सागर। एक तरफ कर्ज के बोझ के तले दबे मध्यप्रदेश की हालत बद से बदतर होती जा रही है और दूसरी तरफ प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री के गृहनगर में सरकारी पैसों की बंदरबांट की जा रही है. ताजा मामला सागर नगर निगम में राजीव आवास के ठेकेदार के भुगतान का सामने आया है. इसमें नगर निगम ने मनमाने तरीके से ठेकेदार को 18 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान कर दिया. खास बात यह है कि अधूरे काम का कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया. राजीव आवास के ठेकेदार को 1370 आवास बनाने थे, लेकिन सिर्फ 1248 आवास बनाए. ये खुलासा आरटीआई से हुआ है.
आरटीआई से हुआ बड़ा खुलासा : इस मामले की शिकायत कांग्रेस नेता अशरफ खान ने सागर कमिश्नर से की है. सागर कमिश्नर ने जांच के आदेश दे दिए हैं. दरअसल, सागर नगर निगम द्वारा राजीव आवास योजना के तहत बाघराज वार्ड महाराजा छत्रसाल नगर में बनाए गए आवास के ठेकेदार को अनुबंध राशि से 18 करोड़ अधिक राशि का भुगतान किए जाने का मामला सामने आया है. इस मामले में अपूर्ण कार्य का कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी कर अन्य ठेकेदार से अतिरिक्त व्यय पर विद्युत सबस्टेशन बनवाने की जानकारी भी सामने आई है. इसके साथ ही 1370 आवासों के स्थान पर 1248 आवास बनाए जाने का खुलासा पूर्व जिला युवक कांग्रेस अध्यक्ष अशरफ खान की लगाई गई आरटीआई के तहत हुआ है.
कैसे किया गया गोलमाल : सूचना के अधिकार के अंतर्गत निकाली गई जानकारी के आधार पर अशरफ खान ने बताया है कि 10 फरवरी 15 को नगर निगम सागर के कार्य आदेश के अनुसार विजय नगर इंदौर के मेसर्स गुलशन राय जैन को राजीव आवास योजना के अंतर्गत प्रथम वर्ष की 8 झुग्गी बस्तियों के लिए 1370 आवास निर्माण और अधोसंरचना विकास का काम दिया गया था. अनुबंध के अनुसार कार्य की लागत 80 करोड़ 64 लाख 43 हजार 240 रुपए थी. कार्य पूर्ण करने की अवधि 18 माह थी. उन्होंने बताया कि ठेकेदार द्वारा सिर्फ 1248 आवासों का निर्माण किया गया, जबकि 1370 आवासों का निर्माण कराया जाना था. खास बात ये है कि ठेकेदार का भुगतान 1370 आवासों का बिल लगाकर लिया गया.
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संभाग आयुक्त से शिकायत : अनुबंध के अनुसार कार्य की राशि 80 करोड़ 64 लाख 43 हजार 240 रुपए थी. लेकिन सागर नगर निगम द्वारा ठेकेदार 98 करोड़ 93 लाख 48 हजार 94 रुपए का भुगतान किया गया. इसकी पुष्टि नगर निगम सागर द्वारा 11 जनवरी 2019 को जारी किए गए कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र से होती है. इसके अलावा एजेंसी द्वारा आवास निर्माण स्थल पर विद्युत सब स्टेशन व अन्य कार्य कराए जाने थे, वह भी नहीं कराए गए. अब सागर नगर निगम दूसरे ठेकेदार से अतिरिक्त खर्च कर बकाया कार्य करा रही है. आरटीआई के जरिए हुई इस गड़बड़ी के खुलासे के बाद सागर के संभाग आयुक्त एवं नगर निगम के प्रशासक मुकेश शुक्ला को शिकायत दर्ज की गई है. उन्होंने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं. (Corruption in Sagar Municipal Corporation) ( Complaint of Corruption to Commissioner)