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नाड़ी वैद्य शिविर में आए देशभर के 22 वैद्य, नब्ज देखकर किया मरीजों का इलाज

सागर के केन्द्रीय विश्वविद्यालय में मानव विज्ञान विभाग के दो दिवसीय नाड़ी वैद्य शिविर में देशभर के 22 वैद्यों ने मरीजों की नब्ज देखकर इलाज किया.

केन्द्रीय विश्वविद्यालय में दो दिवसीय नाड़ी वैद्य शिविर का किया गया आयोजन
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Published : Oct 6, 2019, 1:04 PM IST

Updated : Oct 6, 2019, 3:32 PM IST

सागर। केन्द्रीय विश्वविद्यालय में मानव विज्ञान विभाग ने दो दिवसीय नाड़ी वैद्य शिविर का आयोजन किया. जिसमें देशभर के 22 वैद्यों ने शिविर के माध्यम से कई मरीजों की नब्ज देखकर बीमारी का पता कर देशी तरीके से उपाय बताए. शिविर में आए मरीज भी वैद्यों के इलाज के तरीके देखकर अचंभित हो गए. इस शिविर का लाभ लेने बड़ी संख्या मे स्थानीय लोग शिविर मे पहुंचे थे.

केन्द्रीय विश्वविद्यालय में दो दिवसीय नाड़ी वैद्य शिविर का किया गया आयोजन

विश्वविद्यालय के स्वदेशी अनुसंधान केंद्र के प्रभारी ने बताया कि शिविर में अलग-अलग विषय के विशेषज्ञों के वैद्य आए है. सभी वैद्य नाड़ी देखकर ही मर्ज और उसकी दवा बता देते हैं. जिनमें एक वैद्य नेत्र से संबंधित मरीजों की आंख में दवा डालकर जाले और सालों से जमे कचरे को साफ करते हैं तो कुछ वैद्य पानी के लोटे शरीर में लगाकर मरीज का इलाज करते हैं. इसके अलावा वैद्य छेनी हथौड़ों से भी दर्द का निवारण करते हैं.

शिविर में ऐसे भी वैद्य आए हैं जो हस्त रेखाओं को देखने के बाद मरीज का इलाज करते हैं. बांझपन विशेषज्ञ के मुताबित देशी जड़ी बूटियों का प्रभाव अंग्रेजी दवाइयों से ज्यादा असरदार होती हैं. जड़ी बूटियां बीमारी को जड़ से समाप्त करने मे कारागार सबित होती है.

सागर। केन्द्रीय विश्वविद्यालय में मानव विज्ञान विभाग ने दो दिवसीय नाड़ी वैद्य शिविर का आयोजन किया. जिसमें देशभर के 22 वैद्यों ने शिविर के माध्यम से कई मरीजों की नब्ज देखकर बीमारी का पता कर देशी तरीके से उपाय बताए. शिविर में आए मरीज भी वैद्यों के इलाज के तरीके देखकर अचंभित हो गए. इस शिविर का लाभ लेने बड़ी संख्या मे स्थानीय लोग शिविर मे पहुंचे थे.

केन्द्रीय विश्वविद्यालय में दो दिवसीय नाड़ी वैद्य शिविर का किया गया आयोजन

विश्वविद्यालय के स्वदेशी अनुसंधान केंद्र के प्रभारी ने बताया कि शिविर में अलग-अलग विषय के विशेषज्ञों के वैद्य आए है. सभी वैद्य नाड़ी देखकर ही मर्ज और उसकी दवा बता देते हैं. जिनमें एक वैद्य नेत्र से संबंधित मरीजों की आंख में दवा डालकर जाले और सालों से जमे कचरे को साफ करते हैं तो कुछ वैद्य पानी के लोटे शरीर में लगाकर मरीज का इलाज करते हैं. इसके अलावा वैद्य छेनी हथौड़ों से भी दर्द का निवारण करते हैं.

शिविर में ऐसे भी वैद्य आए हैं जो हस्त रेखाओं को देखने के बाद मरीज का इलाज करते हैं. बांझपन विशेषज्ञ के मुताबित देशी जड़ी बूटियों का प्रभाव अंग्रेजी दवाइयों से ज्यादा असरदार होती हैं. जड़ी बूटियां बीमारी को जड़ से समाप्त करने मे कारागार सबित होती है.

Intro:सागर के केन्दीय विश्वविद्यालय के मानव विज्ञान विभाग द्वारा दो दिवसीय नाड़ी वैद्य शिविर आयोजित किया गया, जिसमे देशभर के 22 वैद्यों ने शिविर के माध्यम से सैकडो मरीजों की नब्ज टटोली एंव उनकी बीमारी को पकड़‌ देशी तरीके से उपाय बताए जडी बूटियों से इलाज़ किया इस दौरान वैधो द्वारा इलाज़ के लिए अपनाए ग ए तरीके को देख यहाँ आने वाले मरीज भी अचंभित दिखाई दिए जहाँ कोई वैध नाड़ी से मर्ज पकड़ते देखा गया तो कोई लोटे छैनी हथौड़े से मरीज के रोग का उपचार करता नजर आया जिसको लेकर शिविर मे आए लोग अचरत मे दिखाई दिए Body:विश्वविद्यालय के स्वदेशी अनुसंधान केंद्र के प्रभारी से मिली जानकारी के अनुसार शिविर में अलग-अलग विषय के विशेषज्ञों के वैद्य आए है जो नाड़ी देखकर ही मर्ज व उसकी दवा बता देते हैं जिनमे एक वैद्य नेत्र से संबंधित मरीजों की आंख में दवा डालकर जाले व सालों से जमे कचरे को साफ करते हैं तो कुछ वैद्य पानी के लोटे शरीर में लगाकर, छेनी हथौड़ों से दर्द का निवारण करते हैं साथ ही एक वैद्य ऐसे भी आए हैं, जो हस्त रेखाओं को देखने के बाद मरीज का इलाज करते हैं इसके अलावा बांझपन विशेषज्ञ भी शामिल है शिविर मे शामिल वैध की मुताबित देशी जड़ी बूटियों का प्रभाव अंग्रेजी दवाइयों से ज्यादा असरदार है जड़ी बूटियां बीमारी को जड़ से समाप्त करने मे कारागार सबित होती है इस शिविर का लाभ लेने बड़ी संख्या मे स्थानीय लोगों शिविर मे पहुँचे ।


बाइट- प्रोफेसर आर के त्रिपाठी, कुलपति केन्द्रीय विवि सागर

बाइट- नाड़ी वैद्य

बाइट- मरीज़Conclusion:
Last Updated : Oct 6, 2019, 3:32 PM IST
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