सागर। किसी भी मेडिकल कॉलेज में कोई भी व्यक्ति बेहतर इलाज की उम्मीद से जाता है, लेकिन मेडिकल कॉलेज (Bundelkhand Medical College) में भी जब मरीज के परिजनों को डॉक्टर्स का काम करना पड़े तो आप प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था के हालात समझ सकते हैं. ताजा कारनामा बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के हड्डी रोग विभाग में सामने आया है, जहां मरीजों के परिजनों को खुद मरीज के प्लास्टर काटने पड़ते हैं, इसकी जानकारी जब मेडिकल कॉलेज अधीक्षक को दी गई तो उन्होंने अनभिज्ञता जताते हुए जांच कराने की बात कही है.
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परिजनों को काटना पड़ता है प्लास्टर
बुंदेलखंड में एकमात्र मेडिकल कॉलेज बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज संभागीय मुख्यालय सागर में संचालित है, मेडिकल कॉलेज खुलने के बाद बुंदेलखंड के इलाके के लोगों को अच्छे इलाज की उम्मीद थी, लेकिन इस मेडिकल कॉलेज में पहुंचने वाले मरीजों को खुद अपना इलाज करना पड़ता है. बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज की हड्डी रोग विभाग में अपने बच्चों का इलाज कराने पहुंचे परिजनों से ही बच्चों को लगाया गया प्लास्टर कटवाया (Attender Cutted Patient Plaster) जा रहा है. ऐसे में परिजन बिना जानकारी के मरीजों का प्लास्टर खुद ही काट रहे हैं.
जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाईः अधीक्षक
बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में अपने बच्चे का पैर टूटने के बाद डॉक्टर को दिखाने पहुंचे रामकुमार से डॉक्टर ने प्लास्टर काटकर तब उनके पास ले जाने की बात कही. ऐसी स्थिति में राम कुमार ने मार्केट से छोटी आरी खरीद कर खुद बच्चे का प्लास्टर काटना शुरू कर दिया. इस मामले की जानकारी जब अस्पताल के अधीक्षक एसके पिप्पल को दी गई तो उन्होंने अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए और अगर हुआ है तो इसकी जांच कराई जाएगी और जो भी जिम्मेदार हैं, उनके ऊपर कार्रवाई की जाएगी.