सागर। कोरोना महामारी ने पूरे देश के साथ मध्य प्रदेश में हाहाकार मचाया हुआ है. 2020 में आई कोरोना की पहली लहर की अपेक्षा इस दूसरी लहर में ऑक्सीजन का संकट खड़ा हो गया है. लाख कोशिशों के बावजूद सरकारें अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए ऑक्सीजन मुहैया कराने में लाचार साबित हो रही है. महामारी के इस कठीन दौर में कोई मदद का हाथ बढ़ाएं तो वह किसी फरिश्ते से कम नहीं होता. सागर शहर के दोस्तों के इस ग्रुप भी फरिश्ते की तरह काम कर रहा है. इस ग्रुप ने कोरोना मरीजों को फ्री ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन मुहैया कराने का बीड़ा उठाया है. सागर शहर में 1992 में हायर सेकेंडरी परीक्षा एक साथ पास करने वाले दोस्त, जो देश और दुनिया में अलग-अलग शहरों में कामकाज में लगे हुए हैं. अपनी जन्मभूमि पर आए संकट के समय एकजुट होकर कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन मुहैया करा रहे हैं.
- दुनिया में फैले हैं सागर के 'को का के रव' ग्रुप के दोस्त
कोरोना महामारी के समय सागर शहर में मरीजों के लिए फ्री आक्सीजन कंसंट्रेटर मुहैया करा रहे दोस्तों के ग्रुप की बात करें, तो ये वो लोग हैं, जिन्होंने सन् 1992 में एक साथ हायर सेकेंडरी परीक्षा पास की थी. फिर सब अलग-अलग क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए देश और दुनिया के शहरों में बस गए. कोई यूरोप में हैं, तो कोई यूएसए में. इसके अलावा देश के अलग-अलग शहरों में रहने वाले सब दोस्त सोशल मीडिया के जरिए आपस में जुड़े हुए हैं. इस ग्रुप में 85 सदस्य हैं. खास बात ये है कि इन दोस्तों ने अपने ग्रुप का नाम ठेठ बुंदेलखंडी अंदाज में 'को का के रव' (बुंदेली ठसक में इसका अर्थ है 'कौन क्या कह रहा है') रखा है. अब तक तो इस ग्रुप के सभी साथी आपस में सोशल मीडिया के जरिए ही जुड़े रहते थे, लेकिन जब शहर पर संकट आया, तो इन सभी साथियों ने कुछ करने के बारे में सोचा.
- कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीजन मुहैया कराने का विचार
सागर से इस ग्रुप के दोस्तों को जब पता चला कि शहर में कोरोना का कहर बना हुआ है और ऐसी स्थिति में ऑक्सीजन का संकट गहरा गया है, तो सभी दोस्तों के मन में अपने जन्मभूमि के लिए कुछ करने का मन हुआ. ऐसी स्थिति में सभी दोस्तों ने फैसला किया वह ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन खरीद कर कोरोना मरीजों के लिए मुफ्त में मुहैया कराएंगे. सबसे पहले दोस्तों ने आपस में चंदा कर कर 12 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीनें खरीदी. जैसे ही दोस्तों ने कोरोना मरीजों के लिए मशीन मुहैया कराना शुरू किया, तो 12 की 12 मशीन एक ही दिन में कोरोना मरीजों के परिजन ले गए. ऐसी स्थिति में इन लोगों ने आनन-फानन में आठ मशीनें और खरीदी. फिलहाल 20 मशीनें कोरोना मरीजों को प्राणवायु ऑक्सीजन देने का काम कर रही हैं.
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- 50 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन जुटाने का लक्ष्य
ग्रुप के सदस्यों का कहना है कि पूरे देश में कोरोना का कहर होने के कारण ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन कम मात्रा में मिल पा रही हैं. एक मशीन की कीमत 65 हजार है और 5% जीएसटी देना होता है. अभी तक हम लोग 20 मशीनें खरीद चुके हैं और 50 मशीनें खरीदने का हमने लक्ष्य रखा हुआ है. हम मशीन मुफ्त में कोरोना मरीजों को मुहैया करा रहे है. लेकिन मशीन जरूरतमंद मरीजों को मिल सके और मशीनों का दुरुपयोग ना हो ,इसके लिए तय किया है कि एक मरीज को 3 दिन तक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मुफ्त मुहैया कराया जाएगा और अगर उसे जरूरत पड़ती है, तो फिर एक दिन के लिए 15 सौ रूपए का चार्ज दिया जाएगा.
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- समाज से भी की जुड़ने की अपील
सागर शहर के 'को का के रव' ग्रुप के सदस्यों ने शहर के समाजसेवी नागरिकों और समाजसेवी संगठनों से इस मुहिम में जुड़ने की अपील की है. इस ग्रुप में करीब 85 सदस्य हैं. जो अब तक आपस में करीब 15 लाख का चंदा इकट्ठा करके 20 मशीनें खरीद चुके हैं और 50 मशीनें खरीदने का लक्ष्य रखा हैं. ग्रुप के सदस्यों का कहना है कि सभी की अपनी आर्थिक क्षमताएं होती हैं. फिलहाल कोरोना जैसी महामारी चरम पर है और भविष्य में अगर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की जरूरत पड़ती है, तो हम चाहते हैं कि शहर के लोग हमारे साथ जुड़े हैं और इस बीमारी से जूझ रहे लोगों की मदद करें.