रीवा। बेमौसम बारिश किसानों के लिए आफत बन गई है, उनकी मेहनत पर बर्बादी का पानी (heavy rain without season in MP) फिर गया है. प्रदेश के अधिकांश खरीदी केंद्रों पर रखा हजारों टन धान पानी-पानी हो गया. लापरवाही का आलम ये है कि खरीदी केंद्र पर पड़ा धान खुले में पड़ा है और कोई सुध लेने वाला नहीं है. रीवा के करहिया मंडी में स्थित चोरहटा खरीदी केंद्र पर रखा भीगने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
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लापरवाही की भेंट चढ़ा 50 टन मक्का
छिंदवाड़ा की मंडियों में रखा किसानों का हजारों टन अनाज बारिश (heavy rain without season in jabalpur) में भीग गया है. अचानक बदले मौसम के रुख ने मंडी की अव्यवस्थाओं को बेनकाब कर दिया है. मंडी में बने शेड में हमेशा व्यापारियों का अनाज रखा रहता है, जिसे तय समय पर नहीं उठाया जाता, जिसके कारण शेड में जगह खाली नहीं रहती और किसानों को खुले में अनाज रखना पड़ता है. मंडी में रखा करीब 50 हजार टन मक्का, सोयाबीन और गेहूं बारिश में पूरी तरह भीग गया है, अब भीगे अनाज का किसानों को उचित मूल्य भी नहीं मिल पाएगा.
बारिश में बर्बाद हजारों टन प्याज
मंदसौर में भी बारिश से बर्बादी का आलम ये है कि कृषि उपज मंडी और जिले की शामगढ़ मंडी में खुले में पड़ा हजारों टन प्याज भीग गया. मंडी में प्याज लेकर पहुंचे पलेवना गांव के किसान गोबर सिंह ने बताया कि 2 दिन पहले ही मंडी में प्याज की बिक्री करने पहुंचे थे, लेकिन बुधवार रात से हुई बारिश (heavy rain without season in mandsaur) ने प्याज को भिगा दिया, जिससे बड़ा नुकसान हुआ है. अब व्यापारी भीगा प्याज खरीदने से मना कर रहे हैं. छाछ खेड़ी गांव के किसान जगदीश ने बताया कि एक दिन पहले ही प्याज लेकर मंडी पहुंचे थे, लेकिन नीलामी में देरी की वजह से बारीश में भीग गया. अब व्यापारी गीला प्याज लेने से इनकार कर रहे हैं.
सर्दी से सिकुड़े किसान देख रहे बर्बादी का शासन
शिवपुरी जिले में अन्नदाता पर कुदरत का ऐसा कहर बरपा है, जिसकी किसी को उम्मीद तक नहीं थी. बेमौसम बारिश (heavy rain without season in shivpuri) ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है. हालात ये हैं कि रातोर खरीदी केंद्र पर धान की फसल बेचने पहुंचे किसानों का धान भी पानी में भीग गया. अब तक खरीदी केंद्र पर कोई आया नहीं है, अगर बारिश यूं ही होती रही तो उनकी फसल नहीं बिक पाएगी, ऐसे में उन्हें फसल कचरे में फेंकना पड़ेगा. ठंड (heavy cold due to rain in mp) में कांपते किसान बारिश और गीली जमीन के कारण अलाव तक नहीं जला पा रहे हैं.
रबी की फसलों के लिए आसमान से अमृत वर्षा
जम्मू कश्मीर से उठे पश्चिमी विक्षोभ से अनूपपुर जिले में मंगलवार दोपहर से देर शाम तक झमाझम बारिश हुई, सुबह से आसमान में बादल छाए हुए थे और दोपहर होते-होते अंधेरा छा गया, फिर चमक गरज के साथ बारिश का सिलसिला जो शुरू हुआ वह शाम तक बना रहा. बारिश की वजह से ठंड में इजाफा हो गया है. बेमौसम हुई ये बारिश रबी सीजन की फसलों के लिए फायदेमंद है. हालांकि, खरीफ सीजन की दलहनी फसलों के नुकसान की आशंका भी है. वहीं खरीद केंद्रों पर किसानों के हजारों टन धान पानी में भीग गए. बारिश के चलते लोगों को कार्यस्थल से घर जाने में दिक्कत हुई. बारिश के दौरान घंटों बिजली भी गुल रही और दिन का नजारा ऐसा था मानो शाम ढल चुकी हो.
किसानों की मेहनत पर फिरा बर्बादी का पानी
जबलपुर में सुबह से ही तेज बारिश से जनजीवन पूरी तरह प्रभावित है, बेमौसम बारिश ने अगर सबसे ज्यादा किसी को आहत किया है तो वह हैं किसान, जिनकी मेहनत पर पानी फिर गया है. किसान धान बेचने के लिए कृषि उपज मंडी ले गए थे, जहां धान को बारिश से बचाने का कोई उपाय नहीं था. कृषि उपज मंडी को अनाज पानी से बचाने के लिए त्रिपाल और अन्य तरह की व्यवस्थाएं करनी थी, कृषि उपज मंडी की लापरवाही के चलते किसानों की फसल बर्बाद हो गई और ऐसे में अब किसान अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं.
अनाज ढकने की व्यवस्था है तो फिर भीगा कैसे
जबलपुर में प्रशासन की लापरवाही के चलते हजारों क्विंटल धान बारिश में भीग गया. अधिकारियों का कहना है कि बेमौसम बारिश से कुछ हद तक धान जरूर खराब हुआ है, पर अनाज ढकने की व्यवस्था भी की गई है, जिसके चलते कम से कम बारिश में धान खराब होने की संभावना है. समय से धान खरीदी नहीं होने और व्यवस्थाएं नहीं होने का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. जिला आपूर्ति नियंत्रक नुजहत बकाई का कहना है कि धान को पानी से बचाने की व्यवस्था उपार्जन संस्था ने कर रखा है, परिवहन विभाग को भी धान का तेजी से परिवहन करने के निर्देश दिए गए हैं.