सागर। बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सत्येंद्र मिश्रा पिछले साल से कोरोना मरीजों का इलाज करते-करते खुद कोरोना पॉजिटिव हो गए थे. उनकी हालत इतनी गंभीर हो गई थी, कि उनके 80% फेफड़े संक्रमित हो गए थे. उनकी बिगड़ती हालत देखकर उनके साथी डॉक्टरों ने मदद की गुहार लगाई थी. गुहार को सुनकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सरकारी खर्च पर उनके इलाज का ऐलान किया था. सागर से उन्हें ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एंबुलेंस के जरिए भोपाल भेजा गया और फिर भोपाल से हैदराबाद एयर लिफ्ट किया गया. हैदराबाद में मशहूर डॉ. अपार जिंदल की देखरेख में उनका इलाज चल रहा है. अब उनकी सेहत में तेजी से सुधार हो रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि रिकवरी रेट यहीं रहा तो 8 दिन बाद उन्हें आईसीयू से प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाएगा.
- डॉ. सत्येंद्र मिश्रा की सेहत में तेजी से हो रहा सुधार
हैदराबाद के यशोदा हॉस्पिटल में देश के जाने माने डॉ. अपार जिंदल की देखरेख में डॉ. सत्येंद्र मिश्रा का इलाज चल रहा है. शनिवार को अस्पताल से जो रिपोर्ट मिली है, वो काफी संतोषजनक है. यशोदा हॉस्पिटल से मिली रिपोर्ट के अनुसार शनिवार को जब डॉक्टर की टीम के साथ डॉ. सत्येंद्र मिश्रा की काउंसलिंग हुई, तो डॉक्टर काफी खुश थे. डॉक्टर का कहना है कि सत्येंद्र मिश्रा की हालत में काफी तेजी से सुधार हो रहा है. पहले दिन जो उनकी स्थिति थी, उससे अंदाजा नहीं लगाया जा सकता था कि इतनी तेजी से उनकी सेहत में सुधार होगा. इस तरह के केस काफी कम देखने को मिलते हैं. उनका इलाज कर रहे डॉक्टर उनकी रिकवरी से काफी खुश हैं.
डॉ. सत्येंद्र मिश्रा का इलाज शुरू, एयरलिफ्ट के लिए बनाया गया 175 किमी ग्रीन कॉरिडोर
- आईसीयू से प्राइवेट वार्ड में हो सकते हैं शिफ्ट
शनिवार को जिन डॉक्टर की टीम ने डॉक्टर सत्येंद्र मिश्रा का स्वास्थ्य परीक्षण किया है. उनका कहना है कि अगर रिकवरी रेट ऐसा ही रहा, तो 8 दिन बाद डॉक्टर सत्येंद्र मिश्रा को आईसीयू से प्राइवेट पार्ट शिफ्ट कर दिया जाएगा.