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सड़क किनारे मौत को दावत देती लापरवाही, जिम्मेदार कौन ? - सागर

सागर को स्मार्ट बनाने के लिए सड़कों को चौड़ा किया जा रहा है.इस वक्त शहर में चारों तरफ निर्माण कार्य का सिलसिला जारी है. सड़कों के निर्माण में पाइप लाइन बिछाने जैसे कामों के कारण इस तरह के गड्ढे बन जाते हैं, जो सड़क हादसों का सबब बनते हैं.

Pits on the road
सड़क पर गड्ढे
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Published : Feb 10, 2021, 2:14 PM IST

सागर। शहरों के व्यस्ततम मार्ग और हाईवे पर होने वाले सड़क हादसों की वजह सड़क किनारे गड्ढे बने होते हैं. शहरों में होने वाले विकास कार्यों के दौरान होने वाली लापरवाही भी इन हादसों की वजह बनती है. खास तौर पर सड़कों के निर्माण में पाइप लाइन बिछाने जैसे कामों के कारण इस तरह के गड्ढे बन जाते हैं, जो सड़क हादसों का सबब बनते हैं. इसी तरह शहर और शहर के आसपास से गुजरने वाले नेशनल हाईवे आमतौर ऊंचाई पर बनाए जाते हैं कि सड़क के दोनों और गड्ढे और खाईयां बन जाती है.

मौत को दावत देती लापरवाही

इन हादसों को रोकने के लिए सुरक्षा के प्रबंध के तौर पर बैरिकेडिंग और संकेतक लगाने का काम किया जा सकता है. इस तरह की घटनाओं में पुलिस की लापरवाही ज्यादा मानी जाती है. खास तौर पर निर्माण और रखरखाव करने वाली एजेंसी इसकी सबसे बड़ी वजह होती है. इस तरह की लापरवाही को लेकर जिम्मेदार विभागों को रवैया एक दूसरे पर जिम्मेदारी टालने का है.

निर्माण कार्य के दौरान की लापरवाही

सागर शहर देश के उन सौ शहरों में शामिल है. जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों का शहर यानि की स्मार्ट सिटी बनाया जा रहा है. शहर को स्मार्ट बनाने के लिए सड़कों को चौड़ा किया जा रहा है. पानी के लिए पाइप लाइन बिछाई जा रही है. सौंदर्यीकरण के कई तरह के काम हो रहे हैं. इस वक्त शहर में चारों तरफ निर्माण कार्य का सिलसिला जारी है. खास तौर पर सड़कों को चौड़ा करने और पहले से बेहतर बनाने के काम चल रहे हे. निर्माण कार्य के दौरान निर्माण एजेंसी कई तरह की लापरवाही कर रही है. जो वाहन चालकों और पैदल चलने वालों तक के लिए जानलेवा साबित हो रही है.

Road crater
सड़क किनारे गड्ढा

हादसों से बचने के लिए किस तरह के उपाय किए जा सकते हैं

इस तरह के हादसों से बचने के लिए सड़क निर्माण या दूसरे कामकाज के दौरान और उसके बाद सुरक्षा के उपाय किए जा सकते हैं. कामकाज के दौरान बैरिकेडिंग और संकेतक लगाकर वाहन चालकों और सड़क पर चलने वालों को सतर्क किया जा सकता है. आमतौर पर निर्माण एजेंसी आवश्यक सुरक्षा के उपाय के तौर पर डायवर्सन, बोरिया लगाना और बैनर लगाकर लोगों को जानकारी सतर्क करने की कोशिश करती है. ज्यादातर लापरवाही काम खत्म होने के बाद की जाती है, जब इन जगहों पर सुरक्षा के उपाय नहीं किए जाते हैं.

Road crater
सड़क किनारे गड्ढा

गड्ढे भर भी देते हैं तो मलबा नहीं हटाते

सागर के विजय कुमार कहते हैं कि सरकार को सोचना चाहिए कि इन गड्ढों को भरवाएं. जिन लोगों को यह काम करने के लिए के दिए गए, उन ठेकेदारों और सरकार की जवाबदारी है. उनको बोला जाए कि इन्हें पूरी तरह से बंद करें और गड्ढों को खुला न छोड़ें. कई बार यह होता है कि गड्ढों को भर देते हैं, लेकिन उनको समतल नहीं करते हैं. सड़क पर मलबा पड़ा रहता है. आने जाने वाले लोगों और गुजरने वाले गाड़ियों को परेशानी होती है. बच्चे निकलते हैं और गिर जाते हैं,दुर्घटनाएं हो रही हैं. इस बारे में सरकार को ध्यान देना चाहिए कि जो काम हो रहे हैं, काम होने के बाद उसको पहले जैसा कर देना चाहिए.

Road crater
सड़क किनारे गड्ढा

प्रशासन के आला अधिकारी नहीं देते ध्यान

स्थानीय नागरिक और समाजसेवी पप्पू तिवारी इसके लिए प्रशासन के आला अधिकारियों के लिए जिम्मेदार मानते हैं. उनका कहना है कि शहर की ज्यादातर सड़कों के किनारे पर गड्ढे हैं. शहर में सड़कें बनाने और पाइप लाइन बिछाने का काम चल रहा है, लेकिन निर्माण कार्य करने वाली एजेंसी काम करने के बाद उन्हें जस का तस छोड़ देती है. प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी इस पर ध्यान नहीं देते हैं. जरूरत है कि आला अधिकारी इन लापरवाही ऊपर ध्यान दें और सुधार कराएं.

