सागर(Sagar)। जिले के जरुआ खेड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सोमवार को बिजली का करंट फैलने से समय रहते अस्पताल में मौजूद स्टाफ और मरीज के परिजन की सतर्कता से बड़ा हादसा टल गया.बरसात के कारण अस्पताल में करंट फैलने से तारों से चिंगारियां निकलने लगी तो अस्पताल में मौजूद स्टाफ और मरीजों के परिजनों ने तत्काल मरीजों को बाहर निकाला. बिजली विभाग के आने के बाद अस्पताल में मरीजों का इलाज शुरू हो सका.
हर साल बनते हैं ऐसे ही हालात
स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल का भवन 15 साल पहले बना था.लेकिन घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग होने के कारण कुछ ही दिनों में अस्पताल का भवन जर्जर हो गया था. हर साल बरसात में अस्पताल में सीलन हो जाती है और छत टपकती रहती हैं.इलाज कराने आने वाले लोगों को और खासकर गर्भवती महिलाओं को काफी परेशानी होती है.इसके पहले भी बरसात के मौसम में ऐसे ही हालात बने हैं. हर साल बरसात के मौसम में अस्पताल में पानी भरा रहता है और बेतरतीब बिजली फिटिंग के कारण करंट भी दीवारों पर फैलता रहता है. इसके बारे में ग्रामीणों ने और अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर ने कई बार जिला स्तर पर सूचना दी.लेकिन बरसात के मौसम के बाद सब बेपरवाह हो जाते हैं.
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आला अधिकारियों की बेपरवाही बन सकती है हादसे का कारण
जरुआ खेड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के मेडिकल ऑफिसर मुकेश आर्य का कहना है कि 2006 में बने इस भवन के शुरुआत से ऐसे ही हालात हैं. भवन की मरम्मत और बिजली फिटिंग में सुधार के लिए कई बार लोक निर्माण विभाग और मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखे गए हैं. लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.सोमवार को हुए हादसे की जानकारी विभागीय अधिकारियों को मोबाइल और पत्र के माध्यम से भी दी गई है.वहीं इस मामले में पहले अनभिज्ञता जताने वाले सागर जिले के जिला चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी सुरेश बौद्ध का कहना है कि इस मामले में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से बात की गई है और बारिश के बाद अस्पताल की मरम्मत का आश्वासन मिला है.अधिकारियों की बातचीत से साफ है कि मौजूदा बरसात के सीजन में जरुआ खेड़ा के लोगों को ऐसी ही परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.