सागर। विधानसभा सीट पर पिछले तीन दशक से भाजपा और जैन समुदाय का कब्जा है. भाजपा में बड़ी संख्या में ब्राह्मण नेता हैं, लेकिन शहर में उन्हें अभी तक प्रतिनिधित्व हासिल नहीं हो सकी. सागर नगर निगम चुनाव के लिए महापौर पद अनारक्षित महिला वर्ग के लिए आरक्षित हुआ है, तो ब्राह्मण समुदाय की उम्मीदें जगी है.
- विधानसभा सीट पर 1990 से जैन समुदाय का कब्जा
सागर विधानसभा सीट में 1990 से लेकर अब तक सीट पर भाजपा ने जैन समुदाय को ही टिकट दिया है और 1990 से लगातार जैन समुदाय चुनाव जीतता आ रहा है. सुधा जैन लगातार तीन बार विधायक बनीं. 2008 से अब तक शैलेंद्र जैन विधायक हैं.
- ब्राह्मण समुदाय को लंबे समय से इंतजार
विधानसभा चुनाव में ब्राह्मणों और जैन समुदाय में टिकट को लेकर कड़ा मुकाबला होता है, लेकिन पिछले तीन दशक से बीजेपी जैन समुदाय पर ही भरोसा जता रही है. ऐसी स्थिति में ब्राह्मण समुदाय का इंतजार लंबा होता जा रहा है.
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- नगर निगम महापौर पद के आरक्षण से जागी उम्मीद
मध्यप्रदेश में होने वाले आगामी नगर निगम चुनाव की आरक्षण प्रक्रिया में सागर नगर निगम का महापौर पद अनारक्षित महिला वर्ग के लिए आरक्षित हुआ है. विधायक पद पर जैन समुदाय का कब्जा होने के कारण ब्राह्मण समुदाय की उम्मीद जगी है कि महापौर पद के लिए पार्टी उन्हें अवसर देगी.
- पिछड़ा वर्ग की दावेदारी से घमासान की स्थिति
नगर में महापौर पद अनारक्षित महिला के लिए आरक्षित होने के बाद संघ परिवार से जुड़ी और नगर निगम की पार्षद याकृति जड़िया ने महापौर टिकट के लिए दावा ठोक दिया है. उनका कहना है कि जब सीट आरक्षित है, तो जाति या वर्ग के आधार पर नहीं, बल्कि सक्रियता और संघर्ष के आधार पर टिकट होना चाहिए.