ETV Bharat / state

हरी सिंह गौर की जयंती आज, छात्रों ने दीप जलाकर किया याद - Dr. Hari Singh Gaur Central University

महान विद्वान शिक्षाविद डॉ हरी सिंह गौर की जयंती की पूर्व संध्या पर विश्वविद्यालय के छात्रों ने गौर समारक पर सैकड़ों दिए जलाकर डॉ गौर को याद किया.

birth-anniversary-of-dr-hari-singh-gaur-celebrated-in-sagar
दीपक जलाकर डॉ हरी सिंह गौर को जयंती पर किया याद
author img

By

Published : Nov 26, 2020, 6:58 AM IST

Updated : Nov 26, 2020, 9:59 AM IST

सागर। डॉ हरि सिंह गौर ने अपने जीवन भर की कमाई जमा पूंजी से इस विश्वविद्यालय की स्थापना की थी. इसे अपनी जन्मभूमि सागर और बुंदेलखंड के छात्रों के उज्ज्वल भविष्य के लिए समर्पित कर दिया था. बुंदेलखंड के गौरव देश के महान महापुरुषों में एक डॉक्टर हरि सिंह गौर की जयंती मनाई गई. इस अवसर पर डॉ हरि सिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों ने सैंकड़ों दीप जलाकर डॉ गौर को याद किया. देर रात तक छात्रों ने दीपों से गौर स्मारक को सजाया. विश्विद्यालय परिसर को दुल्हन की तरह सजाया गया है.

छात्रों ने दीप जलाकर डॉ हरी सिंह गौर को किया याद

26 नवंबर सन 1870 को सागर के शनिचरी क्षेत्र में जन्मे डॉ हरि सिंह गौर की 150वीं जयंती की तैयारियां कई दिनों पहले ही शुरू हो चुकी थी. पहले कोरोना संक्रमण की वजह से सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं करने का फैसला लिया गया. लेकिन इसका बड़े स्तर पर विरोध होने पर विश्विद्यालय प्रबंधन ने अपना निर्णय बदला और फिर हर साल की तरह पर कोरोना गाइडलाइन का ध्यान रखते हुए भव्य कार्यक्रम करने का निर्णय लिया गया. जिसके तहत सुबह तीनबत्ती स्थित गौर मूर्ति पर माल्यापर्ण के बाद सलामी और फिर विश्विद्यालय में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.

sagar
डॉ हरी सिंह गौर जयंती

दान से स्थापित देश का एक मात्र विश्वविद्यालय

डॉ हरि सिंह गौर ने देश के संविधान निर्माण सहित राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी. इस सबके बाद वो अपनी जन्मस्थली सागर लौट आए. जहां उन्होंने अपने जीवनभर की जमापूंजी से सागर विश्विद्यालय की स्थापना की. सर गौर का सागर में विश्विद्यालय खोलने का एक मात्र उद्देश्य था, क्षेत्र का शैक्षणिक विकास और 1946 में उन्होंने सागर विश्विद्यालय की स्थापना की. जिसका नाम बाद में उनके ही नाम पर कर दिया गया. किसी एक व्यक्ति के दान से स्थापित होने वाला यह देश का एकमात्र विश्वविद्यालय है. आज दानवीर डॉ गौर के नाम से ही सागर की अलग ही पहचान है. सागर विश्विद्यालय से महान दार्शनिक रजनीश ओशो जैसे अनेक छात्रों ने कीर्तिमान स्थापित किया. यही वजह है यहां के छात्र आज भी सर गौर को अपना आदर्श मानकर उनसे प्रेरणा लेते हैं.

सागर। डॉ हरि सिंह गौर ने अपने जीवन भर की कमाई जमा पूंजी से इस विश्वविद्यालय की स्थापना की थी. इसे अपनी जन्मभूमि सागर और बुंदेलखंड के छात्रों के उज्ज्वल भविष्य के लिए समर्पित कर दिया था. बुंदेलखंड के गौरव देश के महान महापुरुषों में एक डॉक्टर हरि सिंह गौर की जयंती मनाई गई. इस अवसर पर डॉ हरि सिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों ने सैंकड़ों दीप जलाकर डॉ गौर को याद किया. देर रात तक छात्रों ने दीपों से गौर स्मारक को सजाया. विश्विद्यालय परिसर को दुल्हन की तरह सजाया गया है.

छात्रों ने दीप जलाकर डॉ हरी सिंह गौर को किया याद

26 नवंबर सन 1870 को सागर के शनिचरी क्षेत्र में जन्मे डॉ हरि सिंह गौर की 150वीं जयंती की तैयारियां कई दिनों पहले ही शुरू हो चुकी थी. पहले कोरोना संक्रमण की वजह से सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं करने का फैसला लिया गया. लेकिन इसका बड़े स्तर पर विरोध होने पर विश्विद्यालय प्रबंधन ने अपना निर्णय बदला और फिर हर साल की तरह पर कोरोना गाइडलाइन का ध्यान रखते हुए भव्य कार्यक्रम करने का निर्णय लिया गया. जिसके तहत सुबह तीनबत्ती स्थित गौर मूर्ति पर माल्यापर्ण के बाद सलामी और फिर विश्विद्यालय में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.

sagar
डॉ हरी सिंह गौर जयंती

दान से स्थापित देश का एक मात्र विश्वविद्यालय

डॉ हरि सिंह गौर ने देश के संविधान निर्माण सहित राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी. इस सबके बाद वो अपनी जन्मस्थली सागर लौट आए. जहां उन्होंने अपने जीवनभर की जमापूंजी से सागर विश्विद्यालय की स्थापना की. सर गौर का सागर में विश्विद्यालय खोलने का एक मात्र उद्देश्य था, क्षेत्र का शैक्षणिक विकास और 1946 में उन्होंने सागर विश्विद्यालय की स्थापना की. जिसका नाम बाद में उनके ही नाम पर कर दिया गया. किसी एक व्यक्ति के दान से स्थापित होने वाला यह देश का एकमात्र विश्वविद्यालय है. आज दानवीर डॉ गौर के नाम से ही सागर की अलग ही पहचान है. सागर विश्विद्यालय से महान दार्शनिक रजनीश ओशो जैसे अनेक छात्रों ने कीर्तिमान स्थापित किया. यही वजह है यहां के छात्र आज भी सर गौर को अपना आदर्श मानकर उनसे प्रेरणा लेते हैं.

Last Updated : Nov 26, 2020, 9:59 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.