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Handpump Fire: इस गांव के हैंडपंप में पानी की जगह निकल रही आग, दहशत में ग्रामीण - कई गांव के हैंडपंप आग उगलने हैं

सागर जिले का बंडा इलाका एक बार फिर सुर्खियों में बना हुआ है. इस इलाके की सुर्खियों में बने होने की वजह बहुत पुरानी है. दरअसल, इस इलाके के कई गांव के हैंडपंप पानी की जगह आग उगलने लगते हैं. पहले भी इस इलाके के कई गांव में ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं. हाल ही में बंडा के मुडिया गांव में यह घटना फिर से सामने आई है.

Bundelkhand handpumps spew fire instead of water
बुंदेलखंड में हैंडपंप पानी की जगह उगलते हैं आग
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Published : Feb 2, 2023, 2:54 PM IST

बुंदेलखंड में हैंडपंप पानी की जगह उगलते हैं आग

सागर। जिले के मुडिया गांव में जल संकट के चलते हैंड पंप के लिए बोर किया जा रहा था. काफी गहराई के बाद भी जब बोर में पानी नहीं निकला तो बोरिंग मशीन ने काम बंद कर दिया. खाली हैंड पंप के नजदीक जब लोगों ने आग जलाई तो हैंडपंप के बोर से आग की लपटें उठने लगीं. इस घटना के बाद गांव में लोगों का तांता लगा हुआ है. हालांकि इस इलाके में इस तरह की घटनाएं पहले भी घट चुकी हैं और गैस के भंडार की संभावनाओं के चलते यहां सर्वे भी किया जा चुका है, लेकिन अभी तक कोई खास सफलता हासिल नहीं हुई है. जिले के बंडा विकासखंड के मुड़िया गांव में तब अफरा-तफरी का माहौल हो गया. जब गांव के एक खाली बोर से आग की लपटें उठने लगीं. नजारा ऐसा था कि जैसे कोई भारी-भरकम भट्टी जल रही हो. गांव में आग की लपटें उठने की खबर चारों तरफ तेजी से फैली और लोग ये नजारा देखने के लिए मुड़िया गांव में जमा होने लगे.

Bundelkhand handpumps spew fire instead of water
बुंदेलखंड में हैंडपंप पानी की जगह उगलते हैं आग

मौके पर पहुंची पुलिस : स्थानीय लोगों का कहना है कि गांव में पानी के संकट के चलते हैंडपंप के लिए बोर कराया जा रहा था. बोरिंग मशीन करीब 450 फीट तक खुदाई कर चुकी थी,लेकिन पानी नहीं निकल रहा था. असफल होने पर बोरिंग मशीन वापस हो गई. लेकिन जमीन में जो बोर किया गया, उससे गड़गड़ाहट की आवाजें आने लगीं. गांव के कुछ लोगों ने जब बोर के नजदीक आग जलाई तो बोर से तेजी से आग की लपटें उठने लगीं. लपटें इतनी भयंकर थी कि गांव में दहशत का माहौल हो गया और इसकी सूचना पुलिस और प्रशासन को दी गई. मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने वरिष्ठ अधिकारियों को इसके बारे में अवगत करा दिया है और ग्रामीणों को ताकीद किया गया है कि वह बोरवेल्स के आसपास ना भटकें. फिलहाल बोरवेल से आग का निकलना जारी है.

Bundelkhand handpumps spew fire instead of water
बुंदेलखंड में हैंडपंप पानी की जगह उगलते हैं आग

इलाके में पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं : सागर जिले के बंडा विकासखंड का उल्दन गांव हर बरसात के मौसम में चर्चाओं में आ जाता है. दरअसल, इस गांव के हैंडपंप बरसात के मौसम में पानी की जगह आग उगलने लगते हैं. गांव में जो हैंडपंप खराब हो चुके हैं, उनके आसपास माचिस की तीली जलाते ही आग की लपटें उठने लगती हैं. हालांकि लगातार हो रही ऐसी घटनाओं के चलते ओएनजीसी और सागर विश्वविद्यालय के भूगर्भ शास्त्री मीथेन गैस की संभावनाओं को लेकर शोध कर चुके हैं, लेकिन ऐसी कोई संभावना नजर नहीं आ रही है.

Chhatarpur Video Viral हैंडपंप से एक साथ निकल रहा पानी और आग, ग्रामीणों में दहशत, वीडियो वायरल

क्या कहते हैं भूगर्भशास्त्री : उल्दन गांव में हर साल घटने वाली घटना पर शोध कर चुके सागर विश्वविद्यालय के भूगर्भ शास्त्र विभाग के रिटायर प्रोफेसर आरके त्रिवेदी बताते हैं कि इस इलाके में विंध्यन बेसन की परतदार चट्टानें हैं. इन चट्टानों में जहां भी ड्रिलिंग की गयी थी, वहां कुछ मात्रा में गैस का रिसाव हुआ था, लेकिन जिस तरह हैंडपंप से गैस निकल रही है, वह हैंडपंप के अंदर नमी और मौजूद मटेरियल के बीच हो रही क्रिया के कारण है. जिसके कारण थोड़ी बहुत गैस बन जाती है. कुछ दिनों बाद यह गैस निकलना अपने आप बंद हो जाएगी. गैस के भंडार या व्यवसायिक उपयोग की संभावनाओं को लेकर प्रोफेसर आरके त्रिवेदी कहते हैं कि ऐसी संभावना नजर नहीं आती है,क्योंकि ओएनजीसी यहां पिछले कई सालों से काम कर रही है और उन्होंने दमोह के हटा के पास जरूर ऐसी संभावना नजर आई है, लेकिन बंडा में इस तरह की संभावना नहीं है.

