भोपाल: मध्य प्रदेश में जैविक और प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को सरकार सोलर पंप की सौगात देने की तैयारी कर रही है. भोपाल में आयोजित जैविक खेती पर आधारित कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अधिकारियों को इसके निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में जैविक और प्राकृतिक खेती का रकबा बढ़ाने हर साल लक्ष्य बढ़ाते जाएं. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश स्तर पर जिलावार उत्पादन के हिसाब से कृषि आधारित उद्योग स्थापित करने की योजना तैयार करें.
सीएम ने बताए जैविक खेती के फायदे
भोपाल के बरखेड़ीकला स्थित राज्य कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित जैविक खेती पद्धतियों और मूल्य ऋंखला कार्यशाला में सीएम पहुंचे. दो दिन चलने वाली इस कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि "जैविक खेती स्वास्थ्य ही नहीं, प्रकृति के लिए भी बेहतर है. पिछले दिनों मैं जापान और जर्मनी यात्रा पर गया था, वहां भी सरकार धीरे-धीरे जैविक की खेती की तरफ जा रहे हैं. मध्य प्रदेश के डिंडौरी, अनूपपुर, उमरिया, बालाघाट, मंडला, बैतूल, कटनी, छिंदवाड़ा के किसानों का मुख्य आधार जैविक खेती है.
जैविक खेती, किसानों की समृद्धि और आत्मनिर्भरता का नव आधार...
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) February 21, 2025
आज बरखेड़ीकला, भोपाल में 'मध्यप्रदेश में जैविक खेती: पद्धतियों एवं मूल्य श्रृंखला' पर आयोजित कार्यशाला में सहभागिता कर विचार साझा किए। मेरा सभी किसान भाइयों से आग्रह है कि जैविक खेती केवल उत्पादन की एक विधि नहीं, बल्कि… pic.twitter.com/yheu90dBsQ
प्रदेश के 33 जिलों में 1 लाख हेक्टेयर में जैविक खेती हो रही है. हमारी कोशिश रहेगी कि इसे 5 लाख हेक्टेयर लक्ष्य लेकर जाना है. मुख्यमंत्री ने मंच पर बैठे अधिकारियों से पूछा अभी कितना लक्ष्य रखा है? अधिकारियों ने जवाब दिया पिछले साल 30 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य रखा था, इस साल 1 लाख हेक्टेयर का लक्ष्य रखा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे लगातार बढ़ाना है, जो जैविक और प्राकृतिक खेती कर रहा है, उसे हम सोलर पंप भी देंगे."
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मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश जिलावार योजना तैयार करें
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि "वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष घोषित किया गया है. खेती आधारित राज्य में उद्योग की बात करेंगे, तो यह बेमानी होगा. मध्य प्रदेश के सभी क्षेत्र में इस साल कृषि आधारित उद्योगों की प्लानिंग करें. कृषि को उद्योगों से जोड़कर काम कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है. अधिकारी इसको लेकर प्लानिंग तैयार करें. कृषि आधारित उद्योगों का भी टागरेट लेकर चलें, इसे कैसे बढ़ाना है. मुझे लगता है कि कृषि आधारित उत्पादकता में बहुत ज्यादा खर्च नहीं होता. नई तकनीकि को अपनाते हुए जैविक खेती को आगे बढ़ाएं."
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आदर्श गांव, ब्लॉक और जिला बनाएंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 फीसदी करने का लक्ष्य रखा गया है. पिछले दिनों किसानों की आय बढ़ाने के लिए एग्रीविजन नागपुर के अधिकारियों से भी बात हुई थी. उनका मॉडल अच्छा है, लेकिन मध्य प्रदेश का अपना नया मॉडल भी खड़ा किया जा सकता है. प्रदेश में जैविक खेती में बेहतर काम करने वाले गांव, ब्लॉक और जिलों को मॉडल बनाया जा सकता है. अधिकारी पूरे प्रदेश का नक्शा लेकर बैठें कि किन जोन, किस ब्लॉक में क्या-क्या उत्पादन हो रहा है और वहां कौन-कौन से उद्योग लगाए सकते हैं.