रीवा। कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर में देश के अस्पताल और वहां भर्ती मरीज दोनों के हालात नाजुक बने हुए हैं, लेकिन इस बीच कई ऐसे लोग हैं जो अपने दायित्व से बढ़कर काम कर रहे हैं. कोरोना संक्रमण के दौर में अपनों के ख्याल के साथ जन सेवा का काम कर रीवा के अमहिया थाने के प्रभारी शिवा अग्रवाल ने एक मिशाल पेश की है. दरअसल, शिवा अग्रवाल के 2 भाई संजय गांधी अस्पताल के कोविड वार्ड में भर्ती हैं और वह अपने भाईयों की देखरेख के साथ-साथ वह अपनी ड्यूटी भी कर रहे हैं और अस्पताल की व्यवस्थाओं को सुधार रहे हैं.
- सुर्खियों में शिवा
इन दिनों थाना प्रभारी शिवा अग्रवाल समाज में अपने काम करने के तरीकों को लेकर सुर्खियों में हैं. शिवा कुछ दिन पहले एक नीबू बेचने वाली बुर्जुग महिला की मदद करने के बाद शहर में काफी चर्चित हुए थे. दरअसल, रीवा में लॉकडाउन के दौरान एक बुर्जुग महिला चौराहे पर बैठकर नींबू बेच रही थी और घंटो बीत जाने के बाद भी उसके नींबू नहीं बिक रहे थे. इस दौरान अमहिया थाना प्रभारी शिवा अग्रवाल ने बिना मास्क और बिना हेलमेट के जा रहे लोगों का चालान काटने की बजाए उनसे महिला के नींबू खरीदने का आग्रह किया.
- शिवा का दूसरा कारनामा
इसके बाद थाना प्रभारी का एक और कारनामा उन्हें चर्चित कर रहा हैं. 5-6 साल का बच्चा अपने पापा से जन्म दिवस मनाने की जिद कर रहा था, मगर लॉकडाउन होने के चलते उसके पिता ने जन्मदिन मनाने से इंकार कर दिया. तब अमहिया थाना प्रभारी ने बच्चे के घर पहुंचकर केक काटकर जन्मदिन की खुशियां मनाई. इस दौरान शिवा लॉकडाउन में अपने पुलिस के जवानों को ड्यूटी की याद दिलाने और उनका मनोबल बढ़ाने के लिए 'तेरी मिट्टी' गाना गाया. शिवा इस तरह के बहुत से सराहनीय काम करने के साथ लगातार अपना फर्ज निभाने में कभी कोई कमी नहीं छोड़ते हैं और वह लगातार अवैध काम करने वाले अपराधियों पर कार्रवाई भी करते हैं.
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- मानवता का धर्म निभाते शिवा
थाना प्रभारी शिवा कोरोना काल में उन लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने अपनी ड्यूटी के अलावा इस संकट की घड़ी में मानवता का धर्म निभाया है. वह एक कोरोना वॉरियर्स के साथ-साथ एक जाबाज जवान भी है.
- 8 मई को थी शिवा की शादी
शिवा अग्रवाल बताते हैं कि इस लॉकडाउन में 8 मई को उनकी शादी होनी थी. मगर समाज को एक नया संदेश देने के लिए ड्यूटी को ही उन्होंने अपनी पहली प्राथमिकता समझा और 8 मई को होने वाली शादी को उन्होंने टाल दिया. अब वह अपने कोरोना संक्रमित भाइयों की देखरेख करते हुए संजय गांधी अस्पताल के कोविड वार्ड में ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं. साथ ही संजय गांधी अस्पताल में अन्य व्यवस्थाओं को लेकर भी वह अपनी ड्यूटी निभा रहे है और लोगों को संदेश दे रहे हैं कि वह भी जरुरतमंदों की मदद के लिए आगे आएं.