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जंगल के राजा पर कोरोना का खतरा, राज्यमंत्री ने दिए समय-समय पर जांच के आदेश - इंसान के बाद जानवरों में कोरोना

व्हाइट टाइगर सफारी सहित वन्य प्राणियों को रखने के लिए बनाए गए उद्यानों में बेजुबान जानवरो को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए अब शासन स्तर पर कोशिशें की जा रही है. होशंगाबाद के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बाघ सहित अन्य जानवरों की मॉनिटरिंग तेज कर दी गई है.

tiger in danger due to corona
जंगल के राजा पर कोरोना का खतरा
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Published : May 5, 2021, 8:04 PM IST

Updated : May 5, 2021, 10:38 PM IST

रीवा। व्हाइट टाइगर सफारी सहित वन्य प्राणियों को रखने के लिए बनाए गए उद्यानों में बेजुबान जानवरो को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए अब शासन स्तर पर कोशिशें की जा रही है. जिसको लेकर राज्य के कैबिनेट तथा कोविड प्रभारी मंत्री रामखेलावन पटेल के द्वारा अधिकारियों को निर्देशित करते हुए वन्य प्राणियों का समय-समय पर जांच कराने के आदेश दिया गया है.

कोरोना वायरस की जद में बेजुबान वन्य प्राणी
कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए शासन प्रशासन के द्वारा लगातार इसके रोकथाम को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. मगर संक्रमण है कि रुकने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसे में संक्रमण का स्तर वन्य प्राणियों तक बढ़ने लगा है. तेलंगाना के हैदराबाद में स्थित वन्य प्राणी उद्यान में 8 एशियाई शेर भी कोरोना वायरस की चपेट में आ गए. जिसके बाद वन्य प्राणियों के स्वास्थय और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश शासन के राज्यमंत्री और कोविड-19 प्रभारी रामखेलावन पटेल के द्वारा रीवा में अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि बाघों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए.

जंगल के राजा पर कोरोना का खतरा


कोरोना संक्रमण के चलते रीवा का व्हाइट टाइगर सफारी है बंद
वहीं बात की जाए तो पिछले साल कोरोना संक्रमण के शुरुआती दौर में ही रीवा के मुकुंदपुर में स्थित माहाराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव व्हाइट टाइगर सफारी पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा दिया गया था, और पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई थी. लेकिन कुछ महीनो के बाद जब कोरोना संक्रमण का प्रभाव कम हुआ तो कोविड गाइड लाइन का पालन करते हुए व्हाइट टाइगर सफारी प्रबंधन के द्वारा उसे दोबारा खोल दिया गया था और पर्यटक भी वहां पहुचने लगे. इधर तेजी के साथ बढ़ते कोरोना संक्रमण के दूसरे दौर को देखते हुए व्हाइट टाइगर सफारी में एक बार फिर पर्यटकों के आने-जाने पर रोक लगा दी गई और अब एक बार फिर टाइगर सफारी को बंद कर दिया गया है. टाइगर सफारी में सफेद शेर के अलावा बंगाल टाइगर, भालू, हिरण, सहित कई प्रकार के वन्य जीव मौजूद है, जिनकी देखरेख के लिए पशु चिकित्सको की टीम पहले से तैनात है. लेकिन अब वहां मौजूद वन्य जीवों में भी कोरोना संक्रमण का बढ़ता खतरा दिखाई दे रहा है. जिसको लेकर कोविड प्रभारी मंत्री रामखेलावन पटेल ने समय समय पर जांच कराने के निर्देश जारी किए है.

मध्यप्रदेश: गर्मियां आते ही क्यों जल रहे हैं जंगल, जिम्मेदार कौन?

बाघों की मॉनीटरिंग तेज़
उधर होशंगाबाद के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बाघ सहित अन्य जानवरों की मॉनिटरिंग तेज कर दी गई है. एसटीआर से मिली जानकारी के अनुसार पूरे सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में अलर्ट जारी किया गया है. इसके साथ सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं, कि किसी भी जानवर की मौत होने पर तुरंत उच्च अधिकारियों को जानकारी दें. इसके साथ मृत जानवर की जांच करा कर वरिष्ठ अधिकारियों को मेडिकल स्थिति की जानकारी भी देने को कहा गया है.
जानवरों के सीधे संपर्क में आने से बचें
वही सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के डॉक्टर गुरुदत्त शर्मा ने बताया के एसटीआर के सभी कर्मचारियों को बताया गया की जानवरों के सीधे संपर्क में न आएं. वह कर्मचारी जो जंगली जानवरों के बाड़ों के पास जानवरों के संपर्क में होते हैं. उन्हें विशेष निर्देश दिए गए हैं की पहले स्वयं सेनेटाइज होकर ही जानवरों के बाड़ों में जाएं, और यदि किसी भी प्रकार से कोई जानवर संदिग्ध दिखाई देता है तो वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किये जाने के निर्देश दिए गए हैं. जानवरों में किसी भी प्रकार के लक्षण या कमजोरी दिखाई देती है तो तुरंत जानकारी देने को भी कहा गया है.

