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अतिक्रमण मुहिम के नाम पर गरीब के आशियाने पर चला प्रशासन का बुलडोजर! परिवार के आगे रोजी रोटी का संकट

सागर जिले में अतिक्रमण मुहिम के चलते एक गरीब परिवार का गुजर बसर करने का जरिए ही नगर निगम ने ध्वस्त कर दिया. अब परिवार के आगे रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया.

Home of poor family made a living
गरीब परिवार का आशियाना किया जमींदोज
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Published : Dec 19, 2020, 1:53 PM IST

सागर। माफिया के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान में एक गरीब बुजुर्ग का अशियाना भी अतिक्रमण मुहिम अभियान की भेंट चढ़ गया. जिसके चलते अब ये परिवार भूखे मरने की कगार पर पहुंच गया है. दरअसल, रविदास वार्ड अंतर्गत देव भूतेस्वर मंदिर के सामने कच्चे घर में पीड़ित बुजुर्ग पूजा प्रसाद की दुकान चलाता था. इसी दुकान के सहारे बुजुर्ग अपना गुजर बसर कर रहा था लेकिन अब ये दुकान नगर निगम के अभियान के चलते जमींदोज हो गई. अब परिवार को भरण पोषण के लिए जद्दोजहद करनी पड रही है.

परिवार के मुखिया का कहना है कि उसके पास इस जगह का अस्थाई पट्टा था, लेकिन उसकी एक भी नहीं सुनी गई और तथा बिना सूचना दिए ही उसके रोजगार के साधन को ध्वस्त कर दिया. वहीं जब निगम आयुक्त से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि यह परिवार अस्थाई पट्टे की दम पर मंदिर ट्रस्ट की जमीन पर कब्जा किये था. जिसे हटा दिया गया है. लेकिन प्रशासन इस परिवार के भरण पोषण के लिए पीएम स्वनिधि योजना से ऋण देने के लिए तैयार है.

अब सवाल ये उठता है कि इतने बड़े शहर में जहां अतिक्रमण का जाल पूरे शहर में पैर पसारे हुए है. वहां शहर से दूर एक मंदिर के पास एक गरीब परिवार की रोजी रोटी का जरिया बने प्रसाद की दुकान हटाकर सागर नगर निगम कौन सी वाहवाही लूटना चाहती है. क्या माफिया का मतलब ऐसे गरीब परिवार है.

सागर। माफिया के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान में एक गरीब बुजुर्ग का अशियाना भी अतिक्रमण मुहिम अभियान की भेंट चढ़ गया. जिसके चलते अब ये परिवार भूखे मरने की कगार पर पहुंच गया है. दरअसल, रविदास वार्ड अंतर्गत देव भूतेस्वर मंदिर के सामने कच्चे घर में पीड़ित बुजुर्ग पूजा प्रसाद की दुकान चलाता था. इसी दुकान के सहारे बुजुर्ग अपना गुजर बसर कर रहा था लेकिन अब ये दुकान नगर निगम के अभियान के चलते जमींदोज हो गई. अब परिवार को भरण पोषण के लिए जद्दोजहद करनी पड रही है.

परिवार के मुखिया का कहना है कि उसके पास इस जगह का अस्थाई पट्टा था, लेकिन उसकी एक भी नहीं सुनी गई और तथा बिना सूचना दिए ही उसके रोजगार के साधन को ध्वस्त कर दिया. वहीं जब निगम आयुक्त से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि यह परिवार अस्थाई पट्टे की दम पर मंदिर ट्रस्ट की जमीन पर कब्जा किये था. जिसे हटा दिया गया है. लेकिन प्रशासन इस परिवार के भरण पोषण के लिए पीएम स्वनिधि योजना से ऋण देने के लिए तैयार है.

अब सवाल ये उठता है कि इतने बड़े शहर में जहां अतिक्रमण का जाल पूरे शहर में पैर पसारे हुए है. वहां शहर से दूर एक मंदिर के पास एक गरीब परिवार की रोजी रोटी का जरिया बने प्रसाद की दुकान हटाकर सागर नगर निगम कौन सी वाहवाही लूटना चाहती है. क्या माफिया का मतलब ऐसे गरीब परिवार है.

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