हैदराबाद। हैदराबाद में होने जा रही CWC की बैठक में कांग्रेस आगामी पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और आगामी लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन एकता और सीट बंटवारे पर भी चर्चा कर सकती है. बैठक में कांग्रेस इस रणनीति पर विचार करेगी कि चुनावी राज्यों में कैसे INDIA गठबंधन के सदस्य अपनी एकजुटता का प्रदर्शन करें, ताकि उसका फायदा आगामी लोकसभा चुनाव के साथ-साथ मौजूदा विधानसभा चुनाव में भी मिले. इसके अलावा INDIA गठबंधन की बैठकों में आगामी लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा हो चुकी है, इस आधार पर CWC की बैठक में भी सीट बंटवारे पर चर्चा हो सकती है. कुल मिलाकर कांग्रेस का फोकस है कि पांच राज्यों के चुनाव में छोटे दलों से होने वाले नुकसान को रोका जाए और इस तरह की विपक्षी एकता पेश की जाए कि लोकसभा चुनाव के लिए जनता के बीच भरोसा कायम हो सके.
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हैदराबाद:
— INC TV (@INC_Television) September 16, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
कांग्रेस अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जुन खरगे, यूपीए चेयरपर्सन श्रीमती सोनिया गांधी का कांग्रेस कार्यकर्त्ताओं ने स्वागत किया।#CWCMeetingHyd pic.twitter.com/KB6as0NmCP
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चुनावी राज्यों में गठबंधन की रैलियो पर हो सकता है विचार: INDIA गठबंधन कि अब तक हो चुकी बैठकों के बाद गठबंधन अपनी ताकत दिखाने के लिए जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, वहां इंडिया गठबंधन की रैली और आमसभाओं पर विचार कर सकता है. चर्चा है कि INDIA गठबंधन भोपाल में जल्द ही एक विशाल शक्ति प्रदर्शन की तैयारी कर रहा है, जिसमें सभी दल शामिल होंगे, इसके पीछे उद्देश्य यह है कि विधानसभा चुनाव में गठबंधन के दलों की एकता से जनता प्रभावित होगी, जिसका फायदा पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में तो मिलेगा ही, इसके अलावा 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के पहले जनता में गठबंधन पर भरोसा कायम होगा. कांग्रेस की कोशिश होगी कि सभी पांच राज्यों में गठबंधन के दलों के साथ विधानसभा चुनाव के दौरान विशाल आम सभा या रैली के जरिए शक्ति प्रदर्शन किया जाए, ताकि जनता के मन में गठबंधन को लेकर भ्रम ना रहे.
लोकसभा के साथ चुनावी राज्यों में सीट बंटवारे पर चर्चा: CWC की बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव के सीट बंटवारे को लेकर तो चर्चा होगी ही, साथ ही ये भी संभावना है कि आगामी पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव को देखकर उन दलों से भी गठबंधन के लिहाज से सीटों का बंटवारा किया जाए, जो चुनावी राज्यों में अलग से मैदान में उतरने पर एक दूसरे को नुकसान कर सकते हैं. लिहाजा मध्य प्रदेश में यूपी की सीमा से लगे इलाकों में सपा और बसपा जैसे दलों का प्रभाव देखने मिलता है, दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी भी पूरे 230 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. अगर ये दल बिना गठबंधन के विधानसभा चुनाव में लड़ते हैं, तो विपक्षी एकता को नुकसान होने के साथ-साथ कांग्रेस को बड़ा नुकसान होगा और आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी एकता पर सवाल खड़े होंगे. ऐसे में संभावना है कि कांग्रेस उन दलों से जो गठबंधन में शामिल हो चुके हैं, राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी सीट शेयर करें.