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लापरवाही की हद, सड़क पर पड़ा रहा कोरोना मरीज को लेकर जा रहा 108 का डॉक्टर

सागर में बॉडी सूट के कारण 108 पर तैनात डॉक्टर की जान जाते जाते बची, ये डॉक्टर कोरोना मरीज को ले जाने के लिए करीब 45 मिनट बॉडी सूट पहनकर धूप में खड़ा रहा और हालत बिगड़ने के कारण बेहोश होकर सड़क पर गिर गया.

108 doctor carrying corona patient got unconscious
बेहोश डॉक्टर
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Published : May 28, 2020, 6:04 PM IST

सागर। शहर के मोतीनगर थाना क्षेत्र में कोरोनाकाल में ड्यूटी पर लगे 108 ऐंबुलेंस के ईएमटी डाक्टर को जान के लाले पड़ गए. मामला टीबी हॉस्पिटल का है, जहां 108 की टीम दो कोरोना मरीजों को को लेने पहुंची थी. इस दौरान प्लास्टिक बॉडी सूट पहने डॉक्टर को मौके पर देर तक खड़े रहना पड़ा और अचानक डॉक्टर बेहोश होकर गिर पड़ा.

लापरवाही की हद

108 के पैरामेडिकल स्टाफ कर्मचारी ने बताया कि 108 ऐंबुलेंस के ईएमटी डाक्टर जब सागर टीबी हास्पिटल से एक करोना मरीज को बुंदेलखंड मेडीकल कालेज लेकर जाने के लिए पहुंचे थे, इस दौरान डॉक्टर प्लास्टिक से बना बॉडी सूट भी पहने हुए था. मेडिकल कॉलेज के बाहर करीब 45 मिनिट तक धूप में ही खड़ा रहने और बॉडी सूट के कारण डॉक्टर की हालत बिगड़ी और बेहोश होकर सड़क पर गिर गया.

डॉक्टर के बेहोश होने के बाद मेडीकल कॉलेज से कोई भी वार्ड बॉय डॉक्टर को उठाने नहीं आया, जिसके बाद 108 के साथी कर्मचारियों को ही डॉक्टर को उठाकर अंदर इलाज के लिए ले जाना पड़ा, अंदर पहुंचते ही बीएमसी के स्टाफ ने उन्हें जिला चिकित्सालय लेकर जाने को कहा क्योंकि बुंदेलखंड मेडीकल कालेज में कोई डाक्टर नहीं है. इस घटना ने एक तस्वीर साफ की है कि जब स्वास्थ्य विभाग के सहकर्मी के साथ स्वास्थ्य विभाग का है ये अमानवीय रवैया है तो आम लोगों के साथ क्या होगा.

सागर। शहर के मोतीनगर थाना क्षेत्र में कोरोनाकाल में ड्यूटी पर लगे 108 ऐंबुलेंस के ईएमटी डाक्टर को जान के लाले पड़ गए. मामला टीबी हॉस्पिटल का है, जहां 108 की टीम दो कोरोना मरीजों को को लेने पहुंची थी. इस दौरान प्लास्टिक बॉडी सूट पहने डॉक्टर को मौके पर देर तक खड़े रहना पड़ा और अचानक डॉक्टर बेहोश होकर गिर पड़ा.

लापरवाही की हद

108 के पैरामेडिकल स्टाफ कर्मचारी ने बताया कि 108 ऐंबुलेंस के ईएमटी डाक्टर जब सागर टीबी हास्पिटल से एक करोना मरीज को बुंदेलखंड मेडीकल कालेज लेकर जाने के लिए पहुंचे थे, इस दौरान डॉक्टर प्लास्टिक से बना बॉडी सूट भी पहने हुए था. मेडिकल कॉलेज के बाहर करीब 45 मिनिट तक धूप में ही खड़ा रहने और बॉडी सूट के कारण डॉक्टर की हालत बिगड़ी और बेहोश होकर सड़क पर गिर गया.

डॉक्टर के बेहोश होने के बाद मेडीकल कॉलेज से कोई भी वार्ड बॉय डॉक्टर को उठाने नहीं आया, जिसके बाद 108 के साथी कर्मचारियों को ही डॉक्टर को उठाकर अंदर इलाज के लिए ले जाना पड़ा, अंदर पहुंचते ही बीएमसी के स्टाफ ने उन्हें जिला चिकित्सालय लेकर जाने को कहा क्योंकि बुंदेलखंड मेडीकल कालेज में कोई डाक्टर नहीं है. इस घटना ने एक तस्वीर साफ की है कि जब स्वास्थ्य विभाग के सहकर्मी के साथ स्वास्थ्य विभाग का है ये अमानवीय रवैया है तो आम लोगों के साथ क्या होगा.

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