बुंदेलखंड में हैंडपंप पानी की जगह उगलते हैं आग

सागर। जिले के मुडिया गांव में जल संकट के चलते हैंड पंप के लिए बोर किया जा रहा था. काफी गहराई के बाद भी जब बोर में पानी नहीं निकला तो बोरिंग मशीन ने काम बंद कर दिया. खाली हैंड पंप के नजदीक जब लोगों ने आग जलाई तो हैंडपंप के बोर से आग की लपटें उठने लगीं. इस घटना के बाद गांव में लोगों का तांता लगा हुआ है. हालांकि इस इलाके में इस तरह की घटनाएं पहले भी घट चुकी हैं और गैस के भंडार की संभावनाओं के चलते यहां सर्वे भी किया जा चुका है, लेकिन अभी तक कोई खास सफलता हासिल नहीं हुई है. जिले के बंडा विकासखंड के मुड़िया गांव में तब अफरा-तफरी का माहौल हो गया. जब गांव के एक खाली बोर से आग की लपटें उठने लगीं. नजारा ऐसा था कि जैसे कोई भारी-भरकम भट्टी जल रही हो. गांव में आग की लपटें उठने की खबर चारों तरफ तेजी से फैली और लोग ये नजारा देखने के लिए मुड़िया गांव में जमा होने लगे.

Bundelkhand handpumps spew fire instead of water
बुंदेलखंड में हैंडपंप पानी की जगह उगलते हैं आग

मौके पर पहुंची पुलिस : स्थानीय लोगों का कहना है कि गांव में पानी के संकट के चलते हैंडपंप के लिए बोर कराया जा रहा था. बोरिंग मशीन करीब 450 फीट तक खुदाई कर चुकी थी,लेकिन पानी नहीं निकल रहा था. असफल होने पर बोरिंग मशीन वापस हो गई. लेकिन जमीन में जो बोर किया गया, उससे गड़गड़ाहट की आवाजें आने लगीं. गांव के कुछ लोगों ने जब बोर के नजदीक आग जलाई तो बोर से तेजी से आग की लपटें उठने लगीं. लपटें इतनी भयंकर थी कि गांव में दहशत का माहौल हो गया और इसकी सूचना पुलिस और प्रशासन को दी गई. मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने वरिष्ठ अधिकारियों को इसके बारे में अवगत करा दिया है और ग्रामीणों को ताकीद किया गया है कि वह बोरवेल्स के आसपास ना भटकें. फिलहाल बोरवेल से आग का निकलना जारी है.

Bundelkhand handpumps spew fire instead of water
बुंदेलखंड में हैंडपंप पानी की जगह उगलते हैं आग

इलाके में पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं : सागर जिले के बंडा विकासखंड का उल्दन गांव हर बरसात के मौसम में चर्चाओं में आ जाता है. दरअसल, इस गांव के हैंडपंप बरसात के मौसम में पानी की जगह आग उगलने लगते हैं. गांव में जो हैंडपंप खराब हो चुके हैं, उनके आसपास माचिस की तीली जलाते ही आग की लपटें उठने लगती हैं. हालांकि लगातार हो रही ऐसी घटनाओं के चलते ओएनजीसी और सागर विश्वविद्यालय के भूगर्भ शास्त्री मीथेन गैस की संभावनाओं को लेकर शोध कर चुके हैं, लेकिन ऐसी कोई संभावना नजर नहीं आ रही है.

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क्या कहते हैं भूगर्भशास्त्री : उल्दन गांव में हर साल घटने वाली घटना पर शोध कर चुके सागर विश्वविद्यालय के भूगर्भ शास्त्र विभाग के रिटायर प्रोफेसर आरके त्रिवेदी बताते हैं कि इस इलाके में विंध्यन बेसन की परतदार चट्टानें हैं. इन चट्टानों में जहां भी ड्रिलिंग की गयी थी, वहां कुछ मात्रा में गैस का रिसाव हुआ था, लेकिन जिस तरह हैंडपंप से गैस निकल रही है, वह हैंडपंप के अंदर नमी और मौजूद मटेरियल के बीच हो रही क्रिया के कारण है. जिसके कारण थोड़ी बहुत गैस बन जाती है. कुछ दिनों बाद यह गैस निकलना अपने आप बंद हो जाएगी. गैस के भंडार या व्यवसायिक उपयोग की संभावनाओं को लेकर प्रोफेसर आरके त्रिवेदी कहते हैं कि ऐसी संभावना नजर नहीं आती है,क्योंकि ओएनजीसी यहां पिछले कई सालों से काम कर रही है और उन्होंने दमोह के हटा के पास जरूर ऐसी संभावना नजर आई है, लेकिन बंडा में इस तरह की संभावना नहीं है.

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