लोग मंत्री से दुखी: जैसीनगर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बताया कि आज सुबह जैसीनगर के आरएसएस से जुड़े लोग मेरे पास आए थे. जिन्होंने चना खाकर और साइकिल पर घूम कर जनसंघ का प्रचार किया, वह आज काफी दुखी हैं. उनका कहना है कि जिन आदर्शों के लिए उन्होंने संघ और भारतीय जनसंघ का बल्ला पकड़ा था, वह अब सारे आदर्श चले गए हैं और एक आदर्श सिर्फ वसूली का बचा है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि थाने, तहसील, पंचायत,पीडब्ल्यूडी और गेहूं खरीद में वसूली की एकमात्र काम रह गया है. अधिकारी-कर्मचारियों के काम का मूल्यांकन जनसेवा से नहीं हो रहा है, उनका मूल्यांकन धन सेवा से हो रहा है. जो अधिकारी और कर्मचारी जितनी ज्यादा वसूली करेगा और मंत्री और विधायक को धन इकट्ठा करके देगा, वही सबसे बेहतरीन अधिकारी और कर्मचारी है.
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गोविंद सिंह राजपूत जनसेवा नहीं व्यवसाय कर रहे: पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि जब जब भारतीय जनता पार्टी सरकार में आती है तो वह व्यवसाय करती है. जनसेवा का काम कम और स्वयं सेवा का काम ज्यादा करती है जो बच्चे खाते कांग्रेसी लोग भाजपा में जाते हैं वह भी बिगड़ जाते हैं. राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर करारा हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि ना जाने कितने रुपए लेकर वह भाजपा में चले गए और वहां व्यवसाय कर रहे हैं जनसेवा नहीं कर रहे हैं. उनका कहना है कि हमें कांग्रेस और भाजपा से मतलब नहीं. यहां कोई काम होगा, तो उनकी कंपनी ही करेगी. कोई भी ठेका होगा,उनकी कंपनी ही करेगी. मूल्यांकन उस काम का हो नहीं सकता, काम में गुणवत्ता नहीं हो सकती है. यहां तक यहां जो सरपंच चुनकर आए हैं, वह भी दुखी हैं क्योंकि उन्हें कोई काम नहीं मिलता है. क्योंकि डायरेक्ट पैसा जिसको वो चाहते हैं, उसके पास पहुंचता है और उसमें कितना इनका कमीशन का होता है, वह तो यहां की जनता जानती है.