रीवा। सूबे की सियासत में रीवा क्षेत्र हमेशा चर्चित रहा है. यहां सफेद शेर यानी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्व. श्रीनिवास तिवारी का एक वक्त सिक्का चलता था. यही वजह है कि लोकसभा का चुनाव हो या विधानसभा पिछले चार दशकों से कांग्रेस इसी परिवार पर भरोसा जताती आ रही है. इस बार भी कांग्रेस ने पूर्व सांसद सुंदरलाल तिवारी के बेटे सिद्धार्थ तिवारी को चुनावी अखाड़े में उतारा है.
कांग्रेस प्रत्याशी सिद्धार्थ तिवारी ने कहा कि '1972 में मेरे परिवार ने कांग्रेस की सदस्यता ली थी तब से लेकर अब तक मेरे परिवार ने क्षेत्र की जनता और कांग्रेस के लिये जितना बना किया'. उन्होंने कहा कि 'अगर बोला जाए कि मेरी रगों में कांग्रेस का खून है तो यह गलत नहीं होगा. मेरा जन्म 1983 में हुआ और मेरे बाबा ने 1972 में कांग्रेस की सदस्यता ली थी.'
सिद्धार्थ ने कहा कि राहुल गांधी ने मुझे टिकट देकर रीवा के 11 लाख 10 हजार मतदाताओं का सम्मान किया है. चुनावी मुद्दों पर उन्होने कहा कि आम आदमी की समस्या, विकास, रोजगार, सड़क बिजली, पानी है. बीजेपी सांसद जनार्दन मिश्रा ने पिछले पांच सालों में क्षेत्र में विकास नहीं किया. देश और प्रदेश में सरकार होने के बावजूद जर्नादन मिश्रा ने कुछ नहीं किया और अब वह जनता को मुद्दों से भटका रहे हैं.
पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के कहने पर रीवा में कांग्रेस के साथ एक नई राजनीति की शुरूआत करने वाले श्रीनिवास तिवारी ने सफेद शेर के रूप में पहचान स्थापित की.उसके बाद राजीव गांधी के साथ उनके बेटे सुंदरलाल तिवारी ने लगातार कांग्रेस के लिए काम किया. अब सिद्धार्थ ने राहुल गांधी के साथ मिलकर कांग्रेस की राह पकड़ी है.