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कोरोना योद्धाओं को सम्मान नहीं मिलने पर भड़के सफाईकर्मी, विधायक ने कराया समझौता

मध्य प्रदेश में 15 अगस्त के दिन कोरोना योद्धा और सफाई कर्मचारियों को सम्मान दिए जाने का ऐलान किया गया था, लेकिन यह सम्मान कुछ की कर्मचारियों को मिला, जिससे अन्य कर्मचारी काफी गुस्से में हैं, उन्होंने भेदभाव का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की, जिसके बाद विधायक और नगरपालिका के सीएमओ के समझाने के बाद सफाई कर्मचारी वापस लौटे.

no respect for corona warriors
कोरोना योद्धाओं को सम्मान नहीं
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Published : Aug 16, 2021, 7:53 PM IST

सागर। कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डालकर सफाई के अलावा कोरोना मृतकों का अंतिम संस्कार करने वाले सफाई कर्मियों को भरोसा था कि आजादी के पर्व पर उन्हें बाकायदा प्रशंसा पत्र के साथ सम्मानित किया जाएगा, लेकिन सफाई कर्मियों को भेदभाव का सामना करना पड़ा. इन सफाई कर्मियों में से कुछ का सम्मान किया गया, जबकि ज्यादातर लोगों को सम्मान से वंचित रखा गया.

no respect for corona warriors
कोरोना योद्धाओं को सम्मान नहीं

भेदभाव के चलते भड़के सफाई कर्मचारी

सफाईकर्मियों को सम्मान नहीं मिलने के चलते वो भड़क गए, और नगरपालिका सीएमओ कार्यालय के सामने ही मिला हुआ उपहार फेंक दिया, इसके साथ ही उन्होंने अपना काम बंद कर दिया, और जमकर नारेबाजी की, इस दौरान विधायक भी मौके पर पहुंचे और मामले को शांत कराया, इसके साथ ही सभी सफाई कर्मचारियों को सम्मान दिए जाने का आश्वासन दिया. तब जाकर सफाईकर्मी वापस लौटे.

विधायक ने कराई मध्यस्थता

नाराज इस सफाई कर्मियों को मनाने के लिए मकरोनिया नगर पालिका परिषद के सीएमओ रिशांक धाकड़ ने सफाई कर्मियों को काफी समझाया, लेकिन बात नहीं बनी, बाद में स्थानीय विधायक प्रदीप लारिया को मध्यस्थता करनी पड़ी और यह तय हुआ कि सफाई कर्मचारियों के सम्मान के लिए फिर से सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें विधायक खुद शामिल होंगे, तब जाकर सफाई कर्मियों ने दोबारा काम शुरू किया.

ऑक्सीजन टैंकर चालकों को दी जा रही विशेष ट्रेनिंग, दूसरी लहर की कमियों से सीख लेकर ट्रेनिंग शुरू

नाराज सफाईकर्मी आनंद कुमार का कहना है कि

कोरोना काल में हमने कोविड सेंटर में काम किया, लोगों के शव को भी अंतिम सस्कार किया, लोगों के घर जाकर सैनेटाइज भी किया, उसके बाद भी कोई सम्मान नहीं मिला, इसके विरोध में आज यहां आए थे, जो कपड़े दिए थे, उसे वापस कर दिया है, यहां सिर्फ दो कर्मचारियों का सम्मान किया गया, जिसे साहब लोग जानते थे, इसके अलावा किसी का सम्मान नहीं किया गया.

मकरोनिया नगरपालिका के सीएमओ ईशांक धाकड़ का कहना है कि

सफाई कर्मी चाहते हैं, कि उनको सभी लोगों के सामने सम्मान दिया जाए, लेकिन यहां जो सबसे बेस्ट था उसे सम्मान दिया गया है, अन्य कर्मचारियों को लगा कि शायद उन्हे पीछे छोड़ दिया गया है,हमने उन्हें समझाया है, सफाइकर्मियों के लिए फिर से सम्मान समारोह कराया जाएगा.

सागर। कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डालकर सफाई के अलावा कोरोना मृतकों का अंतिम संस्कार करने वाले सफाई कर्मियों को भरोसा था कि आजादी के पर्व पर उन्हें बाकायदा प्रशंसा पत्र के साथ सम्मानित किया जाएगा, लेकिन सफाई कर्मियों को भेदभाव का सामना करना पड़ा. इन सफाई कर्मियों में से कुछ का सम्मान किया गया, जबकि ज्यादातर लोगों को सम्मान से वंचित रखा गया.

no respect for corona warriors
कोरोना योद्धाओं को सम्मान नहीं

भेदभाव के चलते भड़के सफाई कर्मचारी

सफाईकर्मियों को सम्मान नहीं मिलने के चलते वो भड़क गए, और नगरपालिका सीएमओ कार्यालय के सामने ही मिला हुआ उपहार फेंक दिया, इसके साथ ही उन्होंने अपना काम बंद कर दिया, और जमकर नारेबाजी की, इस दौरान विधायक भी मौके पर पहुंचे और मामले को शांत कराया, इसके साथ ही सभी सफाई कर्मचारियों को सम्मान दिए जाने का आश्वासन दिया. तब जाकर सफाईकर्मी वापस लौटे.

विधायक ने कराई मध्यस्थता

नाराज इस सफाई कर्मियों को मनाने के लिए मकरोनिया नगर पालिका परिषद के सीएमओ रिशांक धाकड़ ने सफाई कर्मियों को काफी समझाया, लेकिन बात नहीं बनी, बाद में स्थानीय विधायक प्रदीप लारिया को मध्यस्थता करनी पड़ी और यह तय हुआ कि सफाई कर्मचारियों के सम्मान के लिए फिर से सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें विधायक खुद शामिल होंगे, तब जाकर सफाई कर्मियों ने दोबारा काम शुरू किया.

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नाराज सफाईकर्मी आनंद कुमार का कहना है कि

कोरोना काल में हमने कोविड सेंटर में काम किया, लोगों के शव को भी अंतिम सस्कार किया, लोगों के घर जाकर सैनेटाइज भी किया, उसके बाद भी कोई सम्मान नहीं मिला, इसके विरोध में आज यहां आए थे, जो कपड़े दिए थे, उसे वापस कर दिया है, यहां सिर्फ दो कर्मचारियों का सम्मान किया गया, जिसे साहब लोग जानते थे, इसके अलावा किसी का सम्मान नहीं किया गया.

मकरोनिया नगरपालिका के सीएमओ ईशांक धाकड़ का कहना है कि

सफाई कर्मी चाहते हैं, कि उनको सभी लोगों के सामने सम्मान दिया जाए, लेकिन यहां जो सबसे बेस्ट था उसे सम्मान दिया गया है, अन्य कर्मचारियों को लगा कि शायद उन्हे पीछे छोड़ दिया गया है,हमने उन्हें समझाया है, सफाइकर्मियों के लिए फिर से सम्मान समारोह कराया जाएगा.

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