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कोरोना प्रभारी मंत्री ने जिले की नहीं ली सुध, दमोह उपचुनाव में व्यस्त - minister did not take care of district

प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव को सागर और नरसिंहपुर जिले का प्रभारी मंत्री बनाया गया है. उन पर कोरोना की स्थिति संभालने की जिम्मेदारी है. लेकिन मंत्री दमोह उपचुनाव कराने में व्यस्त हैं. इसे लेकर कांग्रेस प्रदेश के मंत्रियों पर निशाना साध रही है.

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कोरोना प्रभारी मंत्री ने जिले की नहीं ली सुध, दमोह में उपचुनाव में व्यस्त
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Published : Apr 15, 2021, 6:22 AM IST

सागर। प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अपनी कैबिनेट के मंत्रियों को जिलों का प्रभार सौंपा था. मंत्रियों को कोरोना संक्रमण को लेकर जिले का प्रभार सौंपने के निर्णय को 5 दिन बीत चुके हैं. लेकिन सागर और नरसिंहपुर के प्रभारी मंत्री चुनावी व्यस्तताओं के चलते अपने प्रभार वाले जिले का दौरा करने तक नहीं पहुंचे हैं. गोपाल भार्गव को सागर और नरसिंहपुर जिले का प्रभारी मंत्री बनाया गया है. लेकिन दमोह के उपचुनाव के प्रभारी होने के कारण फिलहाल गोपाल भार्गव उधर ही व्यस्त हैं.

कोरोना प्रभारी मंत्री ने जिले की नहीं ली सुध, दमोह में उपचुनाव में व्यस्त

सागर में पॉजिटिव की संख्या पहुंची 200 के पार, लेकिन प्रभारी मंत्री को दमोह की चिंता

शिवराज सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव को 9 अप्रैल को कोरोना संक्रमण को देखते हुए सागर और नरसिंहपुर का प्रभार सौंपा गया था. लेकिन इसके पहले उन्हें पार्टी ने दमोह उपचुनाव का प्रभारी बना दिया. ऐसे में गोपाल भार्गव को प्रभारी मंत्री बने हुए एक सप्ताह होने को है. लेकिन उन्होंने अभी तक ना तो संभागीय मुख्यालय सागर की सुध ली है. और ना ही पड़ोसी जिले नरसिंहपुर की कोरोना के लेकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया है. गोपाल भार्गव रोजाना दमोह में जनसंपर्क और चुनावी सभाओं को संबोधित करते नजर आ रहे हैं. लेकिन कोरोना के मामले में प्रभारी मंत्री बनने के बाद उन्होंने अभी तक कोई पहल नहीं की है.

सबसे पहले सागर में सामने आया था अक्सीजन की कमी का मामला

प्रदेश में फिलहाल ऑक्सीजन की कमी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. प्रदेशभर में ऑक्सीजन की कमी का मामला सबसे पहले सागर मेडिकल कॉलेज में सामने आया था. जहां आनन-फानन में बच्चों को जिला अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के कारण शिफ्ट करना पड़ा था. इन तमाम परिस्थितियों के बावजूद भी मंत्री गोपाल भार्गव ने सागर संभाग मुख्यालय पर बनी बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज, जिला चिकित्सालय और अन्य व्यवस्थाओं का जायजा तक नहीं लिया.

Damoh by election: मंत्री गोपाल भार्गव के घर पहुंचे CM शिवराज, चुनावी रणनीति पर हुई मंत्रणा

कोरोना मरीजों को आत्मनिर्भर बनाकर उत्सव मना रही है सरकार

कांग्रेस के प्रवक्ता और सागर संभाग के मीडिया प्रभारी संदीप सब लोग कहते हैं कि मध्य प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह के हाथ से बाजी निकल चुकी है. शिवराज सिंह खुद तय नहीं कर पा रहे हैं कि हमें किस मंत्री से कहा और क्या काम लेना है. उनकी प्राथमिकता जनता को बचाना नहीं, बल्कि दमोह का चुनाव जीतना है. इतने वरिष्ठ मंत्री को वहां का प्रभारी बना दिया, फिर उनको ही सागर और नरसिंहपुर जैसे कोरोना संक्रमण वाले संवेदनशील जिलों का प्रभारी बनाया है.

मुख्यमंत्री खुद नहीं समझ पा रहे हैं कि हमें किस व्यक्ति से क्या काम लेना है. आज प्रदेश के हालात बहुत तेजी से बिगड़ रहे हैं. ना तो डॉक्टर है,ना बेड और ना ही इंजेक्शन, ना ही दवाइयां, पूरी की पूरी जनता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने आत्मनिर्भर बना कर छोड़ दिया है और सरकार कोरोना संक्रमण का उत्सव मना रही है.

सागर। प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अपनी कैबिनेट के मंत्रियों को जिलों का प्रभार सौंपा था. मंत्रियों को कोरोना संक्रमण को लेकर जिले का प्रभार सौंपने के निर्णय को 5 दिन बीत चुके हैं. लेकिन सागर और नरसिंहपुर के प्रभारी मंत्री चुनावी व्यस्तताओं के चलते अपने प्रभार वाले जिले का दौरा करने तक नहीं पहुंचे हैं. गोपाल भार्गव को सागर और नरसिंहपुर जिले का प्रभारी मंत्री बनाया गया है. लेकिन दमोह के उपचुनाव के प्रभारी होने के कारण फिलहाल गोपाल भार्गव उधर ही व्यस्त हैं.

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शिवराज सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव को 9 अप्रैल को कोरोना संक्रमण को देखते हुए सागर और नरसिंहपुर का प्रभार सौंपा गया था. लेकिन इसके पहले उन्हें पार्टी ने दमोह उपचुनाव का प्रभारी बना दिया. ऐसे में गोपाल भार्गव को प्रभारी मंत्री बने हुए एक सप्ताह होने को है. लेकिन उन्होंने अभी तक ना तो संभागीय मुख्यालय सागर की सुध ली है. और ना ही पड़ोसी जिले नरसिंहपुर की कोरोना के लेकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया है. गोपाल भार्गव रोजाना दमोह में जनसंपर्क और चुनावी सभाओं को संबोधित करते नजर आ रहे हैं. लेकिन कोरोना के मामले में प्रभारी मंत्री बनने के बाद उन्होंने अभी तक कोई पहल नहीं की है.

सबसे पहले सागर में सामने आया था अक्सीजन की कमी का मामला

प्रदेश में फिलहाल ऑक्सीजन की कमी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. प्रदेशभर में ऑक्सीजन की कमी का मामला सबसे पहले सागर मेडिकल कॉलेज में सामने आया था. जहां आनन-फानन में बच्चों को जिला अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के कारण शिफ्ट करना पड़ा था. इन तमाम परिस्थितियों के बावजूद भी मंत्री गोपाल भार्गव ने सागर संभाग मुख्यालय पर बनी बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज, जिला चिकित्सालय और अन्य व्यवस्थाओं का जायजा तक नहीं लिया.

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मुख्यमंत्री खुद नहीं समझ पा रहे हैं कि हमें किस व्यक्ति से क्या काम लेना है. आज प्रदेश के हालात बहुत तेजी से बिगड़ रहे हैं. ना तो डॉक्टर है,ना बेड और ना ही इंजेक्शन, ना ही दवाइयां, पूरी की पूरी जनता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने आत्मनिर्भर बना कर छोड़ दिया है और सरकार कोरोना संक्रमण का उत्सव मना रही है.

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