सागर। बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के दो डॉक्टरों पर लापरवाही के आरोप में दोनों के खिलाफ नोटिस जारी करते हुए उनके लाइसेंस को रद्द करने की बात कही गई है. जिससे नाराज डॉक्टरों ने लामबंद होकर बुधवार सुबह से हड़ताल शुरू की है. जिसके बाद संभागीय कमिश्नर के निर्देश पर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉक्टर जीएस पटेल ने हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों को मनाने की कोशिश की है. लेकिन सभी डॉक्टर अपनी मांगों पर अड़े हैं. देर रात तक प्रशासनिक बातचीत के बावजूद डॉक्टरों ने हड़ताल रद्द करने से इनकार कर दिया है.
हड़ताल समाप्त करने से किया इनकार
डॉक्टर्स शिक्षक संघ और जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने देर रात तक हड़ताल समाप्त करने की बात से इनकार करते हुए कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों ने भी उनकी बात को सुना और उनकी बात स्वास्थ्य मंत्री तक भी पहुंची है, लेकिन वहां से जब तक कोई लिखित आश्वासन नहीं मिल जाता तब तक वह हड़ताल समाप्त नहीं करेंगे.
सभी डॉक्टर्स हड़ताल पर
डॉक्टर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि वह पिछले 6 महीने से लगातार कोरोना वायरस संक्रमण काल में पूरी ईमानदारी से अपना काम कर रहे हैं, लेकिन ऐसे में किसी व्यक्ति की मौत का बेवजह बेकसूर डॉक्टरों को जिम्मेदार ठहराकर उन पर कार्रवाई करना अनैतिक और असंवैधानिक है. जिसके चलते सभी डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं. ऐसे में उन्होंने कहा कि अब ठोस और लिखित आश्वासन के बिना वह काम पर वापस नहीं लौटेंगे.
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जानिए क्या था मामला
दरअसल दो महीने पहले एक कोरोना पॉजिटिव मरीज को कोविड केयर सेंटर रेफर करने के बाद उसकी मौत हो गई थी. इस मामले में दो डॉक्टरों को लापरवाही बरतने का दोषी ठहराते हुए उन पर कार्रवाई की अनुशंसा की गई थी. साथ ही उनका लाइसेंस रद्द करने के लिए नोटिस जारी किया गया है. जिससे नाराज डॉक्टर एसोसिएशन ने बुधवार से काम बंद करके हड़ताल शुरू कर दी है.