सागर। आमतौर पर बुंदेलखंड में नाबालिगों की शादी और बाल विवाह के मामले में लड़के और लड़की दोनों की उम्र कम होती है, लेकिन शहर के मोती नगर थाना क्षेत्र में एक ऐसा मामला सामने आया है. जिसमें 12 साल की लड़की की शादी 38 साल के व्यक्ति से की जा रही थी. पुलिस की स्पेशल सेल ने गांव पहुंचकर शादी रुकवाई.
लगातार जारी है बाल विवाह का सिलसिला
इस मामले के अलावा जिले में अन्य नाबालिगों की शादी और बाल विवाह का मामला भी सामने आया है. इसके अलावा मोतीनगर थाना लहदरा नाका इलाके में 15 साल की नाबालिक लड़की की शादी 22 साल के लड़के से करने का मामला सामने आया है.
अच्छे कपड़ों का लालच देकर करायी जा रही थी शादी
शहर से लगे रजौआ गांव में 12 साल की लड़की की शादी 38 साल के व्यक्ति से करायी जा रही थी. शहर के मोती नगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले रजौआ गांव में हो रही शादी की शिकायत पुलिस की स्पेशल सेल को मिली. स्पेशल सेल ने जब गांव पहुंचकर जांच पड़ताल की, तो सामने आया कि 12 साल की लड़की की शादी हो रही थी. उसे शादी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी. लड़की को कहा गया था कि ऐसा करने से उसे अच्छे कपड़े और खूब घूमने को मिलेगा. पुलिस की स्पेशल सेल जब दोनों पक्षों को समझाइश देने लगी तो लड़के पक्ष के लोग विवाद पर उतर आए, लेकिन पुलिस की सख्ती के चलते आखिरकार शादी टालनी पड़ी.
बाल विवाह: पुलिस के पहुंचने से पहले ही नाबालिग ने ले लिए सात फेरे
स्पेशल सेल ने पिछले दो दिनों में शहर के मोती नगर थाना क्षेत्र के लहदरा नाका पर भी 16 साल की लड़की और 22 साल के लड़के की शादी को रुकवाया था. इसी तरह की शिकायत सिहोरा पुलिस चौकी अंतर्गत मिली, जहां पुलिस के स्पेशल सेल पहुंचने से पहले वरमाला का कार्यक्रम संपन्न हो गया था. लड़की पक्ष का कहना था कि गरीबी के चलते बेटी की जल्द शादी करना चाहते हैं. लेकिन पुलिस शक्ति और समझाइश के बाद दोनों पक्ष से शादी करने पर तैयार हो गए.