विभागों से समन्वय कर करते हैं सुरक्षा के उपाय

एडिशनल एसपी विक्रम सिंह कहते हैं कि ऐसी सभी स्थिति में जो निर्माण एजेंसी होती है. सबसे पहले वह निर्माण स्थल पर आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था डायवर्सन, बोरिया लगाना रूट डायवर्ट करने जैसे उपाय करती है. पुलिस भी इसमें संबंधित विभागों से समन्वय बनाकर सारी व्यवस्थाएं करने में सहयोग करती है.

सागर। शहरों के व्यस्ततम मार्ग और हाईवे पर होने वाले सड़क हादसों की वजह सड़क किनारे गड्ढे बने होते हैं. शहरों में होने वाले विकास कार्यों के दौरान होने वाली लापरवाही भी इन हादसों की वजह बनती है. खास तौर पर सड़कों के निर्माण में पाइप लाइन बिछाने जैसे कामों के कारण इस तरह के गड्ढे बन जाते हैं, जो सड़क हादसों का सबब बनते हैं. इसी तरह शहर और शहर के आसपास से गुजरने वाले नेशनल हाईवे आमतौर ऊंचाई पर बनाए जाते हैं कि सड़क के दोनों और गड्ढे और खाईयां बन जाती है.

मौत को दावत देती लापरवाही

इन हादसों को रोकने के लिए सुरक्षा के प्रबंध के तौर पर बैरिकेडिंग और संकेतक लगाने का काम किया जा सकता है. इस तरह की घटनाओं में पुलिस की लापरवाही ज्यादा मानी जाती है. खास तौर पर निर्माण और रखरखाव करने वाली एजेंसी इसकी सबसे बड़ी वजह होती है. इस तरह की लापरवाही को लेकर जिम्मेदार विभागों को रवैया एक दूसरे पर जिम्मेदारी टालने का है.

निर्माण कार्य के दौरान की लापरवाही

सागर शहर देश के उन सौ शहरों में शामिल है. जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों का शहर यानि की स्मार्ट सिटी बनाया जा रहा है. शहर को स्मार्ट बनाने के लिए सड़कों को चौड़ा किया जा रहा है. पानी के लिए पाइप लाइन बिछाई जा रही है. सौंदर्यीकरण के कई तरह के काम हो रहे हैं. इस वक्त शहर में चारों तरफ निर्माण कार्य का सिलसिला जारी है. खास तौर पर सड़कों को चौड़ा करने और पहले से बेहतर बनाने के काम चल रहे हे. निर्माण कार्य के दौरान निर्माण एजेंसी कई तरह की लापरवाही कर रही है. जो वाहन चालकों और पैदल चलने वालों तक के लिए जानलेवा साबित हो रही है.

Road crater
सड़क किनारे गड्ढा

हादसों से बचने के लिए किस तरह के उपाय किए जा सकते हैं

इस तरह के हादसों से बचने के लिए सड़क निर्माण या दूसरे कामकाज के दौरान और उसके बाद सुरक्षा के उपाय किए जा सकते हैं. कामकाज के दौरान बैरिकेडिंग और संकेतक लगाकर वाहन चालकों और सड़क पर चलने वालों को सतर्क किया जा सकता है. आमतौर पर निर्माण एजेंसी आवश्यक सुरक्षा के उपाय के तौर पर डायवर्सन, बोरिया लगाना और बैनर लगाकर लोगों को जानकारी सतर्क करने की कोशिश करती है. ज्यादातर लापरवाही काम खत्म होने के बाद की जाती है, जब इन जगहों पर सुरक्षा के उपाय नहीं किए जाते हैं.

Road crater
सड़क किनारे गड्ढा

गड्ढे भर भी देते हैं तो मलबा नहीं हटाते

सागर के विजय कुमार कहते हैं कि सरकार को सोचना चाहिए कि इन गड्ढों को भरवाएं. जिन लोगों को यह काम करने के लिए के दिए गए, उन ठेकेदारों और सरकार की जवाबदारी है. उनको बोला जाए कि इन्हें पूरी तरह से बंद करें और गड्ढों को खुला न छोड़ें. कई बार यह होता है कि गड्ढों को भर देते हैं, लेकिन उनको समतल नहीं करते हैं. सड़क पर मलबा पड़ा रहता है. आने जाने वाले लोगों और गुजरने वाले गाड़ियों को परेशानी होती है. बच्चे निकलते हैं और गिर जाते हैं,दुर्घटनाएं हो रही हैं. इस बारे में सरकार को ध्यान देना चाहिए कि जो काम हो रहे हैं, काम होने के बाद उसको पहले जैसा कर देना चाहिए.

Road crater
सड़क किनारे गड्ढा

प्रशासन के आला अधिकारी नहीं देते ध्यान

स्थानीय नागरिक और समाजसेवी पप्पू तिवारी इसके लिए प्रशासन के आला अधिकारियों के लिए जिम्मेदार मानते हैं. उनका कहना है कि शहर की ज्यादातर सड़कों के किनारे पर गड्ढे हैं. शहर में सड़कें बनाने और पाइप लाइन बिछाने का काम चल रहा है, लेकिन निर्माण कार्य करने वाली एजेंसी काम करने के बाद उन्हें जस का तस छोड़ देती है. प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी इस पर ध्यान नहीं देते हैं. जरूरत है कि आला अधिकारी इन लापरवाही ऊपर ध्यान दें और सुधार कराएं.

विभागों से समन्वय कर करते हैं सुरक्षा के उपाय

एडिशनल एसपी विक्रम सिंह कहते हैं कि ऐसी सभी स्थिति में जो निर्माण एजेंसी होती है. सबसे पहले वह निर्माण स्थल पर आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था डायवर्सन, बोरिया लगाना रूट डायवर्ट करने जैसे उपाय करती है. पुलिस भी इसमें संबंधित विभागों से समन्वय बनाकर सारी व्यवस्थाएं करने में सहयोग करती है.

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