Bundelkhand Region। रहली सीट से गोपाल भार्गव जीते. गोपाल भार्गव ने 9वीं बार ऐतिहासिक जीत हासिल की. जबकि खुरई सीट से बीजेपी प्रत्याशी भूपेंद्र सिंह जीते.
बड़ा मलहरा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रामसिया भारती जीती
देवरी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी बृज बिहारी पटेरिया कांग्रेस के हर्ष यादव से 2421 वोट से आगे. पहले चक्र में पोस्टल बैलट पेपर की गिनती. सुरखी से दूसरे राउंड में गोविन्द सिंह 2143 वोटों से आगे.
- रहली ....बीजेपी 903 मतों से आगे
- सुरखी .... कांग्रेस 639 मतों से आगे
- बंडा .... कांग्रेस 1016 मतों से आगे
- नरयावली .... 483 मतों से आगे
- देवरी हर्ष कांग्रेस 719 मतों से आगे
- बीना - कांग्रेस 871 मतों से आगे
बुंदेलखंड मध्य प्रदेश का एक ऐसा इलाका है, जो सूबे की सियासत तय करने में हमेशा अहम भूमिका निभाता है. बुंदेलखंड के 6 जिलों में 26 सीटें आती है. विधानसभा चुनाव 2018 में बुंदेलखंड और बघेलखंड में ही कांग्रेस का खेल बिगड़ गया था और माना जाता है कि इसी वजह से कमलनाथ को सरकार गंवानी पड़ी है. विधानसभा चुनाव 2023 में एक बार फिर बुंदेलखंड पर सबकी निगाहें हैं. यहां पर कई दिग्गजों और उनके रिश्तेदारों और परिजनों की साख दांव पर लगी हुई है.
खासकर बीजेपी के लिए तो बुंदेलखंड इसलिए अहम है, क्योंकि यहां पर बीजेपी के कई दिग्गज नेता चुनाव मैदान में हैं. जो सूबे की सियासत में अहम भूमिका रखते हैं. आइये जानते हैं कि बुंदेलखंड के किस जिले में कितनी सीटें है और क्या समीकरण है.
सागर सीट का दिलचस्प मुकाबला: सागर जिले की सभी सीटों पर इस बार मुकाबला काफी दिलचस्प देखने मिल रहा है. बात अगर सागर सीट की करें तो यहां बीजेपी से शैलेंद्र जैन तो कांग्रेस से निधी जैन चुनावी मैदान में हैं. निधी जैन शैलेंद्र जैन के छोटे भाई की पत्नी हैं. यानि की यहां मुकाबला ससुर और बहू के बीच है. वहीं इसके अलावा गढ़ाकोटा सीट से अजेय गोपाल भार्गव एक बार चुनावी रण में उतरे हैं. इसी तरह सुरखी सीट से गोविंद सिंह राजपूत और नीरज शर्मा के बीच कांटे की टक्कर देखने मिलेगी.
दमोह का सियासी समीकरण: दमोह जिले में 4 विधानसभा सीट आती है. यह सीट दमोह, पथरिया, जबेरा और हटा है. यहां दमोह में अगर बात करें तो पूर्व मंत्री जयंत मलैया पर पार्टी ने एक बार फिर भरोसा जताया है, तो कांग्रेस ने अजय टंडन को टक्कर देने मैदान में उतारा है. वहीं पथरिया से बसपा से दबंग विधायक रामबाई एक बार फिर चुनाव लड़ रही हैं. यहां त्रिकोणीय मुकाबला है. ऐसा ही हाल जबेरा और हटा में भी देखने मिल रहा है.
छतरपुर विधानसभा सीट: इसी तरह छतरपुर जिले में 6 विधानसभा सीट आती है. सबसे पहले छतरपुर से बीजेपी ने ललिता यादव तो कांग्रेस ने आलाक चतुर्वेदी पर भरोसा जताया है. बड़ा मलहार से बीजेपी ने प्रद्मुन सिंह लोधी तो कांग्रेस से रामसिया भारती लोधी के बीच टक्कर देखने मिलेगी. इसी तरह का मुकाबला बिजावर, राजनगर, चंदला, महाराजपुर में है.
पन्ना में बीजेपी-कांग्रेस में टक्कर: अगर बात पन्ना जिले की करें तो इस जिले में तीन विधानसभा सीट आती है. पन्ना सीट से बीजेपी ने मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस से भरत मिलने पांडे यहां से प्रत्याशी है. वहीं पवई में बीजेपी ने प्रहलाद लोधी तो कांग्रेस ने मुकेश नायक को उम्मीदवार बनाया है.
टीकमगढ़ विधानसभा सीट: टीकमगढ़ जिले में भी तीन सीट आती है. इस जिले की खरगापुर सीट सबसे खास है, क्योंकि इस सीट से उमा भारती के भतीजे राहुल सिंह लोधी मैदान में हैं, जबकि उन्हें टक्कर चंदा सुरेंद्र सिंह गौर दे रही हैं. इस तरह बाकी सीट पर भी मुकाबला दिलचस्प है.
निवाड़ी जिले में दो विधानसभा सीट आती है. निवाड़ी और पृथ्वीपुर विधानसभा सीट. जहां निवाड़ी में बीजेपी से अनिल जैन और कांग्रेस ने अमित राय तो सपा से मीरा यादव के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है. जबकि पृथ्वीपुर में बीजेपी से शिशुपाल सिंह यादव तो कांग्रेस से नितेंद्र सिंह राठौर चुनावी मैदान में है.