रीवा। व्हाइट टाइगर सफारी सहित वन्य प्राणियों को रखने के लिए बनाए गए उद्यानों में बेजुबान जानवरो को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए अब शासन स्तर पर कोशिशें की जा रही है. जिसको लेकर राज्य के कैबिनेट तथा कोविड प्रभारी मंत्री रामखेलावन पटेल के द्वारा अधिकारियों को निर्देशित करते हुए वन्य प्राणियों का समय-समय पर जांच कराने के आदेश दिया गया है.

कोरोना वायरस की जद में बेजुबान वन्य प्राणी
कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए शासन प्रशासन के द्वारा लगातार इसके रोकथाम को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. मगर संक्रमण है कि रुकने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसे में संक्रमण का स्तर वन्य प्राणियों तक बढ़ने लगा है. तेलंगाना के हैदराबाद में स्थित वन्य प्राणी उद्यान में 8 एशियाई शेर भी कोरोना वायरस की चपेट में आ गए. जिसके बाद वन्य प्राणियों के स्वास्थय और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश शासन के राज्यमंत्री और कोविड-19 प्रभारी रामखेलावन पटेल के द्वारा रीवा में अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि बाघों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए.

जंगल के राजा पर कोरोना का खतरा


कोरोना संक्रमण के चलते रीवा का व्हाइट टाइगर सफारी है बंद
वहीं बात की जाए तो पिछले साल कोरोना संक्रमण के शुरुआती दौर में ही रीवा के मुकुंदपुर में स्थित माहाराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव व्हाइट टाइगर सफारी पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा दिया गया था, और पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई थी. लेकिन कुछ महीनो के बाद जब कोरोना संक्रमण का प्रभाव कम हुआ तो कोविड गाइड लाइन का पालन करते हुए व्हाइट टाइगर सफारी प्रबंधन के द्वारा उसे दोबारा खोल दिया गया था और पर्यटक भी वहां पहुचने लगे. इधर तेजी के साथ बढ़ते कोरोना संक्रमण के दूसरे दौर को देखते हुए व्हाइट टाइगर सफारी में एक बार फिर पर्यटकों के आने-जाने पर रोक लगा दी गई और अब एक बार फिर टाइगर सफारी को बंद कर दिया गया है. टाइगर सफारी में सफेद शेर के अलावा बंगाल टाइगर, भालू, हिरण, सहित कई प्रकार के वन्य जीव मौजूद है, जिनकी देखरेख के लिए पशु चिकित्सको की टीम पहले से तैनात है. लेकिन अब वहां मौजूद वन्य जीवों में भी कोरोना संक्रमण का बढ़ता खतरा दिखाई दे रहा है. जिसको लेकर कोविड प्रभारी मंत्री रामखेलावन पटेल ने समय समय पर जांच कराने के निर्देश जारी किए है.

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बाघों की मॉनीटरिंग तेज़
उधर होशंगाबाद के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बाघ सहित अन्य जानवरों की मॉनिटरिंग तेज कर दी गई है. एसटीआर से मिली जानकारी के अनुसार पूरे सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में अलर्ट जारी किया गया है. इसके साथ सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं, कि किसी भी जानवर की मौत होने पर तुरंत उच्च अधिकारियों को जानकारी दें. इसके साथ मृत जानवर की जांच करा कर वरिष्ठ अधिकारियों को मेडिकल स्थिति की जानकारी भी देने को कहा गया है.
जानवरों के सीधे संपर्क में आने से बचें
वही सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के डॉक्टर गुरुदत्त शर्मा ने बताया के एसटीआर के सभी कर्मचारियों को बताया गया की जानवरों के सीधे संपर्क में न आएं. वह कर्मचारी जो जंगली जानवरों के बाड़ों के पास जानवरों के संपर्क में होते हैं. उन्हें विशेष निर्देश दिए गए हैं की पहले स्वयं सेनेटाइज होकर ही जानवरों के बाड़ों में जाएं, और यदि किसी भी प्रकार से कोई जानवर संदिग्ध दिखाई देता है तो वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किये जाने के निर्देश दिए गए हैं. जानवरों में किसी भी प्रकार के लक्षण या कमजोरी दिखाई देती है तो तुरंत जानकारी देने को भी कहा गया है.

Last Updated : May 5, 2021, 10:38 PM IST
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