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महिलाओं ने अपने खून से बैनर पर लिखा नो NRC और नो CAA

पूरे देश में इस समय लोग सीएए और एनआरसी को लेकर गुस्से में हैं. दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर रीवा के बादशाही मैदान बिछिया में भी महिलाएं अपने बच्चों के साथ नौ दिनों से धरने पर बैठीं हैं.

NRC and CAA oppose
NRC और CAA का विरोध
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Published : Jan 29, 2020, 10:56 PM IST

Updated : Jan 29, 2020, 11:23 PM IST

रीवा। देश प्रेमी नारों के बीच बगैर किसी नेता के यह महिलाएं केंद्र सरकार के खिलाफ काफी गुस्से में हैं. उनका कहना है हम सरकार को मजबूर कर देंगे. महिलाओं ने कहा कि आपस में बंटवारा नहीं भाईचारा चाहिए. दिल्ली की तर्ज पर रीवा के बिछिया स्थित बादशाही मैदान में भी महिलाएं अपने बच्चों के साथ नौ दिनों से धरने पर बैठी हैं.

NRC और CAA का विरोध


इन महिलाओं ने अपने खून से बैनरों पर NO NRC, NO CAA और NO NPR लिख रखा है. महिलाओं का कहना है कि जब तक इस कानून को वापिस नहीं लिया जाता तब तक वे जगह से नहीं हटेंगीं. इन महिलाओं ने धरना स्थल पर उपवास भी शुरू कर दिया है.

रीवा। देश प्रेमी नारों के बीच बगैर किसी नेता के यह महिलाएं केंद्र सरकार के खिलाफ काफी गुस्से में हैं. उनका कहना है हम सरकार को मजबूर कर देंगे. महिलाओं ने कहा कि आपस में बंटवारा नहीं भाईचारा चाहिए. दिल्ली की तर्ज पर रीवा के बिछिया स्थित बादशाही मैदान में भी महिलाएं अपने बच्चों के साथ नौ दिनों से धरने पर बैठी हैं.

NRC और CAA का विरोध


इन महिलाओं ने अपने खून से बैनरों पर NO NRC, NO CAA और NO NPR लिख रखा है. महिलाओं का कहना है कि जब तक इस कानून को वापिस नहीं लिया जाता तब तक वे जगह से नहीं हटेंगीं. इन महिलाओं ने धरना स्थल पर उपवास भी शुरू कर दिया है.

Intro:एंकर: पूरे देश में इस समय लोग सीएए एनआरसी को लेकर गुस्से में हैं और इसको लेकर रैलियाँ निकाली जा रही है और धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर रीवा के बादसाही मैदान बिछिया में भी महिलाएं अपने बच्चों के साथ नौ दिनों से धरने पर बैठी है जिनका सरकार के खिलाफ काफी गुस्सा है इन महिलाओं ने अपने खून से बैनरो में नो एनआरसी नो सीएए नो एनआरपी लिख रखा है इन महिलाओं ने धरना स्थल पर उपवास भी शुरू कर दिया है।

Body:वीओ: 01.............. देश प्रेमी नारों के बीच बगैर किसी नेता के यह महिलाएं केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ काफी गुस्से में हैं उनका कहना है हम सरकार को मजबूर कर देंगे वह हमारी बात सुने संविधान को बदलने की बात ना करें हमें आपस में बटवारा नहीं भाईचारा चाहिए। पूरे देश में इस समय केंद्र की सरकार द्वारा लाए गए नागरिकता कानून के खिलाफ लोग अपने ही अंदाज में विरोध प्रकट कर रहे हैं दिल्ली के शाहीन बाग में जिस तरीके से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है उसी की तर्ज पर रीवा के बिछिया स्थित बादसाही मैदान में भी महिलाएं अपने बच्चों के साथ नौ दिनों से धरने पर बैठी है इन महिलाओं ने अपने खून से बैनरो में नो एनआरसी नो सीएए नो एनआरपी लिख रखा है और धरना स्थल पर ही बच्चों के साथ उपवास भी शुरू कर दिया है। जिन बच्चों के हांथो में किताबे होनी चाहिए वो बच्चे केंद्र सरकार की वजह से इस कानून को वापस लेने के लिए परिवार के साथ हांथों में तख्तियां और देश का झंडा लिए धरने पर बैठे है। धरने पर बैठी महिलाओं का कहना है की मोदी जी देश को बटवाना चाहते है जो आपस का भाईचारा है उसे ख़त्म करना चाहते है इसलिए ये कानून लाया गया है लेकिन हम इसको बचाने के लिए लगातार धरने पर बैठे रहेंगे जरूरत पड़ी तो अपनी जान भी दे देंगे क्योंकि ये देश हमारा है सरकार को कोई हक़ नहीं देश का बटवारा करने का। ये महिलाये सरकार को सद्बुद्धि देने के लिए भगवान् से प्राथना भी कर रही है जिससे वो इस काले कानून को वापस ले। इन महिलाओं का कहना है मोदी जी सभी के वोट से देश के प्रधानमंत्री बने है मुसलमानो ने भी उन्हें वोट दिया है अगर उन्हें मुस्लिमों से इतनी ही नफरत है तो वो पहले स्तीफा दे आखिर वो इस कानून के इतना पीछे क्यों पड़े है उन्हें देश की शिछा व्यवस्था को आगे बढ़ाना चाहिए रोजगार की व्यवस्था करनी चाहिए जो वो नहीं कर रहे है लोग बेरोजगार घूम रहे जिसको सुधारने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। Conclusion:बच्चों के साथ महिलाये पूरी तरह से धरना प्रदर्शन में जुट गई है अपने अपने तर्कों दावों के बीच अपनी बात को रोचक तरीके से रखने का प्रयास भी कर रही हैं जुदा-जुदा अंदाज ए बयां लेकिन मकसद सिर्फ और सिर्फ केवल एक इस कानून का मुकम्मल तौर से खात्मा पहली बार अपनी बात को मनवाने का प्रयास अब देखना दिलचस्प होगा दिल्ली की तर्ज पर रीवा में भी किया जा रहा है या आंदोलन किस मोड़ पर जाकर खत्म होता है।

बाईट: धरने पर बैठी महिलाये
बाईट: धरने पर बैठी महिलाये
Last Updated : Jan 29, 2020, 11:23 PM IST
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