रीवा। जनता के हित के लिए चालू की गई केंद्र सरकार की सौभाग्य योजना, दुर्भाग्य योजना बन कर रह गई है. जनता दल सेकुलर के प्रदेशाध्यक्ष शिव सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि सौभाग्य योजना के तहत विद्युतीकरण के नाम पर रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली में व्यापक भ्रष्टाचार किया गया है, उनका आरोप है कि भाजपा नेता, मंत्री, विद्युत विभाग के अधिकारी और कर्मचारी ठेकेदारों ने मिलकर योजना में जमकर बंदर बांट कर रहे हैं.
सौभाग्य योजना के लिए कुल 321 करोड़ 10 लाख की राशि मंजूर की गई थी. जिसके तहत कार्य पूर्ण होने की अवधि 31 मार्च 2019 थी, लेकिन इनाम और प्रशस्ति पत्र लेने के लिए दस्तावेज में 31 अक्टूबर 2018 को ही कार्य पूर्ण दिखा दिया गया था.
प्रशस्ति पत्र के साथ चीफ इंजीनियर को एक लाख इनाम तथा यसई को पचास हजार रुपए व अन्य अधिकारियों को पचीस- पचीस हजार का इनाम दिया गया था. हितग्राहियों से आधार कार्ड लेकर कागजों में कनेक्शन तो दिए गए, लेकिन अभी तक मीटर नहीं लगे. कुछ पुराने मीटर धारकों को भी सौभाग्य योजना में जोड़कर ठेकेदार ने करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया है.