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जेडीएस के प्रदेश अध्यक्ष ने सौभाग्य योजना में लगाया भ्रष्टाचार का आरोप, सीबीआई जांच की मांग - केंद्र सरकार

रीवा संभाग में केंद्र सरकार की सौभाग्य योजना के करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. जेडीएस के प्रदेशाध्यक्ष ने पूरे मामले की सीबीआई से जांच करवाए जाने की मांग की है.

जेडीएस प्रदेशाध्यक्ष ने सौभाग्य योजना में लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
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Published : Sep 20, 2019, 12:00 AM IST

रीवा। जनता के हित के लिए चालू की गई केंद्र सरकार की सौभाग्य योजना, दुर्भाग्य योजना बन कर रह गई है. जनता दल सेकुलर के प्रदेशाध्यक्ष शिव सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि सौभाग्य योजना के तहत विद्युतीकरण के नाम पर रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली में व्यापक भ्रष्टाचार किया गया है, उनका आरोप है कि भाजपा नेता, मंत्री, विद्युत विभाग के अधिकारी और कर्मचारी ठेकेदारों ने मिलकर योजना में जमकर बंदर बांट कर रहे हैं.

जेडीएस प्रदेशाध्यक्ष ने सौभाग्य योजना में लगाया भ्रष्टाचार का आरोप

सौभाग्य योजना के लिए कुल 321 करोड़ 10 लाख की राशि मंजूर की गई थी. जिसके तहत कार्य पूर्ण होने की अवधि 31 मार्च 2019 थी, लेकिन इनाम और प्रशस्ति पत्र लेने के लिए दस्तावेज में 31 अक्टूबर 2018 को ही कार्य पूर्ण दिखा दिया गया था.

प्रशस्ति पत्र के साथ चीफ इंजीनियर को एक लाख इनाम तथा यसई को पचास हजार रुपए व अन्य अधिकारियों को पचीस- पचीस हजार का इनाम दिया गया था. हितग्राहियों से आधार कार्ड लेकर कागजों में कनेक्शन तो दिए गए, लेकिन अभी तक मीटर नहीं लगे. कुछ पुराने मीटर धारकों को भी सौभाग्य योजना में जोड़कर ठेकेदार ने करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया है.

रीवा। जनता के हित के लिए चालू की गई केंद्र सरकार की सौभाग्य योजना, दुर्भाग्य योजना बन कर रह गई है. जनता दल सेकुलर के प्रदेशाध्यक्ष शिव सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि सौभाग्य योजना के तहत विद्युतीकरण के नाम पर रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली में व्यापक भ्रष्टाचार किया गया है, उनका आरोप है कि भाजपा नेता, मंत्री, विद्युत विभाग के अधिकारी और कर्मचारी ठेकेदारों ने मिलकर योजना में जमकर बंदर बांट कर रहे हैं.

जेडीएस प्रदेशाध्यक्ष ने सौभाग्य योजना में लगाया भ्रष्टाचार का आरोप

सौभाग्य योजना के लिए कुल 321 करोड़ 10 लाख की राशि मंजूर की गई थी. जिसके तहत कार्य पूर्ण होने की अवधि 31 मार्च 2019 थी, लेकिन इनाम और प्रशस्ति पत्र लेने के लिए दस्तावेज में 31 अक्टूबर 2018 को ही कार्य पूर्ण दिखा दिया गया था.

प्रशस्ति पत्र के साथ चीफ इंजीनियर को एक लाख इनाम तथा यसई को पचास हजार रुपए व अन्य अधिकारियों को पचीस- पचीस हजार का इनाम दिया गया था. हितग्राहियों से आधार कार्ड लेकर कागजों में कनेक्शन तो दिए गए, लेकिन अभी तक मीटर नहीं लगे. कुछ पुराने मीटर धारकों को भी सौभाग्य योजना में जोड़कर ठेकेदार ने करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया है.

Intro:रीवा संभाग में केंद्र सरकार की सौभाग्य योजना के करोड़ों का भ्रष्टाचार, मामले की सीबीआई से जांच कराए जाने की मांग।


Body:जनता के हितार्थ चालू की गई केंद्र सरकार के सौभाग्य योजना दुर्भाग्य योजना बन कर रह गई,जनता दल सेकुलर के प्रदेशाध्यक्ष शिव सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि सौभाग्य योजना के तहत विद्युतीकरण के नाम पर रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली में व्यापक भ्रष्टाचार किया गया है भाजपा सरकार के नेता, मंत्री, विद्युत विभाग के अधिकारी कर्मचारी, ठेकेदार मिलकर योजना में जमकर बदर बाट किया।

रीवा संभाग में इस योजना के लिए कुल 321 करोड 10 लाख की राशि मंजूर की गई थी। इस योजना के तहत कार्य पूर्ण होने की अवधि 31 मार्च 2019 थी लेकिन इनाम और प्रशस्ति पत्र लेने के लिए दस्तावेज में 31 अक्टूबर 2018 को ही कार्य पूर्ण दिखा दिया गया तथा प्रशस्ति पत्र के साथ चीफ इंजीनियर को एक लाख इनाम तथा यस ई को पचास हजार रुपए व अन्य अधिकारियों को पचीस पचीस हजार का इनाम दिया गया, 50% हुए कार्य शतप्रतिशत दिखा दिया ,जहां 5 पोल खड़े किए गए उनको 10 दिखाया गया सप्लायर के मिलकर खरीदी में व्यापक भ्रष्टाचार किया गया एवं हितग्राहियों से आधार कार्ड लेकर कागजों में कनेक्शन दिए गए लेकिन अभी तक वहां मीटर नहीं लगे कुछ पुराने मीटर धारकों को भी सौभाग्य योजना में जोड़कर ठेकेदार द्वारा करोड़ों रुपए भ्रष्टाचार कर दिए गए।

कांग्रेस सरकार के 9 माह पूरे होने के बाद भी भ्रष्टाचार पर नहीं लग पाया अंकुश, पूरे प्रदेश के अंदर कांग्रेस पार्टी अधिकारियों से ट्रांसफर कराने रोकने के नाम पर भाजपा सरकार के कार्यकाल के भ्रष्टाचार अधिकारियों से ही पैसा कमाने का काम कर रही है प्रदेश में विकास नहीं सिर्फ ट्रांसफर की राजनीति चल रही है प्रदेश सरकार से मांग है कि तत्काल इस योजना की सीबीआई जांच कराई जाए अधिकारियों को दंडित किया जाए।

बाइट- शिव सिंह, प्रदेशाध्यक्ष जनता दल सेकुलर


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