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रीवा अस्पताल में बत्ती गुल ! सांसत में मरीजों की जान - संजय गांधी अस्पताल रीवा

रीवा के संजय गांधी अस्पताल में लाइट बंद होने का वीडियो वायरल हुआ है. आईसीयू के इस वीडियो में कई मरीज तड़पते हुए दिखाई दे रहे हैं. कलेक्टर ने वीडियो को गलत बताया.

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अस्पताल में बत्ती गुल
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Published : Apr 23, 2021, 5:45 PM IST

रीवा। कोरोना के कारण अस्पतालों में बेड नहीं मिलने से कई लोगों की जान जा रही है. लेकिन जो लोग अस्पताल में भर्ती है क्या वो सुरक्षित है? ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि रीवा के सबसे बड़े अस्पताल यानि की संजय गांधी अस्पताल में 10 मिनट के लिए लाइट चली गई. ICU के वेंटिलेटर और सभी मशीने बंद हो गई. इसके कारण वेंटिलेटर से जुड़ा ऑक्सीजन सपोर्ट सिस्टम भी बंद हो गया. इस दौरान वार्ड में अफरा तफरी का माहौल बन गया. ऑक्सीजन नहीं मिलने से कई मरीजों का दम घुटने लगा. इस दौरान एक मरीज के परिजन ने पूरी घटना का वीडियो बना लिया.

अस्पताल में बत्ती गुल, मरीजों की जान से खिलवाड़

चश्मदीद ने बताया तड़प रहे थे लोग

वीडियो बनाने वाले चश्मदीद का कहना है कि पहले दो बार थोड़ी-थोड़ी देर के लिए लाइट बंद हुई, फिर अचानक से 10 मिनट के लिए बिजली बंद हो गई. चश्मदीद ने दावा किया है कि लाइट जाने के दौरान सभी वेंटिलेटर बंद हो गए थे और ऑक्सीजन सप्लाई भी बाधित हुई थी. चश्मदीद ने बताया कि डॉक्टर के साथ मिलकर कुछ लोग वार्ड में ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर आए और मरीजों के लिए ऑक्सीजन सप्लाई शुरू करवाई.

जिंदगी देने वाला अस्पताल बना मौत का 'घर'

कलेक्टर ने वीडियो को बताया गलत

लाइट बंद होने पर आनन-फानन में अस्पताल प्रबंधन ने मशीनों को चालू करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की. घटना की जानकारी लगते ही रीवा कलेक्टर इलैया राजा टी भी अस्पताल पहुंचे. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए कलेक्टर ने तमाम दावों को खारिज कर दिया है. कलेक्टर ने यह तो माना कि शार्ट सर्किट की वजह से लाइट बंद हुई थी, लेकिन कलेक्टर ने वायरल वीडियो को गलत बताया है. कलेक्टर का दावा है कि लाइट जाने से ऑक्सीजन की सप्लाई प्रभावित नहीं होती है, साथ ही हर वेंटिलेटर पर यूपीएस है इसलिए वेंटिलेटर भी बंद नहीं हो सकते. कलेक्टर ने वीडियो बनाने वाले पर कार्रवाई की बात भी कही है.

रीवा। कोरोना के कारण अस्पतालों में बेड नहीं मिलने से कई लोगों की जान जा रही है. लेकिन जो लोग अस्पताल में भर्ती है क्या वो सुरक्षित है? ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि रीवा के सबसे बड़े अस्पताल यानि की संजय गांधी अस्पताल में 10 मिनट के लिए लाइट चली गई. ICU के वेंटिलेटर और सभी मशीने बंद हो गई. इसके कारण वेंटिलेटर से जुड़ा ऑक्सीजन सपोर्ट सिस्टम भी बंद हो गया. इस दौरान वार्ड में अफरा तफरी का माहौल बन गया. ऑक्सीजन नहीं मिलने से कई मरीजों का दम घुटने लगा. इस दौरान एक मरीज के परिजन ने पूरी घटना का वीडियो बना लिया.

अस्पताल में बत्ती गुल, मरीजों की जान से खिलवाड़

चश्मदीद ने बताया तड़प रहे थे लोग

वीडियो बनाने वाले चश्मदीद का कहना है कि पहले दो बार थोड़ी-थोड़ी देर के लिए लाइट बंद हुई, फिर अचानक से 10 मिनट के लिए बिजली बंद हो गई. चश्मदीद ने दावा किया है कि लाइट जाने के दौरान सभी वेंटिलेटर बंद हो गए थे और ऑक्सीजन सप्लाई भी बाधित हुई थी. चश्मदीद ने बताया कि डॉक्टर के साथ मिलकर कुछ लोग वार्ड में ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर आए और मरीजों के लिए ऑक्सीजन सप्लाई शुरू करवाई.

जिंदगी देने वाला अस्पताल बना मौत का 'घर'

कलेक्टर ने वीडियो को बताया गलत

लाइट बंद होने पर आनन-फानन में अस्पताल प्रबंधन ने मशीनों को चालू करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की. घटना की जानकारी लगते ही रीवा कलेक्टर इलैया राजा टी भी अस्पताल पहुंचे. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए कलेक्टर ने तमाम दावों को खारिज कर दिया है. कलेक्टर ने यह तो माना कि शार्ट सर्किट की वजह से लाइट बंद हुई थी, लेकिन कलेक्टर ने वायरल वीडियो को गलत बताया है. कलेक्टर का दावा है कि लाइट जाने से ऑक्सीजन की सप्लाई प्रभावित नहीं होती है, साथ ही हर वेंटिलेटर पर यूपीएस है इसलिए वेंटिलेटर भी बंद नहीं हो सकते. कलेक्टर ने वीडियो बनाने वाले पर कार्रवाई की बात भी कही है.

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