सागर। शहर के मकरोनिया थाना क्षेत्र में कोरोना कर्फ्यू के दौरान बिना मास्क के घूम रहे युवक पर पुलिस की चालानी कार्रवाई से हंगामा इतना बढ़ गया कि युवक पुलिस से बदसलूकी करने लगा. जब पुलिस ने युवक पर मामला दर्ज करने की तैयारी कर ली, तो युवक भाग गया. यहां तक तो सब ठीक था, लेकिन पुलिस कार्रवाई की भनक युवक के परिजनों को लगी, तो परिवार की महिलाएं रविवार देर रात मकरोनिया थाना पहुंच गई और थाने में जमकर हंगामा किया. आखिरकार मकरोनिया पुलिस ने निर्भया टीम को बुलाकर महिलाओं को उनके घर वापस भेज दिया और आरोपी युवक के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाए जाने और कोविड-19 गाइडलाइन का उल्लंघन किए जाने का मामला दर्ज किया है.
- युवक को टोका तो पुलिस से करने लगा बदसलूकी
दरअसल रविवार शाम को कोरोना कर्फ्यू के दौरान मकरोनिया चौराहे पर पुलिस द्वारा रोको-टोको अभियान चलाया जा रहा था. इस अभियान के तहत बिना मास्क के अनावश्यक घूम रहे लोगों के खिलाफ चालानी कार्रवाई की जा रही थी. इसी दौरान बटालियन की तरफ से देव उपाध्याय नाम का युवक बिना मास्क के आ रहा था. जब मकरोनिया चौराहे पर पुलिस ने उसे रोका और मास्क ना पहनने पर चालान काटने की बात की, तो युवक भड़क गया और ड्यूटी पर तैनात आरक्षक के साथ बदसलूकी करने लगा. उसने पुलिस आरक्षक के साथ झूमा झूटकी भी की और कॉलर पकड़ ली. हंगामा बढ़ते देख वहां मौजूद अन्य पुलिस वालों ने युवक को रोका और युवक पर शासकीय कार्य में बाधा करने का मामला दर्ज किया जाने लगा. जैसे ही युवक को समझ में आया कि उसके ऊपर मामला दर्ज किया जा रहा है, तो युवक मौके से भाग गया. हालांकि पुलिस आरक्षक की रिपोर्ट पर युवक के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने और कोविड-19 गाइडलाइन का उल्लंघन किए जाने का मामला दर्ज कर लिया है.
मरीज की मौत के बाद परिजनों ने किया हंगामा
- केस दर्ज होने की खबर मिलते ही महिलाओं ने किया हंगामा
पुलिस द्वारा केस दर्ज किए जाने के बाद ही युवक को मौके से फरार हो गया. लेकिन युवक के परिवार की दो महिलाएं रात करीब 12 बजे मकरोनिया थाने पहुंच गई. इन महिलाओं ने थाने में जमकर हंगामा किया और पुलिस को खरी-खोटी सुनाई और युवक पर दर्ज किए गए प्रकरण को हटाने की मांग करने लगी. पुलिस ने जब इससे इनकार किया, तो महिलाओं ने थाना परिसर में जमकर हंगामा किया और करीब 2 घंटे तक थाना परिसर में ही धरने पर बैठी रही. काफी समझाइश के बाद जब महिलाएं नहीं मानी, तो निर्भया टीम को थाने बुलाकर महिलाओं को जबरन उनके घर भेज दिया गया. हालांकि महिलाओं द्वारा हंगामे को लेकर पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई.