सागर। सुरखी विधानसभा क्षेत्र का सत्ता का संग्राम अब थम चुका है, लंबे खींचतान के बाद आखिरकार कांग्रेस का हाथ छोड़ बीजेपी का कमल थामने वाले गोविन्द सिंह राजपूत ने विधानसभा सीट पर कब्ज़ा जमा लिया है. गोविंद सिंह राजपूत ने सुरखी विधानसभा पर कांग्रेस प्रत्याशी पारुल साहू को हराते हुए जीत दर्ज की है.
40 हजार से ज़्यादा मतों से जीत दर्ज करने वाले राजपूत ने जीतने के बाद ईटीवी भारत से चर्चा में सुरखी की जनता का धन्यवाद देते हुए पार्टी का भी आभार माना. राजपूत ने कहा कि क्षेत्र की जनता से उनका दशकों पुराना नाता है और उन्होंने क्षेत्र के विकास के लिए जो काम किये हैं जनता ने उसके आधार पर उन्हें फिर से अपना बहुमत दिया है.
वहीं बीजेपी के नेताओं का आभार व्यक्त करते हुए राजपूत ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने एकजुट होकर चुनाव में प्रयास किया. जिसका परिणाम इतने बड़े स्तर पर पार्टी की जीत हुई. बीजेपी के विषय में राजपूत ने कहा कि 'बीजेपी एक ऐसी पार्टी है जिसे जनता ने हर स्तर पर सराहा है प्रदेश हो या देश जनता ने बीजेपी पर भरोसा जताया है'
राजपूत ने कहा कि कांग्रेस में रहते हुए भी उन्होंने क्षेत्र के विकास के लिए लगातार प्रयास किया, लेकिन पेयजल सिंचाई जैसे कई मुद्दे हैं जिनके लिए अब वो बड़े स्तर पर प्रयास करेंगे.
कौन हैं पारुल साहू जो हारी
पारुल साहू यहां के लिए काफी नामी चेहरा हैं. विधायक रहते हुए उन्होंने काम भी करवाए. लेकिन कांग्रेस नेताओं के साथ उनका सामंजस्य नहीं बैठा. ऐसा कहा जा रहा है कि पार्टी में होते हुए भी ज्यादातर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का झुकाव गोविंद सिंह राजपूत की ओर था. ऐसे में पारुल को अंदरखाने से कोई सपोर्ट नहीं मिला. इसका सीधा प्रभाव गोविंद सिंह की जीत हुई.